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Rajasthan Assembly Today : सदन में शून्यकाल में उठे यह बड़े मामले...

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Published : Mar 24, 2022, 3:39 PM IST

Rajasthan Assembly Today
सदन में शून्यकाल में उठे यह बड़े मामले...

राजस्थान विधानसभा में गुरुवार को शून्यकाल के दौरान विधायकों ने कई महत्वपूर्ण मामले उठाकर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. सदन में कोरोना कालखंड में आर्थिक रूप से प्रभावित मध्यम और गरीब परिवारों के बच्चों की स्कूल फीस माफ (School Fees Waived Issue in Rajasthan) करने से लेकर भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट की स्थापना होने सहित बिजली पानी और सड़क से जुड़ी कई मांगें उठीं.

जयपुर. सदन में आज शून्यकाल में कई बड़े मामले उठे. भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कोरोना कालखंड के दौरान आर्थिक रूप से परेशान रहे मध्यमवर्गीय व गरीब परिवारों के बच्चों की स्कूल की फीस सरकार द्वारा भरकर राहत देने की मांग की. लाहोटी ने कहा कि मध्यम और गरीब श्रेणी के अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा वसूल की जा रही इस फीस से काफी परेशान है. अभिभावकों ने पूर्व में राज्य सरकार और न्यायालय की शरण ली, लेकिन राहत कहीं से नहीं मिल पाई. जबकि अधिकतर बच्चों ने 2 साल तक घर में ही बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई की. सरकार ने बजट में शिक्षा पर 67,000 करोड़ का भारी भरकम प्रावधान किया है. सरकार चाहे तो इसी बजट में से ऐसे अभिभावकों को राहत देते हुए उनके बच्चों की फीस का पुनर्भरण करे.

संदीप यादव ने उठाई रेजिमेंट के गठन की मांग : शून्यकाल में विधायक संदीप यादव ने भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन के लिए (Ahir Regiment Demand in Rajasthan Vidhan Sabha) केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजे जाने की मांग की. यादव ने कहा कि यदुवंशी का शौर्य और इतिहास सबके सामने है. चाहे मुगलों का आक्रमण हो या बॉर्डर पर तैनात रहकर देश की सुरक्षा का मामला, अहीर समाज के जवानों ने इसके लिए अपने प्राणों की आहुतियां तक दी हैं. ऐसे में समाज की भी यही मांग है और समाज से जुड़े जनप्रतिनिधि लगातार संसद से लेकर विभिन्न विधानसभाओं में यह मांग उठाते आ रहे हैं. ऐसे में सरकार समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भिजवाए.

राजकुमार रोत व वासुदेव देवनानी ने उठाए यह मामले : सदन में बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने डूंगरपुर जिले में सरकारी विद्यालय और महाविद्यालय में खाली पड़े शिक्षक और व्याख्याताओं के पद की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया. राजकुमार रोत ने कहा कि जिले में 375 माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें 561 शिक्षकों के पद रिक्त हैं. यही स्थिति महाविद्यालयों की भी है. विधायक ने कहा कि इस क्षेत्र में जनजाति लोग रहते हैं. ऐसे में जनजाति बच्चे इन शिक्षण संस्थानों से डिग्री तो ले रहे हैं, लेकिन वास्तविक शैक्षणिक ज्ञान उन्हें नहीं मिल पा रहा.

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विधायक ने कहा कि खाली पड़े पदों को सरकार भरें और फिर यहां तबादलों पर 7 वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाए. वहीं, भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने अजमेर की अरावली पहाड़ी पर लगातार हो रहे अतिक्रमण का मामला उठाया. देवनानी ने कहा कि यहां फिर से पहाड़ों पर अतिक्रमण कर लोगों ने कच्चे-पक्के निर्माण कर दिए हैं. आलम यह है कि अधिकारियों की सांठगांठ से यहां (Zero Hour in Rajasthan Assembly) उन्हें बिजली और पानी के कनेक्शन भी मिल गए. देवनानी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश पर साल 2011-12 में ऐसे परिवारों को अजमेर विकास प्राधिकरण ने नोटिस जरूर जारी की है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ.

अन्य विधायकों ने उठाए सदन में यह मुद्दे : शून्यकाल में इनके अलावा भाजपा विधायक अनिता भदेल ने कच्ची बस्तियों के नियमन से जुड़ा मामला उठाया तो वहीं शोभारानी कुशवाह ने धौलपुर में रीको क्षेत्र से लगातार फैक्ट्रियां बंद होने का मसला उठाकर इससे बढ़ रही बेरोजगारी की ओर सरकार का ध्यान दिलाया. विधायक अर्जुनलाल जीनगर ने कपासन विधानसभा क्षेत्र और उसके आसपास उद्योगों के प्रदूषण से हो रही परेशानियों की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया तो वहीं सलूंबर विधायक अमृत लाल मीणा ने नहरों की मरम्मत के अटके काम का मामला उठाया. विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने बजट को अन्य मदों पर खर्च करने से जुड़ा मामला उठाकर अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. वहीं, अलवर विधायक संजय शर्मा ने पेयजल किल्लत का मामला उठाया. रामप्रताप कासनिया ने विधायक निधि से जारी की गई राशि की वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने का मामला उठाया.

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