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Barmer : शहीद सांवलाराम को BSF कैंप में दी गई श्रद्धांजलि, बेटों ने कहा- हमेशा सेना में जाने के लिए करते थे मोटिवेट

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Published : Aug 1, 2022, 10:23 AM IST

Updated : Aug 1, 2022, 3:31 PM IST

Martyr Sanvlaram last rites in Barmer
शहीद सांवलाराम को दी गई श्रद्धांजलि

कांगो में उग्रवादियों से लोहा लेते शहीद हुए सांवलाराम विश्नोई का आज उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार (Martyr Sanvlaram last rites in Barmer) किया जाएगा. शहीद जवान सांवलाराम के बेटों ने कहा कि पिताजी जब भी घर आते तो कहते थे कि देश सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है और देश सेवा के लिए सेना में भेजने की बात करते थे.

बाड़मेर. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में अफ्रीका के कांगो में 26 जुलाई को प्रदर्शनकारियों ने सेना पर हमला बोल दिया था. अन्य जवानों के साथ ही सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात 2 जवान भी शहीद हुए थे. सोमवार को बाड़मेर के सांवलाराम विश्नोई का पार्थिव शरीर बाड़मेर (Martyr Sanvlaram last rites in Barmer) पहुंचा, जहां 83 बीएसएफ बटालियन कैंप में सीमा सुरक्षा बल की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. इसके बाद पार्थिव देह पैतृक गांव के लिए रवाना हुआ.

वन एवं पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी, राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष मेवाराम जैन, बीएसएफ गुजरात फ्रंटियर डीआईजी अश्विनी जग्गी, जिला कलेक्टर लोकबंधु पुलिस अधीक्षक दीपक भार्गव, जिला प्रशासन के साथ पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ वीर शहीद सांवलाराम को पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस दौरान वंदे मातरम और शहीद सांवलाराम अमर रहे के नारे गूंजते रहे.

पढ़ें- UN Peacekeeping Mission : कांगो में शहीद हुए सांवलाराम की पार्थिव देह पहुंची बड़मेर, कल होगा अंतिम संस्कार...

सीमा सुरक्षा बल के गुजरात फ्रंटियर के डीआईजी अश्वनी जग्गी ने बताया कि मुख्य प्रहरी सांवला राम विश्नोई सीमा सुरक्षा बल में 25 जनवरी 1999 को भर्ती हुए थे. सांवलाराम शुरू से ही कर्मठ, उत्साही और कर्तव्यनिष्ठ कार्मिक थे. इसी सेवा और कर्मठता के चलते संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन कांगो के लिए चुना गया. वे 2 मई 2022 से शांति मिशन कांगो में अपनी सेवाएं दे रहे थे.

शहीद के बेटों ने क्या कहा...

बीते मंगलवार को कांगो में उग्र भीड़ ने धारदार हथियारों और ऑटोमेटिक हथियारों से सैन्य कैंप पर हमला कर दिया था, ऐसे में मुख्य प्रहरी सांवलाराम विश्नोई ने अदम्य एवं वीरता का परिचय दिया और सैन्य कैंप में मौजूद सैकड़ों लोगों की जान बचाई. मुख्य प्रहरी सांवलाराम बिश्नोई ने बुरी तरह जख्मी होते हुए भी अंतिम सांस तक उग्रवादियों का मुकाबला करते रहे और शहीद हो गए.

श्रद्धांजलि कार्यक्रम के बाद शहीद जवान की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव बांड के लिए रवाना हुई. इस दौरान जगह-जगह पर शहीद जवान अंतिम दर्शन की एक झलक पाने के लिए बाड़मेरवासियों का हुजूम उमड़ पड़ा. वहीं, शहीद के पैतृक गांव में राष्ट्रीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

देश सेवा ही सबसे बड़ी सेवा- अभिनव: शहीद जवान सांवलाराम के छोटे बेटे अभिनव ने बताया कि उसके पिता शांति सेना में कांगो गए थे. इस दौरान कांगों में हुई हिंसक घटना में गोली लगने से उनका निधन हो गया. 27 जुलाई को घरवालों को पता चला कि पिताजी शहीद हो गए हैं. अभिनव ने कहा कि उसे गर्व है उसके पिताजी सैकड़ों लोगों की जान बचाने के दौरान शहीद हुए और लेकिन उसे पिता को खोने का दु:ख भी है. पिताजी जब भी घर आते तो कहते थे कि देश सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है ओर मुझे भी देश सेवा के लिए सेना में भेजने की बात करते थे.

पढ़ें- UN Peacekeeping Mission : कांगो में हुई हिंसक घटना में राजस्थान के दो BSF जवान शहीद

पिताजी हमेशा बोलते थे तुम्हें अपनी जगह सेना में भेजूंगा- शहीद जवान सांवलाराम के बड़े बेटे अक्षय ने बताया कि 27 जुलाई को परिवार के लोगों इस घटना के बारे में जानकारी मिली. घटना के चार-पांच दिन बाद भी पार्थिव शरीर नहीं मिला तो घर में मम्मी और परिवार के लोगों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. अक्षय ने बताया कि उसके पिताजी का पार्थिव शरीर 4-5 दिनों तक नही पहुंचा तो हमें डर सता रहा था कि हम पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कर पाएंगे या नहीं. कांगो से एक बार वीडियो कॉल किया था तब उन्होंने बताया कि आज यानि उस वक्त थोड़ा उपद्रव हो रहा है. एक बार उन्होंने भीड़ को कंट्रोल कर लिया और उसके बाद अचानक हथियारबंद भीड़ ने अस्पताल में दंगा शुरू कर दिया.

अक्षय ने बताया कि उसके पिता की इस बहादुरी पर बहुत गर्व है और पिता को खोने का दुःख भी हो रहा है. पिताजी हमें सेना में भेजना चाहते थे लेकिन बचपन में मुझे करंट लग गया था जिसे पैर की दो अंगुलियां कट गई थी, जिस वजह से सेना में शामिल नहीं हो सकता था. लेकिन पिताजी हमेशा बोला करते थे कि तुम्हें अपनी जगह सेना में भेजूंगा.

Last Updated :Aug 1, 2022, 3:31 PM IST
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