ETV Bharat / city

जागते रहो : QR कोड स्कैन करने जा रहे हैं...रुकिये, साइबर ठगों से सावधान रहें

author img

By

Published : Feb 20, 2021, 6:34 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 7:40 PM IST

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सावधान, कोड स्कैन कर ठगी,  डिजिटल इंडिया में साइबर अपराध, Cheated by qr code, Cyber ​​crime in Rajasthan, Cyber ​​fraud in Jodhpur, Beware of online transactions, Scanned the code, Cyber crime in Digital India
क्यूआर कोड स्कैन करते वक्त ध्यान रखें ये बातें

जोधपुर शहर में बीते 1 सप्ताह में ऐसे 2 मामले सामने आए हैं जिनमें क्यूआर कोड का लिंक भेजकर खातों से रुपए निकाल लिए गए. आपको लगता है कि आपके खाते से किसी भी तरह का ट्रांजेक्शन बिना ओटीपी के नहीं हो सकता. यह सोच आपको ठगी का शिकार बना सकती है. क्यूआर कोड स्कैन के जरिए ठग बिना ओटीपी के भी आपके खाते में सेंध मार सकते हैं.

जोधपुर. ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साथ ही लोगों में जागरूकता भी आ रही है. जिसके चलते अगर अब कोई ओटीपी नंबर मांगता है तो ज्यादातर मामलों में लोग उसे अनसुना कर देते हैं. लेकिन ऑनलाइन ठग भी ठगी के नए तरीकों की खोज में लगे रहते हैं. बिना ओटीपी के भी आप ट्रांजेक्शन में ठगी का शिकार हो सकते हैं. देखिये यह रिपोर्ट...

क्यूआर कोड स्कैन करते वक्त ध्यान रखें ये बातें

शातिर ठग अब लोगों के क्रेडिट कार्ड या बैंक खातों में बिना ओटीपी नंबर मांगे ही सेंध लगा रहे हैं. इस काम में इन दिनों सर्वाधिक क्यूआर कोड का इस्तेमाल हो रहा है. ठग मैसेज के जरिए क्यूआर कोड का लिंक भेजते हैं और उसके बाद कॉल करते हैं कि आपको किस तरह क्यूआर कोड को स्कैन करने से फायदा होगा. या फिर यह राशि आपने इनाम में जीती है जो आपके खाते में ट्रांसफर हो जाएगी.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सावधान, कोड स्कैन कर ठगी,  डिजिटल इंडिया में साइबर अपराध, Cheated by qr code, Cyber ​​crime in Rajasthan, Cyber ​​fraud in Jodhpur, Beware of online transactions, Scanned the code, Cyber crime in Digital India
मैसेज में लिंक भेजकर क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा जाता है

पढ़ें- जोधपुर: केक ऑर्डर का भुगतान लेने के लिए स्कैन किया क्यूआर कोड, गंवाए 98 हजार रुपए

फोन करने वाला किसी तरह का ओटीपी नंबर नहीं मांगता. इससे लोग ठग के झांसे में आ भी जाते हैं. क्यूआर कोड के लिंक को स्कैन करते ही लोगों के खाते से तुरंत भुगतान हो जाता है और उनकी मेहनत की कमाई एक झटके में उड़ जाती है.

क्यूआर कोड से ठगी

10704868_thumbnail_3x2_kdkkk.jpg
क्यूआर कोड से ठगी

जोधपुर शहर में बीते 1 सप्ताह में ऐसे 2 मामले सामने आए हैं जिनमें क्यूआर कोड भेजकर खातों से रुपए निकाल लिए गए. देव नगर थाना क्षेत्र में एक महिला को केक का भुगतान करने के लिए क्यूआर कोड भेजा गया. जिससे उनके खाते से 98 हजार रुपए निकल गए.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सावधान, कोड स्कैन कर ठगी,  डिजिटल इंडिया में साइबर अपराध, Cheated by qr code, Cyber ​​crime in Rajasthan, Cyber ​​fraud in Jodhpur, Beware of online transactions, Scanned the code, Cyber crime in Digital India
सायबर एक्सपर्ट का कहना है- अनजान नंबर से आए लिंक पर क्लिक न करें

रातानाड़ा थाना क्षेत्र में होटल रणबंका के एक व्यक्ति के खाते से 75000 रुपए इसी तरह निकाल लिए गए. हालांकि पुलिस की साइबर एक्सपर्ट टीम इन मामलों की पड़ताल कर रही है. लेकिन जरूरत है ऑनलाइन ठगों के नए तरीकों को जानने की और उनसे सतर्क रहने की.

