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गुरुकुल विश्वविद्यालय प्रकरण: मोहनलाल सुखाड़िया विवि के VC सहित 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज

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Published : Apr 20, 2022, 7:32 AM IST

Updated : Apr 20, 2022, 1:11 PM IST

सरकार को गलत रिपोर्ट पेश करने पर सत्यापन समिति के पांच सदस्यों के खिलाफ अशोक नगर थाने में आईपीसी की धारा 166, 167, 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत एफआईआर दर्ज (FIR against Mohanlal Sukhadia University VC) की गई है.

FIR against Mohanlal Sukhadia University VC
सुखाड़िया विवि के VC सहित 5 लोगों के खिलाफ FIR द

जयपुर. गुरुकुल विश्वविद्यालय के संबंध में राज्य सरकार को गलत रिपोर्ट (False report Of gurukul University) भेजने के मामले को लेकर शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव फिरोज अख्तर ने राजधानी के अशोक नगर थाने में शिकायत दर्ज करवाई है. मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह, राजस्थान विश्वविद्यालय के सह आचार्य डॉ.जयंत सिंह, राजकीय विधि महाविद्यालय अलवर के सहायक आचार्य विजय बेनीवाल, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के डीन फैकल्टी प्रोफेसर घनश्याम सिंह राठौड़ और गुरुकुल शिक्षण संस्थान के फाउंडर ट्रस्टी रणजीत सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज (FIR against Mohanlal Sukhadia University VC) की गई है. अशोक नगर थाना अधिकारी विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से दर्ज एफआईआर की जांच शुरू कर दी है.

ये था रिपोर्ट का खेल: शिक्षा विभाग ने जो शिकायत दी है उसमें लिखा है कि गुरुकुल शिक्षण संस्थान के फाउंडर ट्रस्टी रणजीत सिंह ने सीकर में गुरुकुल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए विभाग को निर्धारित आवेदन शुल्क के साथ प्रस्ताव प्रस्तुत किया. प्रस्ताव प्राप्त होने के बाद उसके परीक्षण के लिए विभाग के आदेश पर प्रोफेसर आईवी त्रिवेदी कुलपति गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय बांसवाड़ा के संयोजन में समिति का गठन किया गया. समिति ने विभाग को अपनी रिपोर्ट 19 जून 2021 को पेश की. जिसमें गुरुकुल शिक्षण संस्था को आशय पत्र (Letter Of Intent) जारी करने की सिफारिश की. समिति की सिफारिश के आधार पर गुरुकुल शिक्षण संस्था को विभाग ने एलओआई (Letter Of Intent) जारी कर दिया. आशय पत्र की अनुपालन रिपोर्ट गुरुकुल शिक्षण संस्था (Compliance Report By Gurukul University) ने 15 सितंबर 2021 को पेश कर दी. जिसमें जयपुर रोड, सीकर में 80.31 एकड़ भूमि उपलब्ध होने और उस पर 10000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर भवन के निर्माण होने संबंधी रिपोर्ट दी गई.

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सरकार ने गठित की समिति: रिपोर्ट के सत्यापन (Verification) के लिए राजस्थान सरकार ने 29 सितंबर 2021 को प्रोफेसर अमेरिका सिंह सहित पांच सदस्यों की एक सत्यापन समिति का गठन किया. सत्यापन समिति ने 3 अक्टूबर 2021 को गुरुकुल शिक्षण संस्थान सीकर की प्रेजेंट की गई अनुपालना रिपोर्ट का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) कर उसे अप्रूव कर राज्य सरकार को प्रस्तुत किया. सत्यापन रिपोर्ट (Verification Report) में समिति ने सीकर के पास जयपुर रोड पर 80.31 एकड़ भूमि होने और भूमि पर 24811 वर्ग मीटर का भवन उपलब्ध होने का दावा किया. जिस पर राज्य सरकार ने निर्धारित प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए गुरुकुल विश्वविद्यालय सीकर विधेयक 2022 को विधि विभाग के माध्यम से सदन में Introduce किया. इस विधेयक पर सदन में 22 मार्च 2022 को चर्चा एवं पारण होना था. इसी दौरान कागजों में ही तैयार यूनिवर्सिटी का खेल सामने आया कि वर्तमान में प्रस्तावित जगह पर कोई भवन ही नहीं है. सीकर जिला कलेक्टर से इसकी पुष्टि होने पर 22 मार्च 2022 को विधेयक को विड्रॉ किया. इस प्रकरण की जांच के लिए संभागीय आयुक्त जयपुर दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया गया. जिस ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की.

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जांच कमेटी की रिपोर्ट: संभागीय आयुक्त जयपुर दिनेश कुमार यादव की अध्यक्षता में गठित की गई जांच समिति ने सरकार को 25 मार्च 2022 को अपनी जांच रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में ये तथ्य उजागर हुए कि गुरुकुल शिक्षण संस्था ने प्रोफेसर अमेरिका सिंह की अध्यक्षता में जिस 5 सदस्य समिति का गठन किया, उसने अपराध किया है. रिपोर्ट में जिस 80.31 एकड़ भूमि का जिक्र किया गया है, वह एक स्थान पर उपलब्ध ना हो कर दो अलग-अलग गांव में मौजूद है. जिनके खसरे अलग-अलग हैं और उन खसरों को जयपुर रोड, सीकर पर एक ही स्थान पर होना बताया गया है. संस्था के पास 80.31 एकड़ भूमि का सृजन किया गया है, ये तथ्य भी गलत पाए गए. इसके साथ ही सीकर तहसील के गांव देवीपुरा में स्थित 8.04 एकड़ भूमि पर मौजूद अन्य संस्थाओं के भवन को प्रस्तावित विश्वविद्यालय के लिए बताकर झूठी अनुपालन रिपोर्ट (False Reports Presented By Amarika Singh Committee) प्रस्तुत की गई. भूमिका बिना कन्वर्जन कराए ही गलत एवं भ्रामक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई. गुरुकुल शिक्षण संस्थान, सीकर ने राज्य सरकार के गाइडलाइन्स की पालना नहीं की और राज्य सरकार ने गलत Recommendation की. कुल मिलाकर Letter Of Intent ही गलत था. इसके अलावा भी सत्यापन समिति की रिपोर्ट (Verification Committee Report) में कई गलत तथ्य पेश किए गए.

इन धाराओं में एफआईआर: सरकार को गलत रिपोर्ट पेश करने पर सत्यापन समिति के पांच सदस्यों के खिलाफ अशोक नगर थाने में आईपीसी की धारा 166, 167, 420, 467, 468, 471, और 120B के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. साथ ही एफआईआर दर्ज करने की सूचना राज्यपाल के प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री के निजी सचिव, माध्यमिक शिक्षा मंत्री के विशिष्ट सहायक, उच्च शिक्षा शासन सचिव के निजी सचिव और निजी विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रभारी अधिकारी डॉ.राजीव शर्मा को भेजी गई है.

Last Updated :Apr 20, 2022, 1:11 PM IST
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