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Special : कटारिया का रहा विवादों से पुराना नाता, भगवान से लेकर महापुरुषों पर दिए बयान पर फंस चुके हैं

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Published : Sep 1, 2022, 10:50 PM IST

भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया का विवादों से पुराना नाता रहा है. कटारिया की जुबान एक बार नहीं कई बार फिसली है. खास बात यह है कि जब-जब उनकी जुबान फिसली है, कोई न कोई विवाद खड़ा हो गया है. कई बार इस विवाद की आंच कटारिया समेत पार्टी की दहलीज तक पहुंची है.

Kataria Controversial Statements
कटारिया का रहा विवादों से पुराना नाता

जयपुर. भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया का विवादों से पुराना नाता रहा है. कटारिया ने जब भी मुंह खोला (Kataria Slippery Tongue Create Controversy) तो कई बार उनकी जुबान फिसली और वो विवाद का कारण भी बनी. अपनी फिसलती जुबान के चलते कई समाज, संगठनों के साथ राम भक्त तक उनसे नाराज हुए, क्योंकि कटारिया की जुबान कई बार ऐसी फिसली कि उसमें भगवान राम और सीता से लेकर महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों तक को नहीं बख्शा.

हालांकि, कटारिया कि जब-जब जुबान फिसली और उनके मुंह से विवादित बयान सामने, आया तब-तब वो कई समाज संगठनों और सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं के निशाने पर आए. लेकिन हर बार उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी और जरूरत पड़ने पर माफी तक मांगी. हाल ही में पिछले मंगलवार को उदयपुर में पन्नाधाय पार्थ और मूर्ति के अनावरण समारोह में भी उनकी जुबान फिसली थी. लेकिन यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं. जिसके लिए वह समाज, संगठनों और कांग्रेस के निशाने पर रह चुके हैं. आपको बताते हैं वह प्रमुख घटनाएं कौन-कौन सी हैं, जब कटारिया की फिसली जुबान केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि भाजपा के लिए भी परेशानी का सबब बन गई.

कटारिया के विवादित बोल...

महाराणा प्रताप को लेकर बोले थे यह विवादित बोल : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अप्रैल 2021 में राजसमंद उपचुनाव के दौरान कुंवरिया में एक सभा के दौरान महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा प्रदर्शित करते करते (Protest Against Leader of Opposition Kataria) कुछ ऐसा बोल दिया जो राजपूत समाज को नहीं भाया. वे चौतरफा घिरते हुए नजर आए. कटारिया ने कहा था कि "हमारे पूर्वजों ने 1000 साल तक लड़ाई लड़ी है, यहां महाराणा प्रताप अभी-अभी गया है क्या? उसे पागल कुत्ते ने काट लिया था कि वह अपनी राजधानी और अपना घर छोड़कर अलग-अलग पहाड़ों में घूमता हुआ रो रहा था, किसके लिए वह गया.

पढ़ें : उदयपुर में नेता प्रतिपक्ष कटारिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

कटारिया के इस बयान के बाद राजपूत समाज से जुड़े संगठनों ने पुरजोर तरीके से विरोध किया और जयपुर भाजपा मुख्यालय के बाहर (Kataria Controversial Statements) कटारिया के होर्डिंग पर कालिख तक पोती. हालांकि, बाद में कटारिया ने अपनी सफाई में कहा कि महाराणा प्रताप को समझाने का मेरा तरीका गलत था. आवेश में मैंने गलत शब्दों को चुना, लेकिन मेरी भावना गलत नहीं थी. क्योंकि महाराणा प्रताप हम सबके लिए आदरणीय हैं.

भगवान राम को लेकर भी फिसली थी जुबान : नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की जुबान भगवान श्री राम को लेकर भी फिसली थी. अगस्त 2021 में गुलाबचंद कटारिया ने वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में एक जनसभा के दौरान एक अजीबोगरीब बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि "सड़क-नालियां तो बनती रहेंगी, लेकिन यदि आप ने बीजेपी को वोट नहीं दिया तो भगवान राम भी आपको कोसेंगे, क्योंकि बीजेपी नहीं होती तो भगवान राम आज समुद्र में होते''. तब भी कटारिया कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आए थे.

पढ़ें : कटारिया का विवादित बयान, रावण ने सीता का अपहरण कर कोई गुनाह नहीं किया...भिंडर ने जताई आपत्ति

सीता माता के अपरहण और रावण को लेकर दिया था यह विवादित बयान : कटारिया ने केवल भगवान श्रीराम को लेकर, बल्कि माता सीता को लेकर भी कुछ ऐसी टिप्पणी कर डाली, जिसके बाद वह राम भक्तों और कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आ गए. इस साल अप्रैल में तोहेडा ग्राम पंचायत के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कटारिया ने यह तक कह दिया कि रावण ने सीता का अपहरण करके कोई बहुत बड़ा गुनाह नहीं किया था, क्योंकि उसने उन्हें नहीं छुआ. कटारिया का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ. कटारिया ने इसमें कहा था "रावण ने कोई बहुत बड़ा पाप तो नहीं किया, वह सीता को ले गया था, लेकिन उसने सीता को कभी कलंकित नहीं किया". कटारिया के इस विवादित बयान के बाद उनके प्रतिद्वंदी रहे रणधीर सिंह भिंडर ने यह तक कह दिया कि कटारिया को श्रीलंका भेज देना चाहिए.

पन्नाधाय की शौर्यगाथा के दौरान कीरत को बता दिया था हरिजन : पिछले मंगलवार को कटारिया ने उदयपुर में पन्नाधाय पहाड़ और मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में भी एक विवादित बयान दे दिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कटारिया की जुबान फिसली और उन्होंने कहा कि उदय सिंह को सुरक्षित रखने और प्रांत के लिए अपने बेटे चंदन का बलिदान देने के लिए पन्नाधाय ने जिस कीरत को बुलाया था वो हरिजन था. कटारिया ने कहा था कि इसके बाद महाराणा मेवाड़ का होने वाला भविष्य पत्तल-दोने में ढंक कर के जाता है और जिंदा बच जाता है. कटारिया के इस बयान के बाद पत्तल-दोने बनाने वाले वारी समाज के लोगों ने कड़ी आपत्ति जताई और जातिसूचक शब्त बोलने पर कटारिया का विरोध भी किया. हालांकि, उसके बाद कटारिया ने एक बयान जारी कर इस पर सफाई भी पेश की और माफी भी मांगी.

पढे़ं : कटारिया फिर विवादों में, पन्नाधाय प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में जाति सूचक शब्द कहने पर विरोध

वारी समाज के लोगों ने किया प्रदर्शन : कटारिया की ओर से पन्नाधाय प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान (Gulab Chand Kataria Controversy in Udiapur) जातिसूचक शब्द कहने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. गुरुवार को उदयपुर कलेक्ट्रेट के बाहर कटारिया के विरोध में वारी समाज के लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे समाज के लोगों ने कहा कि कटारिया अपने शब्दों के लिए माफी नहीं मांगी तो आने वाले समय में अन्य संगठनों और समाज के लोग उग्र विरोध करेंगे. इस दौरान समाज के लोगों ने कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

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