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REET की फिक्र से दूर शिक्षा मंत्री...आखिर क्यों मुख्य सचिव की देखरेख में हो रही परीक्षा

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Published : Jul 22, 2022, 6:46 PM IST

रीट परीक्षा 23 और 24 जुलाई (REET 2022 in Rajasthan) को आयोजित की गई है लेकिन इसकी जिम्मेदारी से फिलहाल शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला को विरत रखा गया है. पूरी परीक्षा मुख्य सचिव की देखरेख में कराई जा रही है. इस मामले में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला (BD kalla on Reet exam) ने ये बातें कहीं.

BD kalla on Reet exam
REET की फिक्र से दूर शिक्षा मंत्री

जयपुर. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की तरफ से राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा 2022 का आयोजन 23 और 24 जुलाई को किया जा रहा है. इस भर्ती परीक्षा में पूरे राजस्थान से साढ़े पंद्रह लाख से ज्यादा अभ्यर्थी भाग लेने वाले हैं. अभ्यर्थियों की तादाद देखकर ही यह समझ में आता है कि परीक्षा कितनी बड़ी होगी और इसे लेकर व्यवस्थाएं किस स्तर पर की जा रही होंगी. साल 2021 में हुई भर्ती परीक्षा में धांधली और पेपर आउट होने के मामले में राजस्थान के शिक्षा महकमे की जमकर फजीहत हुई थी.

इस मामले में तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली ने राजनीतिक दखल के भी आरोप लगाए थे. इसके बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग की भी भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए थे. ऐसे में अहम सवाल यह है कि इस बार की परीक्षा में शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला की जिम्मेदारियां कितनी हैं और उन्होंने ईटीवी भारत से क्या कहा?

REET पर कल्ला ने यह कहा
इस बार जब शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला (BD kalla on Reet exam) से रीट भर्ती परीक्षा को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह जिम्मेदारी प्रदेश की मुख्य सचिव की है. आप इस बात से ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इस बार की परीक्षा में तैयारियों को लेकर अलग-अलग दौर की बैठकों में शिक्षा मंत्री की भूमिका नहीं रही थी. ऐसे में इस परीक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं का बतौर शिक्षा मंत्री मुझसे कुछ भी लेना देना नहीं है. जाहिर है कि यह भर्ती परीक्षा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड करा रहा है जो कि शिक्षा विभाग के मुखिया के अधीन आती है तो फिर इस परीक्षा में मंत्री की भूमिका आखिर क्यों नहीं है. क्या बिजली मामले में खड़े हुए विवाद के बाद अब किसी भी राजनीतिक दखल से सरकार बचना चाह रही है.

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ये हुआ था 2021 की REET में विवाद
साल 2021 में आयोजित की गई रीट परीक्षा में पेपर लीक और धांधली के बाद राजस्थान सरकार निशाने पर आ गई थी. विपक्ष के साथ-साथ युवा बेरोजगारों ने भी इस मसले पर सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया था. राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस मसले पर विपक्ष की तरफ से सीबीआई जांच की मांग की गई थी. इस दौरान शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने यह कहते हुए सीबीआई जांच से इनकार कर दिया था कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है और अब तक करीब 40 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं. इससे पहले तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉक्टर सभाष गर्ग पर परीक्षा में हुई धांधली और गड़बड़झाले को लेकर आरोप लगे थे.

इस मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की जांच के दौरान के सामने आया था कि रीट का पेपर शिक्षा संकुल में बने स्ट्रांग रूम से ही लीक किया गया था. परीक्षा के 1 दिन पहले इस पेपर को सवा करोड़ रुपए में बेचा गया था. इसके पहले राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा आरोप लगा चुके थे कि रीट का पेपर शिक्षा संकुल से लीक हुआ है. डॉक्टर किरोड़ीलाल मीणा के मुताबिक 25 सितंबर की दोपहर को जब रीट का पेपर लीक हुआ, उस दिन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. डीपी जारोली और जयपुर के कॉर्डिनेटर प्रदीप पाराशर मौजूद थे. डॉ. मीणा ने जारोली और पाराशर की मिलीभगत के आरोप लगाए थे. डॉ. मीणा के मुताबिक बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली ने राजस्थान के 32 जिलों में ADM को परीक्षा का कॉर्डिनेटर बनाया, लेकिन जयपुर का कॉर्डिनेटर निजी व्यक्ति डॉक्टर प्रदीप पाराशर को बनाया. पाराशर ने ही पेपर लीक का पूरा षड़यंत्र रचा.

