उदयपुर. जेल में बंद महिला कैदी अब आत्मनिर्भर बन कर अगरबत्ती बनाएंगी और इसे बाजार में बेचा जाएगा. इसके बाद में इसका प्रॉफिट इन्हीं महिला कैदियों के खातों में आएगा, जिसे वो अपने परिवार को भी सौंप सकेंगी. उदयपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम की शुरुआत कर दी गई है.
कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम शुरू...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद उदयपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उदयपुर जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम को शुरू कर दिया गया है. उदयपुर में महिला जेल में बंद कैदियों को इसी कड़ी में अगरबत्ती बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
उदयपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव रिधिमा शर्मा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान जहां आम लोगों में रोजगार का संकट पैदा हो रहा है, वहीं अब उदयपुर जेल में बंद महिला कैदियों की ओर से अगरबत्ती बनाकर अपने आप को और अपने परिवार को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश की जा रही है.
स्वयंसेवी संस्थाओं ने बढ़ाया हाथ...
उन्होंने कहा कि इस कड़ी में कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से उदयपुर जेल में बंद महिला कैदियों को अगरबत्ती बनाने और उसकी पैकेजिंग की ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद उन्हें इसका मेहनताना तो मिलेगा ही साथ ही इसका जितना भी प्रॉफिट होगा उसका शेयर भी इन महिलाओं में बांटा जाएगा, ताकि इनको और इनके परिजनों को इसका सीधा लाभ मिल सके.
पढ़ें- उदयपुर: 31 नए कोरोना मामले आए सामने, संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 734 पर
इसके लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से इन सभी महिलाओं के बैंक खाते भी खोल दिए गए हैं. वहीं, उदयपुर जेल में लंबे समय से बंद महिला कैदी ममता जोशी की मानें तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रबंधन की इस पहल से उन्हें खुद को आत्मनिर्भर बनाने का मौका मिल रहा है, ताकि वो अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.
जेल में पिछले लंबे समय से बंद मंजू ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद स्थिति काफी बदल गई है. हमारे परिवार की स्थिति भी काफी दयनीय हो गई है, ऐसे में अब हम यहां मेहनत कर अपने परिवार को भी आर्थिक मजबूती दे सकेंगे. इस दौरान महिला कैदियों के चेहरे पर खासी मुस्कान देखने को मिली और सभी ने नाच गाकर अपनी खुशी का इजहार किया. अब देखना होगा कि उदयपुर जेल में बंद महिला कैदियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की गई जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और स्वयंसेवी संस्थाओं की पहल कितनी कामयाब हो पाती है.