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ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध ? त्योहारों पर लोग खा लेते हैं मिलावटी मिठाई..बाद में आती है नमूनों की रिपोर्ट

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Published : Oct 29, 2021, 9:44 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 10:36 PM IST

ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध
ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध

कोटा जिले में शुद्ध के लिये युद्ध अभियान चल रहा है. लेकिन क्या फायदा, अभियान के लिए जो सैंपल लिये जा रहे हैं, उनके नमूनों की रिपोर्ट इतनी देर से आ रही है कि रिपोर्ट आने तक मिलावटी मिठाई बिक चुकी होती है. कुल मिलाकर कोटा में सैंपलिंग का सिस्टम ही फेल नजर आ रहा है.

कोटा. जिले में रक्षाबंधन पर्व के आस-पास शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 26 नमूने लिए गए थे, जिनमें से 7 नमूने फेल साबित हुए. फेल हुए नमूनों में एक नमूना अनसेफ कैटेगरी में भी था, यानी वह खाने के लिए बिल्कुल उपयुक्त नहीं था. इस बार दिवाली सीजन में 52 सैंपल लिये गये हैं, जिनमें से सिर्फ 3 नमूनों की रिपोर्ट आई है.

दिवाली सीजन में लिये गये 52 सैंपल में से 49 नमूनों की रिपोर्ट अभी भी पेंडिंग है. इन नमूनों में एक रसगुल्ले का सैंपल सब स्टैंडर्ड निकला है. राज्य सरकार हर साल शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाती है, लेकिन इस अभियान का परिणाम त्योहार निकल जाने के बाद ही आता है. अक्सर अभियान के दौरान लिए गए नमूने फेल हो जाते हैं. मतलब साफ है कि अभियान में लिए गए नमूनों की मिठाई और अन्य खाद्य सामग्री का सेवन लोग कर चुके होते हैं. उसके बाद परिणाम में वे नमूने फेल निकलते हैं.

ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध
खाद्य सामग्री के सैंपल के नमूने

यानी दूषित और खराब सामग्री त्योहारों के अवसर पर लोगों को मिल जाती. कोटा जिले में राखी के त्योहार पर चले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत 26 नमूने लिए गए थे, जिनमें से 7 नमूने फेल हुए हैं. फेल हुए नमूनों में एक नमूना अनसेफ कैटेगरी में भी था. यह नमूना इंदौर की एक नमकीन का था. इस बार के अभियान में अब तक 52 नमूने लिए गये जिनमें से अभी महज 3 नमूनों की रिपोर्ट आई है.

फूड सेफ्टी ऑफिसर अरुण सक्सेना का कहना है कि अभियान में लिए गए नमूने के फेल हो जाने के बाद उन्हें जिस केटेगरी में नमूना फेल होता है. उसके अनुसार कार्रवाई की जाती है. अनसेफ नमूने के मामले में न्यायालय में वाद दायर किया जाता है जिस पर कोर्ट फैसला सुनाता है. सब स्टैंडर्ड और मिस ब्रांड मामलों में जुर्माने का प्रावधान है.

पढ़ें- शुद्ध के लिए युद्ध अभियान बना महज खानापूर्ति, 50 लाख कारोबारी खाद्य सामग्री विक्रेता पर महज 73 खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद

फूड सेफ्टी ऑफिसर संजय सिंह का कहना है कि अधिकांश त्योहारों पर वह ऐसे प्रोडक्ट पर नजर रखते हैं. जिनमें मिलावट की संभावना ज्यादा है. अभियान के दौरान वे दुकानों का निरीक्षण भी करते हैं. जहां पर उन्हें सामग्री मिलने पर उसे फिंकवाया जाता है या फिर जब्त तक कर लिया जाता है. उनका कहना है राखी के त्योहार पर बड़ी मात्रा में मावा जब्त किया था, जो बाद में सैंपल फेल होने पर फिंकवा दिया.

त्योहारों पर बढ़ जाती है मिलावट

आमतौर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी वर्षभर सैंपल लेते हैं. बिना अभियान के लिए गए नमूनों में मिलावट 20 फ़ीसदी तक ही मिलती है. जबकि अभियान के दौरान यह मिलावट बढ़कर 30 फ़ीसदी तक पहुंच रही है. कोटा जिले के ही नमूनों की बात की जाए तो इस साल 114 नमूने लिए गए थे. जिनमें से 21 नमूने फेल हुए हैं.

ये कैसा शुद्ध के लिये युद्ध
कतार में हैं फाइलें

पिज्जा से लेकर चांदी का वर्क तक मिलावटी

शुद्ध के लिए युद्ध के पिछले अभियान के दौरान एक्सपायरी डेट के नूडल्स बेचते हुए भी एक व्यापारी को पकड़ा था. इन इन नूडल्स को भी फिंकवाया गया था. एक नमकीन का ब्रांड अनसेफ मिला था. वहीं पनीर, चांदी वर्क, पिज्जा के लिए काम आने वाली फ्लेक्सी क्रीम व दूध के दो नमूने सब्सटेंडर्ड मिले थे. इसके साथ ही लाल मिर्ची पाउडर भी मिस ब्रांड हुआ था. जिन पर भी कार्रवाई की गई है.

अभियान के दौरान जब्त 650 किलो मावे को नहीं आया कोई भी लेने

राखी पर चले शुद्ध के लिए अभियान के दौरान मावे की खेप पकड़ी गई थी. यह मावा तुलाई में 650 किलो से ज्यादा निकला था. जिन्हें बस और अन्य संसाधनों से मध्य प्रदेश व आसपास के जिलों से कोटा लाया गया था. हालांकि इस मावे की जिम्मेदारी किसी भी फर्म या व्यक्ति ने नहीं ली. इस मावे को समय सीमा निकलने के बाद नष्ट कर दिया जाएगा.

Last Updated :Oct 29, 2021, 10:36 PM IST
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