जेईई एडवांस्ड कैसे पूरी तरह से अलग है जेईई मेन से, सफलता के लिए क्या है जरूरी, यहां जानिए

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Published : Aug 20, 2022, 5:42 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 11:24 PM IST

Difference in JEE Main and Advanced, know about individual subject cutoff
जेईई एडवांस्ड कैसे पूरी तरह से अलग है जेईई मेन से, सफलता के लिए क्या है जरूरी, यहां जानिए ()

जेईई एडवांस्ड 2022 परीक्षा का आयोजन 28 अगस्त को किया जाएगा. यह परीक्षा जेईई मेन से पूरी तरह अलग होती है. इसमें परीक्षा पैटर्न, कुल अंक, आयोजक संस्था को लेकर फर्क है. साथ ही इसमें सफलता पाने के इंडिविजुअल सब्जेक्ट में कटऑफ होती है. किसी भी विषय में कटऑफ से कम अंक आने पर परीक्षा क्लीयर नहीं की जा सकती है. इस पर विस्तार से जानिए एक्सपर्ट से...

कोटा. देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम एडवांस्ड (JEE advanced 2022) 28 अगस्त को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मुम्बई (IIT BOMBEY) आयोजित करेगा. इसके एडमिट कार्ड 23 अगस्त को सुबह 10 बजे जारी कर दिए जाएंगे. यह प्रवेश परीक्षा ज्वाइंट एंटरेंस एग्जाम मेन (JEE MAIN) से पूरी तरह अलग है. आइए जानते हैं क्या खास है जेईई एडवांस्ड में...

जेईई एडवांस्ड का पैटर्न व पूर्णांक जेईई मेन व नीट यूजी परीक्षा की तरह पूर्व निर्धारित नहीं होता. प्रतिवर्ष पूर्णांक व क्वेश्चन पेपर पैटर्न में बदलाव होते रहते (Difference in JEE Main and Advanced) हैं. हर साल केंद्र सरकार के निर्देश पर आईआईटी काउंसिल इसकी आयोजन एजेंसी को बदल देती है. बीते साल आईआईटी खड़कपुर ने ये परीक्षा आयोजित करवाई. इस साल यह जिम्मेदारी आईआईटी मुंबई को दी गई है. एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि आईआईटी काउंसिल और आयोजक संस्थान इसके सिलेबस को एक साल पहले ही जारी कर देता है. इसमें कुछ निश्चित समय पर बदलाव होते रहते हैं, जिस तरह 2021 की तरह 2022 का सिलेबस समान ही है, लेकिन 2023 जेईई एडवांस्ड के लिए सिलेबस में बदलाव कर दिया है. इसकी जानकारी आईआईटी काउंसिल ने पहले ही दे दी है. सिलेबस से बाहर का एक भी प्रश्न परीक्षा में नहीं पूछा जाता है.

जेईई मेन से जेईई एडवांस्ड कैसे अलग है, जानिए एक्सपर्ट से...

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इसके उलट पूरी तरह से पेपर का पैटर्न और तरीकों में भी हर साल बदलाव हो जाता है. क्वेश्चन पेपर के कुछ भाग में नेगेटिव मार्किंग होती है, तो कुछ भाग में नेगेटिव मार्किंग नहीं होती है. स्टूडेंट्स को एग्जाम में प्रश्न पत्र में दिए गए प्रश्नों को ध्यान से पढ़ना चाहिए. देव शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को जेईई एडवांस्ड में सफलता के लिए जेईई मेन के माइंडसेट से बाहर निकलना होगा. क्योंकि जेईई मेन में सफलता इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ की बाध्यता नहीं है, लेकिन जेईई एडवांस्ड में सफलता के लिए इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ की बाध्यता है.

10 में 1 विद्यार्थी को आईआईटी में सीट मिलना तय: शर्मा ने बताया कि पिछले 3 वर्षों के आंकड़ों को देखते हुए इस प्रवेश परीक्षा के दोनों सत्रों में करीब 1.6 लाख स्टूडेंट्स शामिल हुए थे. ऐसा ही इस बार भी होना तय माना जा रहा है. जेईई एडवांस्ड से 23 आईआईटी संस्थानों के बीटेक, इंटीग्रेटेड एमटेक व डुएल डिग्री कोर्स में प्रवेश मिलता है, जिनकी सीटें करीब 16 हजार हैं. ऐसी स्थिति में 10 में 1 विद्यार्थी को को आईआईटी कोर्स में सीट मिलना तय है.

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क्या है इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ की बाध्यता: शर्मा के अनुसार जेईई एडवांस्ड 2022 प्रवेश परीक्षा कई मायनों में जेईई मेन 2022 से अलग है. एक तरफ जेईई मेन में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ परीक्षा परिणाम को प्रभावित नहीं करती, वहीं दूसरी तरफ जेईई एडवांस्ड में इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ क्लियर होना जरूरी (Cutoff for individual subjects in JEE Advanced) है. यदि विद्यार्थी को फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स में से किसी भी विषय में मार्क्स इंडिविजुअल सब्जेक्ट कटऑफ से कम अंक मिलते हैं, तो उसे असफल करार दिया जाएगा.

इंडिविजुअल्स सब्जेक्ट कटऑफ क्लियर होने के बाद ही एग्रीगेट कटऑफ के आधार पर विद्यार्थी की सफलता व असफलता का फैसला होता है. जैसे कि जनरल कैटेगरी के विद्यार्थी को फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स यानी प्रत्येक विषय में न्यूनतम 10 फीसदी अंक व कुल मिलाकर एग्रीगेट 35 फीसदी अंक प्राप्त करने ही होंगे. यदि विद्यार्थी एग्रीगेट 35 फीसदी से ज्यादा अंक लेकर आता है, लेकिन फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथमेटिक्स किसी विषय में उसके अंक 10 फीसदी से कम रह जाते हैं, तब वह विद्यार्थी असफल घोषित कर दिया जाएगा.

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बीते तीन साल से कम हो रही पात्रता कटऑफ: शर्मा ने बताया कि वर्तमान मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन व पूर्व मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवलपमेंट ने 13 जून, 2018 को जारी किए गए आदेशों के अनुसार विशेष परिस्थितियों में जब सफल विद्यार्थियों की संख्या न्यूनतम आवश्यक संख्या से भी कम हो जाती है, तो सफल विद्यार्थियों की न्यूनतम आवश्यक संख्या प्राप्त करने के लिए कटऑफ कम कर दी जाती है. जेईई एडवांस्ड 2019, 2020 व 2021 में भी ऐसा किया गया था.

इस बार यह है जेईई एडवांस्ड 2022 की कटऑफ

  • जनरल कैटेगरी - 10 (सब्जेक्ट कटऑफ), 35 (एग्रीगेट प्रतिशत)
  • ईडब्ल्यूएस व ओबीसी - 9 (सब्जेक्ट कटऑफ), 31.5 (एग्रीगेट प्रतिशत)
  • एससी, एसटी व पीडब्ल्यूडी - 5 (सब्जेक्ट कटऑफ), 17.5 (एग्रीगेट प्रतिशत)
Last Updated :Aug 20, 2022, 11:24 PM IST
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