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अलविदा 2019: सत्ता में रहने के बावजूद विपक्ष की तरह सड़कों पर ही उतरी रही कांग्रेस

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Published : Dec 29, 2019, 8:15 PM IST

साल 2019 में केंद्र सरकार के विरोध में कांग्रेस सरकार के मुखिया अशोक गहलोत संगठन के मुखिया सचिन पायलट के साथ सड़कों पर उतर कर विपक्ष की भूमिका निभा रहे हो.

जयपुर कांग्रेस सरकार पैदल मार्च,  Jaipur news
कई बार सड़कों पर उतरे गहलोत और पायलट

जयपुर. साल 2019 अब समाप्त होने जा रहा है, लेकिन सरकार में होने के बावजूद भी कांग्रेस ने इस साल कई बार सड़क पर उतरी. प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस के मुखिया सचिन पायलट के सड़क पर बार-बार उतरने से ऐसा लगा कि मानो कांग्रेस अब भी सरकार में ना होकर विपक्ष में है.

कई बार सड़कों पर उतरे गहलोत और पायलट

दरअसल ऐसा पहली बार दिखाई दिया कि सरकार में होने के बावजूद भी किसी पार्टी के मुख्यमंत्री मंत्री विधायक अपने संगठन के साथ सड़कों पर उतरे हो वह भी एक बार नहीं, बल्कि कई बार हमेशा ऐसा होता है कि जो पार्टी विपक्ष में होती है वह सत्ता में बैठी पार्टी के खिलाफ पैदल मार्च धरने प्रदर्शन करती रहती है, लेकिन इस बार राजस्थान में सत्ता में तो कांग्रेस है, लेकिन सड़कों पर भी धरने निकालती हुई कांग्रेसी दिखाई दे रही है.

वह भी एक बार नहीं बल्कि 4 बार इसकी शुरुआत हुई 2 अक्टूबर 2019 को जब महात्मा गांधी के 150 वें जनशताब्दी साल पर आईसीसी के निर्देश पर कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला. हालांकि यह मार्च महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अपनाने के लिए था. लेकिन इसके पीछे कहीं ना कहीं मंशा केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध की थी.

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वहीं इसके बाद राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में 29 नवम्बर को राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय से सिविल लाइंस फाटक तक पैदल मार्च निकाला. जिसमें सरकार के मुखिया से लेकर तमाम कांग्रेसी शामिल हुए.

दिसंबर महीने में ही 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में लाखों लोग एक बार फिर सड़कों पर उतरे और इस बार कारण बना था सीएए और एनआरसी का विरोध सड़कों पर जिस तरीके से सैलाब केंद्र सरकार के इन दोनों निर्णयों के खिलाफ निकला उसे ही लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी अभी विपक्ष में है और वह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है.

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वहीं दिसंबर को एक बार फिर से कांग्रेस संगठन की ओर से केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और एनआरसी के विरोध में राजस्थान कांग्रेस सड़कों पर दिखाई दी. इस बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संगठन के मुखिया सचिन पायलट कांग्रेस सरकार के मंत्री पदाधिकारी इस मार्च में शामिल हुए. जिस तरीके से लगातार कांग्रेस पार्टी की ओर से मार्च निकाला गया उसे देखकर लगता है कि राजस्थान में मानव कांग्रेस सरकार में नहीं है, बल्कि विपक्ष में है.

Intro:बाय बाय 2019 सरकार में रही कांग्रेस लेकिन जिस तरह बार-बार सड़कों पर उतरी लगा अब भी निभा रही है विपक्ष की भूमिका केंद्र सरकार के विरोध में सरकार के मुखिया अशोक गहलोत संगठन के मुखिया सचिन पायलट के साथ बाहर बार उतरे सड़कों पर हर बार नजारा यूं था मानो कांग्रेस अभी है विपक्ष में


Body:साल 2019 अब समाप्त होने जा रहा है लेकिन सरकार में होने के बावजूद भी इस बार पूरे साल जिस तरह से कॉन्ग्रेस सत्ता में होने के बावजूद भी अपने मुखिया अशोक गहलोत और संगठन के मुखिया सचिन पायलट के साथ सड़कों पर बार-बार उतरी उससे लगा मानो कांग्रेस अब भी सरकार में ना होकर विपक्ष में हो दरअसल ऐसा पहली बार दिखाई दिया कि सरकार में होने के बावजूद भी किसी पार्टी के मुख्यमंत्री मंत्री विधायक अपने संगठन के साथ सड़कों पर उतरे हो वह भी एक बार नहीं बल्कि कई बार दरअसल हमेशा ऐसा होता है कि जो पार्टी विपक्ष में होती है वह सत्ता में बैठी पार्टी के खिलाफ पैदल मार्च धरने प्रदर्शन करती रहती है लेकिन इस बार राजस्थान में सत्ता में तो कांग्रेस है लेकिन सड़कों पर भी धरने निकालती हुई कांग्रेसी दिखाई दे रही है वह भी एक बार नहीं बल्कि 4 बार इसकी शुरुआत हुई 2 अक्टूबर को जब महात्मा गांधी के 150 वें जनशताब्दी साल पर आईसीसी के निर्देश पर कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला हालांकि यह मार्च महात्मा गांधी के सिद्धांतों को अपनाने के लिए था लेकिन इसके पीछे कहीं ना कहीं मंशा केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध की थी वहीं इसके बाद कॉन्ग्रेस के राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में 29 नवम्बर को राजस्थान कांग्रेस मुख्यालय से सिविल लाइंस फाटक तक पैदल मार्च निकाला जिसमें सरकार के मुखिया से लेकर तमाम कांग्रेसी शामिल हुए इसके बाद दिसंबर महीने में ही 22 दिसंबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में लाखों लोग एक बार फिर सड़कों पर उतरे और इस बार कारण बना था सीए और एनआरसी का विरोध सड़कों पर जिस तरीके से सैलाब केंद्र सरकार के इन दोनों निर्णयों के खिलाफ निकला उसे ही लग रहा था कि कांग्रेस पार्टी अभी विपक्ष में है और वह सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है तो वही दिसंबर को एक बार फिर से कांग्रेस संगठन की ओर से केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों और एनआरसी के विरोध में राजस्थान कांग्रेस सड़कों पर दिखाई दी इस बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संगठन के मुखिया सचिन पायलट कांग्रेस सरकार के मंत्री पदाधिकारी इस मार्च में शामिल हुए जिस तरीके से लगातार कांग्रेस पार्टी की ओर से मार्च निकाला गया उसे देखकर लगता है कि राजस्थान में मानव कांग्रेस सरकार में नहीं है बल्कि विपक्ष में है


इस खबर में पहले 2 मार्च को गांधी की 150वीं जयंती पर पैदल मार्च की शॉर्ट है फिर नवंबर को निकाले गए कांग्रेस के मार्च के शार्ट हैं इसमें मंत्री भजन लाल जाटव और मंत्री अशोक चांदना के साथ इसी विषय पर बाइट है की सरकार में होने के बावजूद वह सड़कों पर क्यों होते हैं इसके बाद 28 दिसंबर को मिलने के लिए पैदल मार्च के शार्ट है और अंत में पीटीसी है इसमें 22 दिसंबर के अशोक गहलोत के नेतृत्व में निकले मार्च के शॉट नहीं है अगर वह डेस्क पर अवेलेबल नहीं हो तो वह व्हाट्सएप पर भिजवाई जा सकते हैं



Conclusion:
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