क्यूआर कोड से रहें सावधान

10704868_thumbnail_3x2_kdkkk.jpg
क्यूआर कोड से रहें सावधान

साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला बताती है कि हर आदमी को इस बात को लेकर बिल्कुल जागरूक हो जाना चाहिए कि क्यूआर कोड से सिर्फ भुगतान होता है. क्यूआर कोड से कभी भी भुगतान प्राप्त नहीं किया जाता है. यानी कि कोड स्कैन करने वाले के खाते में कभी भी राशि जमा नहीं होती है.

प्रिया बताती है कि आम आदमी अबकी बार कोड से भुगतान करने लगा है. उसमें स्पष्ट लिखा आता है कि भुगतान हो रहा है. लेकिन इसके बावजूद लोग समझ नहीं पाते हैं कि यह सिर्फ पेमेंट करने के लिए एक माध्यम है. ऐसी स्थिति में जब भी क्यूआर कोड या उसका लिंक मिलता है तो समझ लेना चाहिए कि पैसा जाएगा, आएगा नहीं.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सावधान, कोड स्कैन कर ठगी,  डिजिटल इंडिया में साइबर अपराध, Cheated by qr code, Cyber ​​crime in Rajasthan, Cyber ​​fraud in Jodhpur, Beware of online transactions, Scanned the code, Cyber crime in Digital India
क्यूआर कोड के जरिए बिना ओटीपी ठगी की जा रही है

पढ़ें- जागते रहो : साइबर क्राइम का गढ़ बन रहा मेवात क्षेत्र...ऑनलाइन लेन-देन पर रहें सतर्क, रखें ये सावधानियां...

ऐसे मामलों में भी भुगतान रोका जा सकता है. अगर हमें तुरंत पता चल जाए कि इनलीगल ट्रांजैक्शन हो गया है तो सबसे पहले अपने बैंक की ब्रांच में संपर्क कर बताना चाहिए. शुरुआती 1 घंटे के अंदर बैंक इस डिजिटल ट्रांजैक्शन को फ्रीज कर सकता है. इसके बाद पुलिस में भी कंप्लेंट की जा सकती है. बैंक से संपर्क करने के बाद कस्टमर केयर पर जाकर भी इस तरह के ट्रांसफर जानकारी देकर हम उसे रुकवा सकते हैं.

क्यूआर स्कैन की ठगी से कैसे बचें

10704868_thumbnail_3x2_kdkkk.jpg
क्यूआर स्कैन की ठगी से कैसे बचें

साइबर एक्सपर्ट प्रिया सांखला का कहना है कि ट्रांजेक्शन के बाद जो राशि दूसरे खाते में गई है अगर वहां से विड्रोल नहीं हुई है तब तक बैंक उस ट्रांजैक्शन को रोक सकता है. कई बार छुट्टी के दिनों में इस तरह के ट्रांजेक्शन की राशि विड्रोल नहीं हो पाती है. ऐसे में बैंक आसानी से कार्यवाही भी कर सकता है.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से सावधान, कोड स्कैन कर ठगी,  डिजिटल इंडिया में साइबर अपराध, Cheated by qr code, Cyber ​​crime in Rajasthan, Cyber ​​fraud in Jodhpur, Beware of online transactions, Scanned the code, Cyber crime in Digital India
क्यूआर कोड से सिर्फ भुगतान होता है

दरअसल जो क्यूआर कोड का जो लिंक प्राप्त होता है उसमें संबंधित व्यक्ति के खाते से जुड़ी पूरी जानकारी होती है. जो उसने ऑनलाइन कभी दर्ज की होती है. जहां से साइबर अपराधी ट्रेस कर लेते हैं. पूरी जानकारी मैच होने के साथ लिंक क्रिएट कर भेजा जाता है. जिससे लिंक के एक्टिवेट होते ही ट्रांजेक्शन हो जाता है.

Last Updated :Feb 20, 2021, 7:40 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.