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OSD Resignation Row: यहां इस्तीफे स्वीकारे नहीं जाते, अपनी बारी के इंतजार में अब भी कई

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Published : Sep 21, 2021, 7:54 AM IST

राजस्थान में इन दिनों एक इस्तीफे की चर्चा सुर्खियों में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी (Officer On Special Duty) लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma Resignation) का. हालांकि अब तक इसको स्वीकारा नहीं गया है. अब फिर बहस छिड़ी है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में त्यागपत्र जितनी तेजी से दिए जाते हैं ठीक उसी गति से उन्हें मंजूर नहीं किया जाता.

OSD Resignation Row
यहां इस्तीफे स्वीकार नहीं होते!

जयपुर: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. भले ही शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया हो (OSD Lokesh Sharma Resignation) और मुख्यमंत्री से भी इस्तीफा स्वीकार करने का आग्रह किया हो लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है.

राजस्थान के सीएम गहलोत के OSD लोकेश शर्मा ने दिया इस्तीफा

वैसे यह कोई पहली बार नहीं है कि राजस्थान में कांग्रेस से जुड़े किसी नेता ने अपने पद से वर्तमान गहलोत सरकार के कार्यकाल में इस्तीफा दिया हो. इससे पहले भी राजस्थान में विधायक हेमाराम चौधरी का इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी के पास पेंडिंग है, तो वही कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने भी लोकसभा चुनाव में अपने क्षेत्र में मिली हार के बाद मंत्री पद से Resign कर दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को त्यागपत्र भेज दिया था, जिसे नामंजूर कर दिया गया. वहीं अब मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma Resignation) का इस्तीफा प्रदेश में इस्तीफों की फेहरिस्त में बढ़ोतरी तो कर रहा है लेकिन यह इस्तीफा मंजूर होगा इसके आसार कम ही हैं.

OSD Resignation Row
राजस्थान में इस्तीफे स्वीकारे नहीं जाते

यह इस्तीफे पेंडिंग

ओएसडी को मुख्यमंत्री के Green Signal का इंतजार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी (कम्युनिकेशन) लोकेश शर्मा ने 18 सितंबर को एक ट्वीट किया. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा हो गया. सोशल मीडिया पर यह कहा जाने लगा कि लोकेश शर्मा ने अपने ट्वीट (Tweet Of Lokesh Sharma) के माध्यम से कांग्रेस आलाकमान पर सवाल खड़े किए हैं. विवाद बढ़ा तो लोकेश शर्मा ने खुद ही 18 सितंबर को अपना इस्तीफा (OSD Lokesh Sharma Resignation) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को भेज दिया.

इस अपील के साथ कि इस्तीफे को मंजूर कर लिया जाए. लेकिन, सीएम (CM Ashok Gehlot) ने अब तक इसे हरी झंडी नहीं दिखाई है यानी मंजूर नहीं किया है और शर्मा अब भी अपनी जिम्मेदारी संभाले हुए हैं.

हेमाराम चौधरी का इस्तीफा जोशी ने नहीं स्वीकारा

पायलट कैंप (Pilot Camp) के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी (MLA Hemaram Chaudhary) अपनी विधानसभा गुड़ामालानी में काम नही होने से आहत होते हुए एक बार नहीं बल्कि दो बार विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं. पहली बार हेमाराम चौधरी ने 14 फरवरी 2019 को चल रहे बजट सत्र (Budget Session) में अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया था. तब उन्होंने अपना इस्तीफा सार्वजनिक (Public) नहीं किया था, बल्कि जब उनके इस्तीफे को स्पीकर सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) ने नामंजूर कर दिया, तब उन्होंने इस्तीफे की बात सार्वजनिक की थी.

पहली बार इस्तीफा नामंजूर होने के बाद हेमाराम चौधरी ने 18 मई 2021 को दूसरी बार उन्होंने स्पीकर सीपी जोशी को त्यागपत्र मेल भेजा था. फिलहाल यह स्पीकर सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) के पास पेंडिंग है. स्पीकर सीपी जोशी ने हेमाराम को लॉकडाउन समाप्त होने के 7 दिन में अपनी बात व्यक्तिगत रूप से मिलकर उन्हें बताने के निर्देश दिए थे. वरिष्ठ विधायक 18 सितंबर को समाप्त हुए विधानसभा सत्र (Legislative Assembly Session) में भी 13 सितंबर को जोशी (Speaker CP Joshi) से मुलाकात करने पहुंचे. लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने लॉकडाउन के चलते कोई निर्णय नही सुनाया.

'आहत' मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा किया था नामंजू

मुख्यमंत्री अपने ओएसडी लोकेश शर्मा (OSD Lokesh Sharma Resignation) और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (Speaker CP Joshi) विधायक हेमाराम चौधरी के इस्तीफे को स्वीकार करेंगे या नहीं ये फिलहाल स्पष्ट नहीं है. लेकिन राजस्थान में लोकसभा चुनाव के ठीक बाद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Minister Lalchand Kataria) का इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने जरूर नामंजूर कर दिया था.

दरअसल, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया (Minister Lalchand Kataria) की लोकसभा जयपुर ग्रामीण (Loksabha Jaipur Gramin) में उनकी विधानसभा झोटवाड़ा (Vidhansabha Jhotwara) से कांग्रेस प्रत्याशी को करीब एक लाख से ज्यादा मतों से हार का सामना करना पड़ा था. यहां तक कि कटारिया के खुद के बूथ से कांग्रेस प्रत्याशी को हार मिली. इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कटारिया ने 26 मई 2019 को अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा था. इस दरख्वास्त के साथ कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर उन्हें पद मुक्त किया जाए, लेकिन CM ने इस अपील को सिरे से खारिज कर दिया था.

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