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नींदड़ सत्याग्रह: नए और पुराने भूमि अधिग्रहण कानून का तुलनात्मक अध्ययन करेगी सरकार

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Published : Jan 23, 2020, 11:26 PM IST

अपीन जमीन के उचित मुआवजे को लेकर जमीन समाधि से सत्याग्रह की शुरूआत करने वाले किसान अभी भी डटे हुए हैं. गुरुवार को जेडीए के अधिकारियों के साथ संघर्ष समीति की दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई. पढ़ें विस्तृत खबर...

ninder bachao nagendra shekhawat, नींदड़ बचाओ सत्याग्रह
ninder bachao Satyagraha

जयपुर. नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति और जेडीए के अधिकारियों के बीच गुरुवार को दूसरे दौर की वार्ता पूरी हुई. संघर्ष समिति ने कहा कि सरकार ने मामले को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिस की मध्यस्थता के बीच वार्ता जारी है और आज दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई है.

नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति की जेडीए के साथ दूसरे दौर की वार्ता पूरी

संघर्ष समिति के संयोजक नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि दूसरे दौर की वार्ता में जेडीए को नए भूमि अधिग्रहण कानून को नींदड़ में लागू करने की मांग रखी गई है. लेकिन जेडीए अभी भी पुराने भूमि अधिग्रहण कानून से किसानों को ज्यादा फायदा देने की बात कह रही है. हालांकि सरकार ने संघर्ष समिति के सामने नए और पुराने भूमि अधिग्रहण कानून का तुलनात्मक अध्ययन करने का प्रस्ताव भी रखा है जिसे स्वीकार कर लिया गया है.

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वार्ता के बाद भी किसानों का धरना स्थल पर अभी भी जमावड़ा लगा हुआ है. संघर्षरत किसानों का कहना है कि जब तक मामले को लेकर सरकार सही न्याय नहीं करेगी तब तक किसान अपनी जमीन के लिए लड़ाई करते रहेंगे. वहीं, तीसरे दौर की वार्ता भी जल्द ही संघर्ष समिति और सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के बीच भी होगी. माना जा रहा है कि इस वार्ता में कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा.

Intro:जयपुर- नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति और जेडीए के अधिकारियों के बीच आज दूसरे दौर की वार्ता पूरी हुई इस मौके पर संघर्ष समिति ने कहा कि सरकार ने मामले को लेकर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जिस की मध्यस्थता के बीच वार्ता जारी है और आज दूसरे दौर की वार्ता संपन्न हुई है


Body:इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक नगेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि दूसरे दौर की वार्ता में संघर्ष समिति की ओर से जेडीए को नए भूमि अधिग्रहण कानून को नींदड़ में लागू करने की मांग रखी गई है लेकिन जेडीए अभी भी पुराने भूमि अधिग्रहण कानून से किसानों को ज्यादा फायदा देने की बात कह रही है और सरकार ने संघर्ष समिति के सामने नए और पुराने भूमि अधिग्रहण कानून का तुलनात्मक अध्ययन करने का प्रस्ताव भी रखा है जिसे संघर्ष समिति की ओर से स्वीकार कर लिया गया है. हालांकि किसानों का धरना स्थल पर अभी भी जमावड़ा लगा हुआ है और उनका कहना है कि जब तक मामले को लेकर सरकार सही न्याय नहीं करेगी तब तक किसान अपनी जमीन के लिए लड़ाई करते रहेंगे. वहीं तीसरे दौर की वार्ता भी जल्द ही संघर्ष समिति और सरकार द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के बीच भी होगी और माना जा रहा है कि इस वार्ता में कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा
बाईट- नगेंद्र सिंह शेखावत संयोजक नींदड़ बचाओ युवा किसान संघर्ष समिति


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