जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में भर्ती परीक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए केरल और तमिलनाडु राज्यों की भर्ती परीक्षा के मॉडल का अध्ययन कराया जाएगा. इसके लिए जल्द ही एक उच्च स्तरीय टीम दोनों राज्यों में जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त करेगी. इसके बाद राजस्थान में भी उसी पैटर्न पर भर्ती परीक्षाएं आयोजित कराने पर विचार किया (Kerala and Tamil Nadu recruitment formula in Rajasthan) जाएगा.
गहलोत को मंगलवार शाम मुख्यमंत्री निवास पर भर्ती परीक्षा प्रक्रियाओं में सुधारात्मक सुझाव देने के लिए गठित जस्टिस व्यास समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत (Justice Vyas committee) की. इस मौके पर गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को राजकीय सेवाओं में नियुक्तियां देने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार की ओर से भर्ती परीक्षाएं गोपनीयता के साथ आयोजित कराई जा रही हैं, फिर भी पेपर लीक की घटनाएं सामने आई (Paper leak cases in Rajasthan) हैं. ऐसी समस्याओं का शीघ्र निस्तारण होगा. गहलोत ने कहा कि भर्ती परीक्षा एजेंसियों को आपसी समन्वय बनाए रखने की आवश्यकता है. परीक्षा प्रक्रिया में विश्वसनीयता बनाने के लिए सभी एजेंसियाें की ओर से आवश्यक कदम उठाए जाएं.
बता दें कि गहलोत सरकार ने 30 जनवरी, 2022 को राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विजय कुमार व्यास की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन गया था. इसमें सेवानिवृत्त आईपीएस और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष एमएल कुमावत को सदस्य और कार्मिक विभाग के प्रमुख शासन सचिव को सदस्य सचिव नियुक्त किया गया था. इस समिति ने महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, केरल स्थित भर्ती परीक्षाओं के आयोग, बोर्ड, संस्थाओं के साथ आरपीएससी, अजमेर और राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड, जयपुर की कार्यप्रणाली का भी अध्ययन किया गया.
समिति ने अपनी रिपोर्ट में प्रश्न पत्र तैयार करने से लेकर, प्रिंटिंग, वितरण, परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाने के लिए आधारभूत संरचना, सुरक्षा एवं गोपनीयता संबंधी मापदंड, अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्रों का आवंटन, परीक्षा केंद्र अधीक्षक, परीक्षा के लिए जिला समन्वयक, सुपरवाइजर एवं वीक्षक की भूमिका और दायित्वों, कोताही की स्थिति में अनुशासनात्मक कार्रवाई, उत्तरपुस्तिकाओं के लिए परिवहन व्यवस्था संबंधित कई सुझाव दिए. इस अवसर पर मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोड़ा एवं संयुक्त सचिव कार्मिक विभाग रामनिवास मेहता भी उपस्थित थे.