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राजस्थान हाईकोर्ट ने चिन्हित निर्माणों को हटाने के लिए एक्शन प्लान पेश करने के दिए आदेश

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Published : Aug 27, 2019, 9:28 PM IST

Rajasthan High Court ordered, कोर्ट ने एक्शन प्लान बनाने का आदेश दिया

राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को दो सप्ताह में चारदीवारी में नियमों के विपरीत बने, चिन्हित निर्माणों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करने के आदेश दिए हैं.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को दो सप्ताह में चारदीवारी में नियमों के विपरीत बने चिन्हित निर्माणों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करने के आदेश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश एस. रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश पर कोटे में हेरिटेज संरक्षण को लेकर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए.

कोर्ट ने चिन्हित निर्माणों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करने के आदेश दिए हैं

सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त वीपी सिंह अदालत में पेश हुए. निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश की पालना में नियमों की अवहेलना कर बनाए गए 113 निर्माणों को चिन्हित किया गया है. अदालत को बताया गया कि स्वायत्त शासन विभाग के अतिरिक्त निदेशक को समन्वय के लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया है.

इस पर अदालत ने पूछा कि जिन निर्माणों को चिन्हित किया गया है, उन्हें हटाने की क्या योजना है. अदालत ने गलीवार इन निर्माणों को हटाने की जानकारी मांगते हुए विस्तृत एक्शन प्लान पेश करने को कहा. इस पर निगम आयुक्त ने प्लान पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है. मामले से जुड़े अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर की इमारतों को संरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की गई है, लेकिन पुरानी इमारतों को तोड़कर नए कॉम्पलैक्स बनाए जा रहे हैं ऐसे में अधिसूचनाओं की पालना कराई जाए.

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इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 16 सितंबर तक टालते हुए निगम को एक्शन प्लान पेश करने को कहा है. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 9 मई को आदेश जारी कर परकोटा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और हेरिटेज संरक्षण के लिए योजना पेश करने को कहा था

Intro:न्याय मित्र शोभित तिवारी की बाइट

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निगम आयुक्त को दो सप्ताह में चारदीवारी में नियमों के विपरीत बने चिन्ह्ति निर्माणों को हटाने का एक्शन प्लान पेश करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश एस रविन्द्र भट्ट और न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश परकोटे में हेरिटेज संरक्षण को लेकर लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:सुनवाई के दौरान निगम आयुक्त वीपी सिंह अदालत में पेश हुए। निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश की पालना में नियमों की अवहेलना कर बनाए गए 113 निर्माणों को चिन्ह्ति किया गया है। अदालत को बताया गया कि स्वायत्त शासन विभाग के अतिरिक्त निदेशक को समन्वय के लिए नोडल ऑफिसर बनाया गया है। इस पर अदालत ने पूछा कि जिन निर्माणों को चिन्ह्ति किया गया है, उन्हें हटाने की क्या योजना है? अदालत ने गलीवार इन निर्माणों को हटाने की जानकारी मांगते हुए विस्तृत एक्शन प्लान पेश करने को कहा। इस पर निगम आयुक्त ने प्लान पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। मामले से जुडे अधिवक्ता विमल चौधरी ने कहा कि शहर की इमारतों को संरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की गई है, लेकिन पुरानी इमारतों को तोडकर नए कॉम्पलैक्स बनाए जा रहे है। ऐसे में अधिसूचनाए की पालना कराई जाए। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 16 सितंबर तक टालते हुए निगम को एक्शन प्लान पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 9 मई को आदेश जारी कर परकोटा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और हेरिटेज संरक्षण के लिए योजना पेश करने को कहा था।Conclusion:
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