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Pushkar Mela 2021: स्थानीय व्यवसायियों को खल रही है 'विदेशी पावणों' की कमी, पर्यटन उद्योग को दूसरे वर्ष भी लगा झटका

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Published : Nov 11, 2021, 1:48 PM IST

Updated : Nov 12, 2021, 11:23 AM IST

Pushkar Pashu Haat
पावणाओं के इंतजार में धोरों की धरती

ख्यातिप्राप्त अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला (International Pushkar Pashu Mela) विदेशी पावणों की बाट खोज रहा है. आ तो रहे हैं लेकिन तादाद उतनी नहीं जिससे मेले की रौनक बढ़ती है. मेला रोमांच के साथ साथ कईयों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है. कोरोना काल में जिसे झटका लगता रहा और अब काफी मशक्कत के बाद शुरू हुआ भी है तो स्थानीय व्यापरियों को उम्मीद कुछ ज्यादा नहीं है.

अजमेर: अंतर्राष्ट्रीय पुष्कर पशु मेला (International Pushkar Pashu Mela) हमेशा से विदेशी पावणों को आकर्षित करता आया है. हालात यह थे कि मेले (Pushkar mela 2021) के लिए 4 महीने पहले से पुष्कर के होटलों में बुकिंग शुरू हो जाती थी. लेकिन पिछले 2 वर्षों से कोरोना (Corona Effect) ने विदेशी पावणों (Foreign Tourists) के पैर रोक दिए है. इस बार हालात सामान्य होने के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स (International Flights) की अनुमति अभी तक नही मिली है. इस कारण पुष्कर (Pushkar) के धोरों पर सज रही सतरंगी संस्कृति से रूबरू होने चंद विदेशी पावणों की आवक हुई है. यह विदेशी पावणे भी टूरिस्ट वीजा से नही बल्कि बिजनस वीजा से पुष्कर आए है.

बड़ी मुश्किलों के बाद मानी सरकार

नीय व्यवसायियों को खल रही है 'विदेशी पावणों' की कमी

अंतर्राष्ट्रीय पटल पर पुष्कर (Pushkar) की अपनी विशिष्ठ पहचान है. यहां की आध्यात्मिक सुगन्ध और सतरंगी संस्कृति हमेशा से देशी और विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती आई है. पुष्कर में अंतर्राष्ट्रीय पशु मेला हिंदुस्तान आने वाले विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण है. लेकिन पिछले दो वर्षों से कोरोना ने विश्व विख्यात पुष्कर मेले (Pushkar Mela 2021) पर ग्रहण लगा दिया है. इस बार कोरोना का प्रकोप थमा और सामान्य हालात बने तो लगा कि अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले की रंगत इस बार बनेगी लेकिन कोरोना की वजह से राज्य सरकार मेला आयोजन को लेकर पाशोपेश में ही रही. हालांकि स्थानीय लोगों और पशुपालकों की मांग पर राज्य सरकार ने श्री पुष्कर बहु दिवसीय पशु हाट के आयोजन की स्वीकृति दे दी.

कोरोना गाइडलाइंस की पालना अहम

मेला तो लगा है लेकिन कोरोना की गाइडलाइन की बंदिशों से बांध दिया. इधर देश में कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave Of Corona) की आशंका के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स (International Flights) अनुमति नहीं दी गई है यही वजह है कि विदेशी पर्यटकों का पुष्कर (Pushkar) में आना मुमकिन नहीं हो पा रहा है हालांकि 30 नवंबर तक अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट अनुमति दी जा रही है लेकिन स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है कई बार अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स की तिथि आगे बढ़ चुकी है.

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यूरोप में कोरोना फिर से पैर पसार रहा है. ऐसे में विदेशी पर्यटकों (Videshi Pawna) के आने की संभावना नहीं लग रही है. पुष्कर होटल एसोसिएशन (Pushkar Hotel Asscociation) के अध्यक्ष रघु पारीक बताते हैं कि टूर एजेंसियों और विदेशी पर्यटक को की ओर से होटलों की बुकिंग पहले से ही सुनिश्चित की जाती है लेकिन इस बार भी कोरोना महामारी के आने की आशंका के मद्देनजर जिन विदेशी पर्यटक ने बुकिंग करवाई थी उन्हें कैंसिल करवा लिया है. जिससे होटल व्यवसाय को काफी नुकसान होगा. देसी और विदेशी पर्यटकों की अच्छी आवक की उम्मीद में होटल संचालकों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी.

