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Crime Story : कैलाश मांजू की सुपारी देने वालों के लिए अजमेर जेल की डगर हो सकती है मुश्किल भरी

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Published : Jul 28, 2021, 9:00 PM IST

कैलाश मांजू की सुपारी
कैलाश मांजू की सुपारी

चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने इस बात का खुलासा किया था कि दिनेश भम्बानी और विक्रम सिंह नांदिया ने मिलकर राजू फौजी को कैलाश मांजू की हत्या के लिए 80 लाख की सुपारी दी थी. 40 लाख का भुगतान भी कर दिया गया था.

जोधपुर. हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू इस सप्ताह के अंत तक पैरोल खत्म कर सेंट्रल जेल वापस जाएगा. लेकिन जेल में गैंगवार के डर से जेल अधीक्षक ओमप्रकाश शर्मा ने उन चारों बदमाशों को अजमेर शिफ्ट करवा दिया है जिन्होंने कैलाश मांजू की हत्या की सुपारी दी थी. शर्मा ने पुलिस के इनपुट के आधार पर न्यायिक हिरासत में जेल में आये इन चारों आरोपियों को शिफ्ट कराया है.

जोधपुर जेल में मांजू के कई आदमी अलग-अलग बैरक में मौजूद हैं. कुछ दिनों बाद कैलाश भी जब जेल में होगा तो उस स्थिति में दोनों गैंग आमने-सामने हो सकते हैं. जेल में गैंगवार होती रही है. इसे ध्यान में रखते हुए शिफ्टिंग का निर्णय लिया गया है. जेल सूत्रों की मानें तो जिन चारों बदमाशों को अजमेर भेजा गया है उनके लिए वहां भी रहना इतना आसान नहीं होगा.

क्योंकि अजमेर जेल में लॉरेंस के कई गुर्गे मौजूद हैं. लॉरेंस और कैलाश मांजू के बीच सॉफ्ट कनेक्शन हो सकता है. ऐसे में मांजू के कहने पर लॉरेंस के गुर्गे हिस्ट्रीशीटर दिनेश भम्बानी, विक्रम सिंह नांदिया, सुभाष कड़वासरा और मनोहर सिंह के लिए परेशानी बन सकते हैं. इसके चलते अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में इन चारों को फिलहाल अलग बैरक में रखा गया है.

कैलाश मांजू की सुपारी
पुलिस हिरासत में विक्रम सिंह (सफेद शर्ट)

गौरतलब है कि चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाना पुलिस ने इस बात का खुलासा किया था कि दिनेश भम्बानी, विक्रम सिंह नांदिया ने मिलकर राजू फौजी को कैलाश मांजू की हत्या की सुपारी 80 लाख रुपए में दी थी. इसके एवज में 40 लाख का भुगतान भी कर दिया गया था.

पढ़ें- अब जोधपुर जेल में गहराया गैंगवार का खतरा, जेल में एक साथ होंगे बाहुबली, नांदिया और मांजू

लेकिन ऐन वक्त पर राजू फौजी ने सुपारी वापस कर दी थी. इस घटनाक्रम के सामने आने के बाद यह साफ हो गया कि आने वाले दिनों में जब भी मांजू और विक्रम आमने-सामने होंगे तो गैंगवार होना तय है. इसको लेकर चारों के विरुद्ध मांजू के परिवारजनों ने भी परिवाद पेश किया है.

लॉरेंस और व्यापारियों के बीच मध्यस्थ बना था मांजू

लॉरेंस बिश्नोई और कैलाश मांजू के बीच के संबंध उस समय सामने आए जब अप्रैल 2017 में लॉरेंस की गैंग ने जोधपुर में कदम रखे थे और ट्रैवल एजेंसी के मालिक मनीष जैन पर फायरिंग हुई थी. इस फायरिंग के दौरान लॉरेंस ने साफ कहा कि रंगदारी तो देनी होगी चाहे एफआईआर पुलिस में करवा दो.

इसके बाद मनीष जैन मांजू की शरण में गया और मांजू ने लॉरेंस से बात कर मोहलत दिलवाई थी. लेकिन बाद हुई कई घटनाओं में मांजू और लॉरेंस दोनों का साथ में नाम आया. पुलिस अधिकारियों की मानें तो दिनेश व विक्रम ने मांजू को अपने रास्ते से हटाने के लिए दूसरे बदमाश का सहारा लिया. ऐसी स्थिति में लॉरेंस व मांजू भी एक हो सकते हैं.

कैलाश मांजू की सुपारी
पुलिस हिरासत में दिनेश, सुभाष और मनोहर

पढ़ें- जोधपुर: महाशिवरात्रि के दिन हिस्ट्रीशीटर पर फायरिंग मामले में हार्डकोर कैलाश मांजू गिरफ्तार

अभी लवजीत की गिरफ्तारी है बाकी

मांजू की सुपारी देने के मामले में पुलिस को अभी लवजीत सिंह की भी तलाश है. लवजीत सिंह वह शख्स है जिसने इस प्रकरण में बड़ी राशि दी थी, और उसके बाद कई दिनों तक यह राशि उसके पास भी रही थी. लेकिन जब पुलिस ने विक्रम सिंह, दिनेश, सुभाष व मनोहर को उठाया तो उसके बाद से लवजीत गायब है.

रुपए को लेकर है रंजिश

कैलाश मांजू और दिनेश भम्बानी के बीच रुपए के लेन-देन को लेकर रंजिश चल रही है. मांजू का दिनेश की ओर 60 लाख से ज्यादा का हिसाब बकाया बताया जा रहा है. जिसको लेकर कई बार फायरिंग भी हो चुकी है. जिसके बाद दिनेश ने विक्रम को अपनी सुरक्षा का जिम्मा दे रखा है. यही कारण है कि विक्रम को रास्ते से हटाने के लिए कैलाश के कहने पर इस वर्ष शिवरात्रि पर उसके भतीजे राकेश ने विक्रम सिंह पर गोलियां दागी थीं.

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