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श्रीगंगानगर के वधवा दंपती का हुआ अंतिम संस्कार, अमरनाथ हादसे में हुई थी मौत...दिल्ली में बदल गया था शव

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Published : Jul 11, 2022, 12:46 PM IST

Updated : Jul 11, 2022, 3:26 PM IST

Last rites of Wadhwa couple of Sriganganagar
श्रीगंगानगर के वधवा दंपती का हुआ अंतिम संस्कार

अमरनाथ में बादल फटने से श्रीगंगानगर के बिजनेसमैन दंपती की मौत (Amarnath cloudburst death news) हो गई थी. आज सोमवार सुबह पदमपुर रोड स्थित कल्याण भूमि में दंपती का अंतिम संस्कार किया गया.

श्रीगंगानगर. अमरनाथ में बादल फटने से श्रीगंगानगर निवासी मृतक मोहनलाल वधवा और उनकी पत्नी सुनीता वधवा का सोमवार को पदमपुर रोड स्थित कल्याण भूमि में अंतिम संस्कार (Last rites of Wadhwa couple) किया गया. मृतक दंपती के बेटे अपूर्व और अर्जित वधवा ने मुखाग्नि दी. इससे पहले मृतक सुनीता वधवा का शव दिल्ली में बदल गया था. कड़ी मशक्कत के बाद सुनीता वधवा के शव को वापस लाया गया. जिसके बाद दोनों का शव रविवार रात दिल्ली से गंगानगर उनके निवास स्थान जी ब्लॉक में पहुंचा.

मोहनलाल वधवा और सुनीता वधवा के अंतिम संस्कार में समाज और मिलने वाले लोगों की काफी भीड़ नजर आई. मृतक के अंतिम संस्कार में पहुंचकर सभी ने श्रद्धांजलि दी. इससे पहले कपड़ा व्यापारी मोहनलाल की पत्नी का शव गलती से दिल्ली में बदल गया था. दिल्ली पहुंचे शवों की जब घरवालों ने पहचान की तो मोहन लाल की पत्नी सुनीता वधवा की जगह किसी दूसरी महिला का शव था. घर वालों ने सुनीता का शव नहीं होने पर उसे लेने से इनकार कर दिया. असल में गड़बड़ी सुनीता के नाम से हुई. श्रीनगर से दिल्ली लाए गए दूसरे शव का नाम तो सुनीता लिखा था लेकिन जब परिजनों को दिखाया गया तो उन्होंने सुनीता वधवा होने से इनकार कर दिया. इस पर सुनीता नाम की अन्य महिला का शव दिखाया गया, लेकिन वह भी श्रीगंगानगर की सुनीता वधवा नहीं थी. वहीं, सुनीता के पति मोहन लाल वधवा का शव दिल्ली में एम्स की मोर्चरी में रखवाया गया था.

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बता दें, श्रीगंगानगर निवासी सुनीता वधवा की जगह महाराष्ट्र की सुनीता का शव दिल्ली पहुंचा दिया गया था. बाद में जब परिवार के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो शव की पहचान करवाई गई तो सुनीता वधवा का शव नहीं था. इसके बाद जम्मू कश्मीर के प्रशासन से बातचीत कर सुनीता वधवा का शव महाराष्ट्र से वापस दिल्ली लाया गया. जहां से रविवार को दोनों का शव एंबुलेंस से श्रीगंगानगर रवाना किया गया. परिवार के लोगों ने बताया कि जिस ताबूत में सुनीता वधवा का शव लाया गया उस पर उनकी फोटो नहीं थी और भेजने से पहले पहचान भी नहीं करवाई गई.

वहीं, इससे पहले रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर सुशील खत्री का शव रविवार सुबह उनके मानसरोवर कॉलोनी स्थित आवास पर लाया गया. जहां दोपहर बाद उनका अंतिम संस्कार पदमपुर रोड स्थित कल्याण भूमि में किया गया. उनके बेटे निखिल ने चिता को मुखाग्नि दी. परिवार के लोगों ने बताया कि सुशील खत्री ने अपनी जान की परवाह किए बगैर अपनी बेटी निकिता के ससुर मोहनलाल वधवा और सुनीता वधवा सहित अन्य लोगों की जान बचाने के प्रयास किए. लेकिन इसी दौरान पहाड़ से दबकर बरसाती पानी के मलबे में दबने से उनकी मृत्यु हो गई. 8 जुलाई की शाम को बादल फटने से हुई भारी बरसात के कारण मलबे में दब जाने से यह हादसा हुआ था. उनके शव को 9 जुलाई की सुबह श्रीनगर स्थित सूर्या हॉस्पिटल में रखवाया गया था. वहां से एअरलिफ्ट कर दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल पर पहुंचाया गया वहां से परिवार के लोग एंबुलेंस लेकर गंगानगर पहुंचे.

Last Updated :Jul 11, 2022, 3:26 PM IST
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