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नहीं मिल रहा गरीबों को राशन, डेढ़ साल से बंद है NFSA Portal... रैली निकाल जताया आक्रोश

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Published : Dec 22, 2021, 3:33 PM IST

Updated : Dec 22, 2021, 6:51 PM IST

National Food Security Mission
एनएफएसए में नाम जोड़ने का पोर्टल

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (National Food Security Mission) में जरूरतमंद और गरीबों का नाम जोड़ने का पोर्टल बंद है, इसके कारण सरकार इस योजना में पात्र लोगों काणना के अनुसार दिया जाना नाम नहीं जोड़ पा रही है. केंद्र सरकार फिलहाल 2011 की जनसंख्या के हिसाब से राशन दे रही है, जबकि इसे 2021 के हिसाब से देना चाहिए.

जयपुर. कोरोना काल में पिछले डेढ़ साल से प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जोड़ने का काम बंद है. केंद्र सरकार ने इसका पोर्टल बंद किया हुआ है. इसके खिलाफ बुधवार को कई सामाजिक संगठनों, गरीब और जरूरतमंद लोगों ने मोर्चा खोल दिया. केंद्र सरकार के खिलाफ पैदल मार्च निकालकर (Rally against Union Government) आक्रोश जताया और राशन कार्ड से ही 2021 की जनसंख्या के हिसाब से राशन देने की मांग की.

प्रदेश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जरूरतमंद और गरीबों का नाम जोड़ने का पोर्टल बंद है, इसके कारण राज्य सरकार भी इस योजना में पात्र लोगों का नाम नहीं जोड़ पा रही है. केंद्र सरकार फिलहाल 2011 की जनसंख्या के हिसाब से राशन दे रही है और उसका कहना है कि उसके पास पर्याप्त मात्रा में राशन नहीं है, इसलिए पोर्टल बंद किया है. राज्य सरकार के हिसाब से प्रदेश में 44 लाख लोग ऐसे हैं जिन्हें राशन मिलना चाहिए लेकिन वह नहीं दे पा रही.

डेढ़ साल से बंद है NFSA Portal... रैली निकाल जताया आक्रोश

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सामाजिक संगठन और मजदूरों का कहना है कि सरकार जरूरतमंद लोगों को राशन से इस तरह से वंचित नहीं रख सकती. राशन पाना जनता का अधिकार है. इसके लिए सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी और मजदूर खासा कोठी सर्किल पर एकत्र हुए और यहां से कलेक्ट्रेट सर्किल तक पैदल मार्च निकाला. इस पैदल मार्च में क्रांतिकारी निर्माण मजदूर संगठन, भारतीय मजदूर ट्रेड यूनियन, राजस्थान नागरिक मंच, एक्टू, ऐपवा, राजस्थान निर्माण मजदूर पंचायत संगठन, डॉ अंबेडकर विचार मंच, मेहनतकश पंचायत आदि संगठनों के पदाधिकारी और जरूरतमंद मौजूद रहे. कलेक्ट्रेट सर्किल पर सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों और गरीब मजदूरों ने केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया.

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मजदूरों ने कहा कि विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना जता रहे हैं इसलिए जरूरी है कि भूखमरी के हालात फिर से पैदा ना हो. इसके लिए सरकार को फिर से एनएफएसए का पोर्टल शुरू करना चाहिए. पात्र लोगों को 2011 की बजाय 2021 की जनगणना के हिसाब से दिया जाए. राशन कार्ड से ही गेहूं के अलावा दाल और तेल भी दें. यदि केंद्र सरकार मांग नहीं मानती है तो राज्य सरकार अपने स्तर पर ही कोई स्कीम शुरू करे और जनता को राशन दे. सामाजिक संगठनों ने मांग की कि यदि केंद्र सरकार पोर्टल शुरू नहीं करती है तो गहलोत सरकार को इसके खिलाफ कोर्ट में जाना चाहिए.

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संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि वे 82 करोड़ लोगों को राशन दे रही है जबकि प्रदेश में लोग भूखे बैठे हैं. देश गरीबी की ओर बढ़ रहा है. देश में बेरोजगारी 50 फीसदी से ऊपर हो गयी. देश के हालात बहुत खराब है, इसलिए हमने यह मार्च निकाल कर केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है.

Last Updated :Dec 22, 2021, 6:51 PM IST
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