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डोटासरा और गर्ग पर थे आरोप
रीट पेपर लीक के बाद बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि गहलोत सरकार में मंत्री डॉ सुभाष गर्ग के मार्गदर्शन में ही पर्चा लीक हुआ था. मीणा ने आरोप लगाया था कि इस मामले में कुछ और कांग्रेस नेता शामिल हो सकते हैं. किरोड़ी लाल मीणा ने बताया था कि कांग्रेस की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए राजीव गांधी स्टडी सर्किल का गठन किया गया था. इस सर्किल के चेयरपर्सन खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं जबकि मंत्री सुभाष गर्ग राजीव गांधी स्टडी सर्किल के नेशनल कॉर्डिनेटर हैं.

डॉ. मीणा ने कहा कि वर्ष 2012 में हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा (TET) की परीक्षा के दौरान सुभाष गर्ग माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष थे. उन्होंने टेट के पेपर कोलकाता की सरस्वती प्रिंटिंग प्रेस से छपवाए थे. इसी तरह से कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी किरोड़ी लाल मीणा ने जमकर घेरा था. इस मामले में आरोप लगाया गया था कि गोविंद सिंह डोटासरा के नजदीकी रिश्तेदार करीब 13 लोग इस परीक्षा में पास हुए हैं और पेपर लीक में उनकी भी मिलीभगत हो सकती है. वहीं बतौर शिक्षा मंत्री डोटासरा के मैनेजमेंट पर भी सवाल खड़े किए गए थे.

युवा और बेरोजगार उठा सकते हैं अंगुली
साल 2024 के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. डेढ़ साल बाद होने वाले इलेक्शन में राजस्थान में युवाओं के लिए भर्ती परीक्षा और बेरोजगारी बड़ा मुद्दा होगा. ऐसे में अगर इस बार भी रीट जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा किसी विवाद के कारण अटक जाती है, तो फिर युवाओं की उम्मीद पर पानी फिर जाएगा. बेरोजगार युवा भर्ती की आस लेकर सरकार से उम्मीद कर रहे हैं, पर उनकी आशा धूमिल हो जाएगी. ऐसे में सरकार की मंशा हो सकती हैं कि सक्रिय रुप से किसी भी राजनेता की भूमिका को लेकर भविष्य की गड़बड़ियों के बीच सवाल खड़े ना किए जाए. यही वजह है कि पूरी भर्ती परीक्षा में व्यवस्थाओं का जिम्मा अग्रिम पंक्ति में खड़े प्रशासनिक अधिकारी ही संभाल रहे हैं.

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जयपुर में यह रहेगी व्यवस्था
इस बार REET परीक्षा में एग्जाम सेंटर की कमान प्रशासनिक अधिकारियों के पास रहेगी. किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए 15 हजार कार्मिकों को ड्यूटी पर तैनात किया गया है. परीक्षा में नियुक्त किए गए सभी अधिकारी और कर्मचारी अब 24 जुलाई तक जिला स्तरीय परीक्षा संचालन समिति की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे. ये अधिकारी किसी भी तरह के अवकाश पर नहीं रहेंगे. सभी के आईकार्ड जारी किये गये हैं. हर गतिविधि पर अभय कमांड सेंटर से पुलिस की नजर भी रहेगी. राजधानी जयपुर में चार चरणों में 3 लाख 50 हजार 713 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे. परीक्षा संबंधी कार्यों में जीपीएस लगे वाहन ही काम में लिए जाएंगे. स्ट्रांग रूम से लेकर प्रश्न पत्र वितरण तक हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जाएगी. परीक्षा से एक घंटे पहले परीक्षा केन्द्र पर रिपोर्ट करना होगा. त्रिस्तरीय जांच के बाद परीक्षार्थियों को सेंटर में प्रवेश दिया जाएगा.

दोनों दिन जयपुर में 776 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित होगी. जयपुर में होने वाली परीक्षा में बैठने वाले कुल 3 लाख 50 हजार 713 अभ्यर्थियों में 1 लाख 33 हजार 39 स्टूडेंट्स दूसरे जिले से जयपुर आएंगे. जबकि 2 लाख 17 हजार 674 स्टूडेंट्स जयपुर जिले में परीक्षा देंगे. जयपुर से अन्य दूसरे जिलों में 2,50,744 स्टूडेंट्स एग्जाम देने जाएंगे. आने-जाने के लिए प्रशासन ने जयपुर में 4 अस्थाई बस स्टैंड बनाए हैं. इनमें 520 बसें लगाई गईं हैं. सबसे ज्यादा 200 बसें विद्याधर नगर स्टेडियम में लगाई गई है, जबकि सबसे कम 70 बसें टोंक रोड पर बीटू बाइपास चौराहे पर लगाई गई है. इन बसों में स्टूडेंट्स को 26 जुलाई तक फ्री यात्रा की सुविधा रहेगी.

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