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बारां: 18 साल तक दर-दर की ठोकरे खाने वाले व्यक्ति को पहुंचाया वृद्धआश्रम

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Published : Nov 5, 2019, 3:12 PM IST

बारां जिले के अंता में एक 48 वर्षीय व्यक्ति पिछले 18 सालों से अपनों से बिछड़ने के कारण दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर रहा. जिसे उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल मीना और तहसीदार नवनन्द सिंह की पहल के बाद वृद्धाश्रम में पहुंचाया गया.

old man got shelter in old age home,18 साल तक दर दर की ठोकरे

बारां. अंता में एक 48 वर्षीय व्यक्ति बीते 18 सालों से अपनों से बिछड़ने के बाद दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर था. जिसे अब उप जिला कलेक्टर गोवर्धन लाल मीना और तहसीदार नवनन्द सिंह की पहल के बाद वृद्ध आश्रम में पहुंचाया गया है. अशोक नाम का ये व्यक्ति खुद को मध्यप्रदेश के सागर जिले के बगरू का रहने वाला बताता है. जो गत 18 वर्षों से अंता के बम्बोरी के सरकारी स्कूल में अपनी जिंदगी गुजार रहा है.

18 साल से दर-दर की ठोकरे खा रहा वृद्ध पहुंचा वृद्धाश्रम

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जहां बनने वाले पोषाहार का खाना खाकर बदले में स्कूल में छुटपुट कार्यों में हाथ बटाकर अपना गुजर बसर कर रहा है. लेकिन हाल ही में बीमार हो जाने के कारण वृद्ध बेसहारा हो गया. बाद में जिसकी आस-पास के लोगों ने सुध लेते हुए उसे अंता अस्पताल में भर्ती कराया. जहां 2-3 दिन उसका इलाज चला. अब उस व्यक्ति को स्थायी आसरा वृद्ध आश्रम में मिल गया है. लेकिन अब सवाल यह उठता है कि व्यक्ति अपना नाम पता बताने के बावजूद उसे ठिकाने पर पहुंचाने की अब तक किसी ने पहल आखिर क्यों नहीं की.

Intro:बारां जिले के अंता में एक लगभग 48 वर्षीय युवक गत 18 वर्षों से अपनो से बिछड़ने के कारण दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर है ।जिसे उप जिलाकलेक्टर गोवर्धन लाल मीना तथा तहसीदार नवनन्द सिंह की पहल के बाद वृद्धा आश्रम में पहुँचाया गया ।Body:

अंता (बारां) बता दे कि युवक का मानसिक संतुलन ठीक नही है परन्तुअपना नाम अशोक तथा मध्यप्रदेश के सागर जिले के बगरू का रहने वाला बताता है ।जो गत 18 वर्षों से अंता के बम्बोरी के सरकारी स्कूल में जीवन यापन कर रहा है ।जहाँ बनने वाले पोषाहार का खाना खाकर बदले में स्कूल में छुटपुट कार्यो में हाथ बटाकर अपना गुजर बसर कर रहा है ।
अभी हाल ही में बीमार हो जाने के कारण युवक बेसहारा हो गया जिसको बाद में आस पास के लोगो द्वारा सुध लेते हुए अंता अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ 2-3 दिन तक बोतले चढ़ाई गयी । अब युवक को स्थायी आसरा वृद्धा आश्रम में मिल गया है ।परन्तु सवाल अब यहां यह उठता है कि युवक अपना नाम पता बताने के बाउजूद उसे ठिकाने पर पहुचाने की अब तक कोई पहल नही की गई । वरना हो सकता है जिस बेटे की तलाश में मां बाप आंखे बिछाए बैठे हो उन्हें अपना खोया हुआ बेटा वापिस मिल जाता ।

बाइट - पीड़ित युवक अशोकConclusion:
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