जयपुर. जरूरतों की इमारतों के बोझ तले दबते जा रहे परकोटे पर अब जाकर निगम प्रशासन ने सुध ली है. ईटीवी भारत पर खबर प्रसारित होने के बाद परकोटे की दीवार पर अतिक्रमण को लेकर निगम ने पहला नोटिस जारी किया है. अवैध निर्माण को हटाने के लिए 3 दिन का समय दिया है. वहीं अगले 2 महीनों में परकोटे के डैमेज और अतिक्रमण को चिन्हित कर डीपीआर का काम भी पूरा कर लिया जाएगा.
राजधानी में अतिक्रमण धरोहरों पर चढ़ बैठा है. जिन दीवारों के कारण दुनिया इसे विश्व धरोहर के रूप में देख रही है, उन्हीं दीवारों के बुर्ज बेतरतीब इमारतों की खिच-पिच में दम तोड़ चुके हैं. आलम ये है कि रामगंज की ओर कुछ दूर तक तो ऐतिहासिक दीवार दिखाई देती है, लेकिन फिर वो भी अतिक्रमण की ईटों तले अपना अस्तित्व खो देती हैं. हीदा की मोरी में भी ऐतिहासिक प्राचीर पर 2 मंजिला इमारत खड़ी है. घाट गेट का दरवाजे का भी यही हाल है. यहां दोनों तरफ की प्राचीर अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है. अब इन प्राचीरों की मोखियां से अतिक्रमण के अलावा कुछ नजर नहीं आता. हालांकि यहां एक निर्माणकर्ता विवेक गुप्ता को नोटिस देते हुए निगम प्रशासन हरकत में जरूर आया है.
पढ़ें- पहले कभी नहीं गए...अब कोरोना संक्रमित होने के बावजूद चिकित्सा मंत्री ने किया RUHS का निरीक्षण
हेरिटेज निगम कमिश्नर लोकबंधु ने बताया कि परकोटे की दीवार पर अतिक्रमण की शिकायत मिली थी, उसे नोटिस जारी किया गया है और अतिक्रमण हटाने के लिए 3 दिन का समय दिया है. वहीं जोन डीसी मौके का निरीक्षण कर रहे हैं और अतिक्रमण नहीं हटाने की स्थिति में कार्रवाई की जाएगी. साथ ही कार्रवाई का खर्चा भी वसूला जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ क्षेत्र में जहां परकोटा डैमेज हुआ है, उसे रिपेयर करने के लिए टेंडर किया गया है. पूरी वॉल के डैमेज के लिए अगले 2 महीने में डीपीआर तैयार हो जाएगी. उसके बाद टेंडर किया जाएगा, उसी दौरान चिन्हित अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे.
बता दें कि जयपुर के हेरिटेज को बचाने के लिए नगर निगम को 2 हिस्सों में बांट दिया गया. शहर की जर्जर होती प्राचीर, बुर्ज, इमारतों को बचाने-सजाने-संवारने की जिम्मेदारी अब हेरिटेज नगर निगम की है. हालांकि अब जाकर सिस्टम ने दीवारों से कुछ दूरी कम जरूर की है.