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व्यवसायिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति के बदले नियम, सैकड़ों की नौकरी पर गिरी गाज

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Published : Sep 7, 2022, 12:18 PM IST

पहले कोरोना और अब नियुक्ति के बदले हुए नियमों की वजह से व्यवसायिक प्रशिक्षकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है (Rajasthan Skill development Trainers ). नियमों में हुए बदलाव से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को स्किल एजुकेशन देने वाले शिक्षकों में से सैकड़ों की नौकरी पर बन आई है. नया सत्र शुरू होने के बाद भी 12 ट्रेड में से आधों में ही प्रशिक्षकों को नियुक्ति मिली है.

Rajasthan Skill development Trainers
नियमों में बदलाव से रोजी रोटी का संकट

जयपुर. 12वीं पंचवर्षीय योजना में कौशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए स्कूली शिक्षा में व्यावसायिक शिक्षा को लागू किया गया (Rajasthan Skill development Trainers ). राजस्थान में सत्र 2014-15 से सत्र 2021-22 तक अनुमोदित 1088 विद्यालय और इस सत्र 2022-23 में नए अनुमोदित 780 राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित और हुनरमंद बनाने की योजना चल रही है. व्यावसायिक शिक्षा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अंतर्गत 2021 से 2030 के बीच राज्य के सभी माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा के साथ एकीकृत करने की योजना है.

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को स्किल डवलपमेंट का प्रशिक्षण देने के लिए सरकार से एजेंसियों के माध्यम से करीब 2500 व्यावसायिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति की थी. ये प्रशिक्षक स्टूडेंट्स को विभिन्न एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर, टेलीकॉम, आईटी, ब्यूटी वेलनेस, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर जैसे प्रशिक्षण प्रदान कर रहे थे. लेकिन केंद्र प्रवर्तित योजना के तहत कार्यरत इन प्रशिक्षकों के समक्ष अब रोजगार को लेकर समस्या खड़ी हो गई है. जिसका कारण सरकार की ओर से नियुक्ति नियमों में हुए बदलाव को बताया जा रहा है.

नियमों में बदलाव से रोजी रोटी का संकट

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कई विषयों का स्किल डेवलपमेंट प्रदान कर रहे प्रशिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता में बदलाव कर दिया है. खासतौर पर आईटी ट्रेड और इलेक्ट्रिक ट्रेड के प्रशिक्षक इससे ज्यादा परेशानी में हैं. केंद्र सरकार ने नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता में बदलाव कर इसे बीसीए और पीजीडीसीए के स्थान पर अब एमसीए कर दिया है. इस बदलाव के बाद अब एजेंसियों ने पहले से काम कर रहे करीब 300 शिक्षकों को तो काम पर रखने से पूरी तरह इनकार कर दिया है. प्रशिक्षकों का कहना है कि लंबे समय से वो स्कूलों में काम कर रहे थे और अब योग्यता बढ़़ाए जाने से उनके रोजगार पर बन आई है. इसे लेकर प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि नियम केंद्र सरकार ने बदले हैं.

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आपको बता दें कि व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत 2012 में हरियाणा से की गई थी. फिर इसे पूरे देश में लागू किया गया. राजस्थान के पहले 1088 स्कूलों को इस योजना के तहत शामिल किया गया. नई शिक्षा नीति के तहत इस सत्र 2022-23 में नए अनुमोदित 780 स्कूलों को इसमें शामिल करने की योजना है. हालांकि नया सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन अब तक 12 में से आधे ट्रेड्स में ही इन व्यवसायिक प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया है.

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