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ऊर्जा मंत्रालय ने चाइना पार्ट्स लगे स्मार्ट मीटर की मांगी जानकारी, लेकिन राजस्थान में तो सियासी विवाद में अटके है स्मार्ट मीटर

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Published : Jul 7, 2020, 6:50 PM IST

जयपुर उर्जा मंंत्रालय, Jaipur Energy Ministry
उर्जा मंत्रालय ने विभिन्न प्रोजेक्टों में चाइना उत्पादों से दूरी बनाई

भारत-चीन सीमा विवाद का असर अब ऊर्जा मंत्रालय में भी दिखने लगा है. जिसके तहत अब ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बिजली मीटर में कितने चीनी पार्ट्स लगे हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. साथ ही यह बात भी साफ कर दी है कि भविष्य में स्मार्ट मीटर स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदा जाएगा.

जयपुर. भारत-चीन सीमा पर चल रहे विवाद के चलते अब ऊर्जा मंत्रालय ने अपने विभिन्न प्रोजेक्टों में चाइना उत्पादों से दूरी बना ली है. यहां तक की विभाग के जरिए लगने वाले बिजली के मीटरों में भी चीनी पार्ट्स का इस्तेमाल ना हो इस संबंध में बकायदा ऊर्जा मंत्रालय ने सभी प्रदेशों और मीटर बनाने वाली कंपनियों को पत्र भी भेजा है. लेकिन राजस्थान में स्मार्ट मीटर की खरीद ही बीते डेढ़ साल से सियासी पेंच में अटकी है.

उर्जा मंत्रालय ने विभिन्न प्रोजेक्टों में चाइना उत्पादों से दूरी बनाई

हाल ही में हुई ऊर्जा मंत्रियों की वर्चुअल कांफ्रेंस में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने यह साफ कर दिया था कि विभाग के प्रोजेक्टों में चाइनीज उपकरणों का इस्तेमाल ना हो, इस पर प्रदेश के उर्जा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला सहित सभी प्रदेशों ने अपनी रजामंदी भी दी थी. अब ऊर्जा मंत्रालय की ओर से बिजली मीटर में कितने चीनी पार्ट्स लगे हैं, इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.

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हालांकि राजस्थान में पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 माह के दौरान 6 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए टेंडर हुए थे. लेकिन नई कांग्रेस सरकार ने इन टेंडरों को रिव्यू में डाल दिया और वो खरीद आज तक नहीं हो पाई.

1998 में लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर में अधिकतर चाइना पार्ट्सः

राजस्थान में करीब 1998 में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगाने की शुरुआत हुई. जिसके बाद करीब 1 से 2 साल के भीतर पूरे प्रदेश में हर उपभोक्ता के घर में इलेक्ट्रॉनिक मीटर लगा दिए गए थे. यह मीटर हालांकि दो स्वदेशी कंपनियों से ही खरीद कर लगाए गए थे, लेकिन मीटर के अंदर के पार्ट्स अधिकतर चाइना मेड हैं. डिस्कॉम के स्तर पर केंद्र सरकार को इसकी जानकारी दे दी जाएगी.

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लेकिन यह भी साफ कर दिया गया है कि भविष्य में स्मार्ट मीटर स्वदेशी कंपनियों से ही खरीदा जाएगा. उसके अधिकतर पार्ट स्वदेशी हो यह भी सुनिश्चित किया जाएगा. राजस्थान में जिन बिजली उपभोक्ताओं के घर मीटर लग रहे हैं उनमें अधिकतर पार्ट्स मेड इन चाइना हैं, लेकिन तब चाइना के साथ संबंध अच्छे थे, लिहाजा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. लेकिन अब संबंधों में खटास आ चुकी है जिसका असर चीनी उत्पादों के बहिष्कार के रूप में देखा जा सकता है.

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