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अलवर गैंगरेप मामले में निलंबित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी

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Published : May 9, 2019, 11:52 PM IST

अलवर गैंगरेप मामले में जिम्मेदार पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई के बाद विभागीय जांच जारी है. एडीजी गोविंद गुप्ता ने कहा है कि लापरवाही की पुष्टि होने पर अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.

एडीजी गोविंद गुप्ता

अलवर. अलवर गैंगरेप मामले में एडीजी ने पुलिस लापरवाही मानी है. उन्होंने कहा है कि मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है. लापरवाही की पुष्टि होने पर कार्रवाई की जाएगी.

अलवर गैंगरेप मामले में निलंबित पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ जांच जारी

थानागाजी में दलित युवती से पति के सामने हुए गैंगरेप के मामले में सभी पांचों आरोपी व वीडियो वायरल करने वाले युवक को अलवर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सबसे अंत में गिरफ्तार मुख्य आरोपी छोटेलाल बड़ा ही शातिर अपराधी है. इसके खिलाफ पहले भी दो मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं. ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईजी व एडीजी गोविंद गुप्ता ने बताया कि मामला कोई भी हो पुलिस को सबसे पहले एफ आई आर दर्ज करनी चाहिए.

जयपुर रेंज के आईजी एस सेंगाथिर ने कहा है कि अलवर में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है. थानागाजी मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि एफआईआर में केवल एक आरोपी का नाम था. बाकी आरोपियों की पहचान करने में खासी दिक्कत आई. इसलिए इनको गिरफ्तार करने में समय लगा. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार 6 आरोपियों में से केवल हंसराज की शादी नहीं हुई है. जबकि अन्य सभी लोग शादीशुदा हैं. इन सभी से गहन पूछताछ की जा रही है. सभी आरोपियों का लाइट डिटेक्टिव टेस्ट कराया जाएगा. उसके बाद इनके खिलाफ चार्जशीट पेश करने की कार्रवाई तेजी से की जाएगी.

वहीं एडीजी गोविंद गुप्ता ने स्वीकार किया है कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही रही है. जिसके चलते अलवर एसपी डॉ राजीव पचार को हटाया गया और थानागाजी इंचार्ज को निलंबित किया गया. वहीं एक एएसआई सहित तीन लोगों को लाइन हाजिर किया गया था. एडीजी ने बताया कि थानागाजी गैंगरेप मामले में विभागीय जांच भी जारी है. जिसकी गलती मिलेगी उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे.

Intro:अलवर के थानागाजी में दलित युवती से पति के सामने हुए गैंगरेप के मामले में सभी पांचों आरोपी व वीडियो वायरल करने वाले युवक को अलवर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सबसे अंत में गिरफ्तार मुख्य आरोपी छोटेलाल बड़ा ही शातिर अपराधी है। इसके खिलाफ पहले भी दो मामले विभिन्न धाराओं में दर्ज हैं। ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में आईजी व एडीजी गोविंद गुप्ता ने बताया कि मामला कोई भी हो पुलिस को सबसे पहले एफ आई आर दर्ज करनी चाहिए।


Body:जयपुर रेंज के आईजी एस सेंगाथिर ने कहा कि मामला कोई भी हो। पुलिस को सबसे पहले एफआईआर दर्ज करनी चाहिए। उसके बाद जांच पड़ताल में जिस तरह का मामला निकले। उस हिसाब से फैसले लेनी चाहिए। उन्होंने कहा अलवर में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।

थानागाजी मामले पर बोलते हुए आईजी ने कहा एफआईआर में केवल एक आरोपी का नाम था। अन्य आरोपियों की पहचान करने में खासी दिक्कत आई। इसलिए इनको गिरफ्तार करने में समय लगा।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार 6 आरोपियों में से केवल हंसराज की शादी नहीं हुई है। जबकि अन्य सभी लोग शादीशुदा हैं। इन सभी से गहन पूछताछ की जा रही है। सभी आरोपियों का लाइट डिटेक्टिव टेस्ट कराया जाएगा। उसके बाद इनके खिलाफ चार्जशीट पेश करने की कार्रवाई तेजी से की जाएगी।


Conclusion:एडीजी गोविंद गुप्ता ने बताया कि इस मामले में पुलिस की कही ना कहीं लापरवाही रही है। इसीलिए मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत अलवर एसपी डॉ राजीव पचार को हटाया गया व उसके बाद थानागाजी इंचार्ज को निलंबित किया गया। तो वहीं एक एएसआई सहित तीन लोगों को लाइन हाजिर किया गया था।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि दोषी कौन है उसकी जांच पड़ताल अभी चल रही है इस मामले में विभागीय जांच भी जारी है इसकी गलती मिलेगी उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे।
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