तीसरी लहर का खौफ बरकरार

रेस्टोरेंट संचालक विनोद ओझा बताते हैं कि करोना की तीसरी लहर (Corona Third Wave) की आशंका से भारत सरकार ने भी विदेशियों के आने को लेकर कोई रुचि नहीं ली. जिससे इस बार भी पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. 30 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट (International Flight) की अनुमति दिए जाने की उम्मीद है लेकिन फिर भी लोग भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से कतरा रहे हैं. इस बार भी व्यवसाय को झटका लगेगा अब तो सिर्फ देशी पर्यटकों की आवक से ही उम्मीदें बंधी हुई है. बिजनेस वीजा पर पुष्कर आई फ्रांस की ओजा बताती है कि भारत देश जादुई देश है. पुष्कर में पशु मेला देखना अच्छा लगता है. इस बार टूरिस्ट वीजा नहीं मिल रहा है. उसने बताया कि बिजनेस वीजा लेकर वह भारत आई हैं और दिल्ली में ठहरी हुई है.

स्थानीय व्यवसायी इंद्रनारायण पाराशर बताते हैं कि 2019 के बाद से ही विदेशी पर्यटकों के आने की अनुमति नहीं है केवल बिज़नेस वीजा पर ही कुछ विदेशी पुष्कर आ रहे हैं. विदेशी पर्यटकों के नहीं आने से टूरिस्ट गाइड रोजगार खत्म हो गया है. पुष्कर पशु हाट में भी विदेशी पर्यटकों की उपस्थिति शून्य के बराबर है. इससे पर्यटन उद्योग को किसी तरह का कोई लाभ नहीं मिलेगा. देसी पर्यटकों से होटल व्यवसाय को कुछ ऑक्सीजन मिल सकती है.

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पशु हाट का लाभ कुछ को

पुष्कर पशु हाट (Pushkar Pashu Haat) से सीधा फायदा केवल पशुपालकों को होता है. उम्मीद तो है कि पशुओं से संबंधित व्यापार करने वाले व्यापारियों को फायदा होगा मगर पर्यटन उद्योग को इस बार भी झटका लगेगा. पराशर ने बताया कि विदेशी टूरिस्टों को लेकर टूरिस्ट एजेंसी गफलत में थी पुष्कर मेला आयोजित होगा या नहीं होगा दूसरा सरकार को बहुत पहले ही स्पष्ट कर देना चाहिए था लेकिन यह गलत का माहौल अंतिम समय तक रहा जिससे भी स्थानीय पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यवसाय को नुकसान पहुंचा है. लोगों ने मेला आयोजन की उम्मीद को लेकर तैयारियां कर ली थी. खबर ये भी है कि विदेशों से पुष्कर आने के इच्छुक पर्यटकों को भी निराशा हाथ लगी है उन्होंने अपने टूर कैंसिल कर लिए हैं. कई विदेशी पर्यटक लगातार संपर्क में हैं वो आना भी चाहते हैं लेकिन टूरिस्ट वीजा नहीं मिलने से वो नहीं आ पा रहे हैं.

खल रही कमी

पुष्कर पशु हाट में विदेशियों की अनुपस्थिति स्थानीय पर्यटन उद्योग से जुड़े व्यापारियों को खल रही है. मेले के आयोजन को लेकर स्थानीय व्यापारियों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली थी लेकिन टूरिस्ट वीजा नहीं मिलने से विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद मेले में कम हो गई है. बता दें कि सतरंगी संस्कृति को देखने के लिए सात समंदर पार से विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में पुष्कर आते रहे हैं यहां आने से पर्यटन उद्योग भी पूनम चुका है. वहीं कई देशों के विदेशी पर्यटकों के साथ स्थानीय व्यापारियों के व्यवसायिक संबंध भी बन गए हैं. लेकिन इस बार भी कोरोना की वजह (Corona Effect) से स्थानीय व्यापारी के मन में केवल एक ही बात उठ रही है परदेसी तुम कब आओगे.

Last Updated :Nov 12, 2021, 11:23 AM IST
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