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डोटासरा से शिक्षकों की नोकझोंक के बाद बड़ा फैसला, शिक्षक संगठनों को गिरदावरी कर दी जाएगी मान्यता

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Published : Apr 10, 2021, 8:38 PM IST

शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ज्ञापन देने आये शिक्षकों के साथ नोकझोंक हो गयी थी. जिसके बाद सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में जितने भी शिक्षक संगठन हैं, उनको मान्यता दी जाएगी और सरकार की तरफ से समयबद्ध रूप से यह तय किया जाएगा कि कब शिक्षक संगठनों की सरकार से वार्ता होगी.

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डोटासरा से शिक्षकों की नोकझोंक के बाद बड़ा फैसला, शिक्षक संगठनों को गिरदावरी कर दी जाएगी मान्यता

जयपुर. सीकर में शिक्षकों के साथ शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की शुक्रवार को नोकझोंक हो गयी थी. जिसके बाद सरकार ने तय किया है कि प्रदेश में जितने भी शिक्षक संगठन हैं, उनको मान्यता दी जाएगी और सरकार की तरफ से समयबद्ध रूप से यह तय किया जाएगा कि कब शिक्षक संगठनों की सरकार से वार्ता होगी. वहीं कल की घटना पर भाजपा नेताओं के कटाक्ष को लेकर गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की सतीश पूनिया और राजेंद्र राठौड़ से यह पूछा जाए कि उनके राज में 5 साल में कितने शिक्षकों का अपमान किया गया.

पढ़ें: Video: ज्ञापन देने आये प्रिंसिपल-व्याख्याताओं पर बिफरे शिक्षा मंत्री, सस्पेंड करने की दे डाली धमकी

भाजपा शिक्षकों पर लाठियां बरसाती थी

डोटासरा ने कहा कि भाजपा के राज में अगर शिक्षक काले मोजे या पेंट पहन कर आ जाते थे तो भाजपा उन्हें भी उतरवा लेती थी और उन पर लाठियां भी बरसाती थी. जो शिक्षक संगठन के लोग आए थे, वह केवल किसी संगठन की फोटो कॉपी लेकर आए थे. जिस संगठन के वह पदाधिकारी बताए जा रहे थे उसके वो थे ही नहीं. ऐसे में बच्चों की बोर्ड की परीक्षा को छोड़कर अगर शिक्षक छुट्टी लेकर अपनी मांगे लेकर आते हैं तो यह गलत बात है.

शिक्षक संगठनों की होगी गिरदावरी

बिना समय लिये किसी से बात नहीं करूंगा

शिक्षा मंत्री ने कहा कि अगर शिक्षक नेताओं को उनसे मिलना था तो वह सरकारी निवास के ऊपर या सचिवालय में समय लेकर आते. लेकिन वह बिना नियम कायदों के आए और यह कहा कि वार्ता करनी ही पड़ेगी तो बिना समय लिए तो गोविंद डोटासरा किसी से बात नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि मैं एक ऐसा शिक्षा मंत्री रहा हूं, जिसने शिक्षकों की सभी समस्याओं का समाधान किया है. शिक्षक संगठनों से उनकी समस्याओं के बारे में समय-समय पर चर्चा की.

लेकिन ऐसा भी नहीं हो सकता कि टीचर जिसे पढ़ाने के लिए भर्ती किया गया है. वह अपने व्यक्तिगत काम के लिए बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करें और बिना समय लिए आकर वह अपनी मांगे मनवानी चाहे. ऐसी घटना तो यह सरकार ने आज बर्दाश्त करेगी न ही कल बर्दाश्त करेगी. डोटासरा ने कहा कि जो शिक्षक आए थे. वह अपने आप को शिक्षक संगठन रेसला लोकतांत्रिक का सदस्य बता रहे थे. जबकि ऐसा कोई संगठन है ही नहीं. और ना ही ऐसे किसी संगठन का रजिस्ट्रेशन है. इसके बावजूद भी हमने शिक्षकों का सम्मान किया. लेकिन शिक्षकों को ऐसा नहीं करना चाहिए.

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