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Mission 2023 : बजट घोषणा पूरी करने में नाकाम गहलोत सरकार...अगले एक साल में 1.50 लाख पदों पर नौकरियां देकर साधेगी युवाओं को

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Published : Jun 14, 2022, 6:24 PM IST

Updated : Jun 20, 2022, 7:47 PM IST

Gehlot government of Rajasthan,  give jobs on 1 lakh 50 thousand posts in next one year
गहलोत सरकार निकालेगी बंपर भर्तियां.

राजस्थान की गहलोत सरकार मिशन 2023 के मोड में आ चुकी है. सरकार (give jobs on 1 lakh 50 thousand posts in next one year) भले ही तीन साल में हर वर्ष 75 हजार पदों पर नौकरी देने संबंधी घोषणा पूरा नहीं कर सकी. लेकिन अब बाकी बचे शासनकाल में बंपर नौकरियों के जरिए युवाओं को साधने की योजना सरकार बना चुकी है.

जयपुर. रोजगार की तलाश (Job Search) कर रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है . प्रदेश की गहलोत सरकार (give jobs on 1 lakh 50 thousand posts in next one year) भले ही तीन साल में हर वर्ष 75 हजार पदों पर नौकरी देने संबंधी बजट घोषणा को पूरा करने में नाकाम रही हो. लेकिन चुनावी माहौल में सरकार एक साल में बंपर नौकरियां देने जा रही है. गहलोत सरकार ने डेढ़ लाख युवाओं को विभिन्न पदों के जरिए नौकरी देने की योजना बनाई है.

सीएम अशोक गहलोत (CM ASHOK GEHLOT ) ने इसके लिए सभी विभागों को निर्देश जारी कर (bumper recruitment in the next one year ) उन सभी रिक्त पदों को भरने के लिए कहा है जो लम्बे समय से खाली हैं. सूत्रों के मुताबिक सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं , लेकिन उसका डेटा मेंटेन नहीं होने से किसी की जानकारी में नहीं है. अब जब सरकार ने सभी विभागों से डेटा एकत्रित किया तो सामने आया कि हजारों पद लम्बे समय से खाली पड़े हैं.

सरकार अगले एक साल में 1.50 लाख पदों पर देगी नौकरियां.

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तीन साल में 1 लाख 19 हजार 559 पदों पर नौकरीः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट सत्र में बेरोजगारों के लिए हर वर्ष 75 हजार पदों पर भर्ती की घोषणा की थी. हालांकि सरकार ने अपनी घोषणा को पूरा नहीं किया. तीन साल में अब तक सरकार ने 1 लाख 19 हजार 559 पदों पर ही नौकरी दी है. जबकि सरकार की घोषणा के अनुरूप 2 लाख 10 हजार नौकरियां दी जानी थी.

इस साल करीब डेढ़ लाख नौकरी मिलेगीः प्रदेश में इस वर्ष बंपर भर्तियां होंगी . राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से विभिन्न विभागों की करीब 21 भर्तियों के माध्यम से करीब 82 हजार पदों पर बेरोजगार युवाओं को नौकरी दी जाएगी. इसको लेकर कैलेंडर जारी कर दिया गया है. जिसमें बड़ी भर्तियों में शिक्षक भर्ती के 46,500 पद , बेसिक कम्प्यूटर अनुदेशक के 9,862 , BDO के 5,396 , वन रक्षक के 2,300 , स्कूल लेक्चरर के 5,000 , वरिष्ठ अध्यापक के 9,760 पद शामिल हैं. इसके अलावा सरकार ने अलग अलग विभागों में खाली पड़े पदों की सूची तैयार की है. जिससे उन रिक्त पदों को भी भरा जा सके. इस वर्ष में सरकार करीब डेढ़ लाख नौकरियां देने की तैयारी में है .

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नियमित भर्तियों के निर्देशः बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में भर्तियों को लेकर दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे. जिसमें पहला निर्णय था कि भर्तियों में शैक्षणिक योग्यता और शैक्षणिक योग्यता की समकक्षता के संबंध में होने वाले विवादों के समाधान की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करना. जबकि, दूसरे निर्णय में सरकार ने विभागों में रिक्त और नवसृजित पदों पर नियमित रूप से भर्तियां करने के निर्देश दिए थे.

विभाग वार निकाली जा रही हैं रिक्तियांः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश के बाद सभी विभागों से रिक्त पदों की सूची तैयार कराई जा रही है. खास बात यह है कि कई विभागों में ऐसे रिक्त पद भी निकलकर सामने आए हैं, जो वर्षों से खाली चल रहे हैं. सूत्रों की मानें तो अलग-अलग की विभागों को मिला कर करीब 15 हजार से 20 हजार ऐसे पद हैं जो लंबे समय से खाली चल रहे हैं. हाल ही में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इन सभी रिक्त पदों को भी तत्काल भर्तियों के माध्यम से भरने के निर्देश दिए गए थे.

सरकार की कथनी और करनी में अंतरः बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि अगर सरकार से बेरोजगार खुश हैं तो आज धरना देना नहीं पड़ता, लाठीचार्ज का सामना नहीं करना पड़ता . सरकार ने घोषणा पूरी नहीं की है. पहले बजट में कहा था कि टेक्निकल हेल्पर 6000 पदों पर भर्ती निकाली जाएगी, लेकिन मात्र 1500 पदों पर भर्ती निकाली. सरकार ने कहा था कि 75 हजार नौकरी हर साल देंगे , लेकिन नहीं निकाली. उपेन यादव ने कहा कि घोषणा करना और उससे पूरा करने में अंतर है. सरकार ने बेरोजगारों से जो वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं किया है. 3 साल में सिर्फ बेरोजगारों को आंकड़ों के मायाजाल के जरिए में गुमराह किया गया है. अब बेरोजगार समझ गया है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है. उन्होंने कहा कि 2023 के चुनाव सामने हैं, सरकार को अपनी गलती का एहसास जरूर होगा.

Last Updated :Jun 20, 2022, 7:47 PM IST
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