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वन्यजीव गणना की ग्राउंड रिपोर्ट: खुली आंखों से ओझल रहा पैंथर, दहाड़ और पग मार्क से दिए मौजूदगी के संकेत

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Published : Jun 6, 2020, 8:07 PM IST

वाइल्डलाइफ असेसमेंट में वन्यजीव गणना का काम शुरू हो गया है. बांसवाड़ा में हनुमान साइट से वन्यजीवों पर नजरें रखी गई. किसी भी साइट पर पैंथर खुले रूप से सामने नहीं आए. लेकिन उनके पैरों के निशान देखे गए. आंधी तूफान के कारण भी वन्यजीव गणना के कार्य में थोड़ी परेशानी आई. अंधेरा छाए रहने के कारण वन्य जीव असेसमेंट करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी.

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वाइल्डलाइफ असेसमेंट में वन्यजीव गणना का काम शुरु

बांसवाड़ा. जिले में वन्यजीव आकलन का कार्य हुआ. देर रात आंधी-तूफान के कारण भी वन्यजीव गणना के कार्य में थोड़ी परेशानी नजर आई. इस बार किसी भी साइट पर पैंथर खुले रूप से सामने नहीं आया. लेकिन दहाड़ और पग मार्क के आधार पर पैंथर के संकेत जरूर मिले हैं.

वाइल्डलाइफ असेसमेंट में वन्यजीव गणना का काम शुरु

अंधेरा छाए रहने के कारण वन्य जीव असेसमेंट करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी. हालांकि सियार, लोमड़ी, लंगूर, मोर जैसे जानवर देखे गए. वन्यजीव असेसमेंट के दौरान जिले में 4 स्थानों पर पैंथर की उपस्थिति के संकेत मिलने से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी नजर आई.

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खुली आंखों से ओझल रहा पैंथर

79 वाटर कॉल किए गए हैं चिन्हित

वन्यजीवों के आकलन के लिए वन विभाग ने जिले के 61 खंडों में 79 वाटर कॉल चिन्हित किए हैं और वहां पर वन्यजीव प्रेमियों के साथ विभागीय कर्मचारी लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम बांसवाड़ा वनखंड में आने वाले भंडारिया हनुमान साइट पर पहुंची. यहां फॉरेस्ट गार्ड के साथ 3 लोगों की टीम एनीकट और उसके आसपास दूरबीन से अपनी नजरें गड़ाए हुए नजर आई. यह साइट पैंथर के इलाके के रूप में पहचाना जाता है और यहां के अधिकतर पैंथर एनीकट पर पानी पीने भी आते हैं.

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साइट पर वाहनों और अन्य लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रखी गई, क्योंकि हल्की सी आवाज से ही पैंथर और अन्य वन्यजीवों अपना मूवमेंट चेंज कर सकते हैं. ऐसे में यह टीम चुपचाप अपने काम में जुटी नजर आई. मोर, बंदर, नीलगाय जैसे जानवर एनीकट पर पानी पीने पहुंचे. लेकिन असेसमेंट पीरियड में इस बार पैंथर ने दूरी बनाए रखी. हालांकि टीम में शामिल लोगों की ख्वाहिश पैंथर को देखने की थी. बता दें कि बीते साल मंदिर के पास दो पैंथर पहुंचे थे. इसलिए इस मंदिर वाली जगह पर वन्यजीव प्रेमियों की खासी नजर थी.

मौसम बना बाधक

कर्मचारियों के मुताबिक रात करीब 8:30 बजे अचानक आंधी तूफान के कारण उन्हें वॉच टावर से नीचे उतरने को मजबूर होना पड़ा, क्योंकि तेज आंधी के साथ चारों ओर घना अंधेरा छा गया था. हालांकि आधे घंटे में फिर से मौसम साफ हो गया. लेकिन इसके बाद चांद और बादलों के बीच लुका-छिपी का खेल चलता रहा. इससे भी वाटर कॉल पर नजर रखने में परेशानी आई.

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नजर आए कई पक्षी

सुनाई दी पैंथर की दहाड़

वाइल्डलाइफ असेसमेंट के दौरान घाटोल और बागीदौरा वन खंड क्षेत्र से अच्छे संकेत मिले. कुल 4 स्थानों पर पैंथर की दहाड़ के साथ-साथ पग मार्क देखे गए. उपवन संरक्षक सुगनाराम जाट ने बताया कि असेसमेंट रिपोर्ट तैयार करने में 4 से 5 दिन लग सकते हैं. लेकिन 79 साइट्स में से 4 साइट पर पैंथर की उपस्थिति के संकेत मिले हैं. इस बार खुली आंखों से पैंथर देखे जाने की कहीं से भी कोई रिपोर्ट नहीं है. लेकिन हिल एज पुलिया और शैलेश्वर साइट पर पैंथर की दहाड़ सुनी गई है.

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वहीं वक्त माता और सतवा डाकिनी कुवानिया वॉटर होल के आस-पास सुबह पैंथर के पग मार्ग देखे गए हैं. इसके अलावा अमरतून वन खंड के अंबा माता जंगल में चातक पक्षी की मधुर आवाज भी सुनाई दी. यह पक्षी स्वाति नक्षत्र का जल पीता है और खुद को छुपा कर बैठता है और लोगों की नजरों से दूर ही रहता है. उपवन संरक्षक के अनुसार वन्यजीव आकलन की रिपोर्ट 61 खंडों पर तैयार होने के बाद सप्ताह भर में पूरी रिपोर्ट सामने आएगी.

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