जयपुर. याचिका में वरिष्ठ अधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद और अधिवक्ता दीपक शर्मा ने बताया कि चाकसू वार्ड 22 से कांग्रेस की हारी हुई उम्मीदवार सुमन हरसाना ने चाकसू कोर्ट में चुनाव याचिका पेश कर कहा था कि वार्ड नंबर 23 और 24 के कुछ मतदाताओं ने वार्ड संख्या 22 में मतदान किया है. जिसके चलते गायत्री देवी विजयी हुई हैं. यदि ये मतदाता अपने वार्ड में ही मतदान करते तो प्रार्थी सुमन हरसाना ही विजयी होती.
कोर्ट ने चुनाव याचिका पर सुनवाई करते हुए गत 20 अप्रैल को आदेश जारी कर (High Court Big Decision) गायत्री देवी के निर्वाचन को निरस्त करते हुए सुमन हरसाना को विजयी घोषित कर दिया था, जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि समय-समय पर परिसीमन बदलता रहता है. वहीं, एक बार अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित हो जाती है तो उसे चुनाव याचिका के जरिए चुनौती नहीं दी जा सकती.
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इसके अलावा सुमन हरसाना ने सिर्फ परिणाम में संशोधन की ही गुहार की थी, लेकिन निचली अदालत ने याचिकाकर्ता को ही अयोग्य घोषित कर दिया. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए दोनों पक्षों की सहमति से याचिका का निस्तारण करने के लिए मामले की सुनवाई 18 जुलाई को तय की है.