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31 जनवरी को किसान मनाएंगे "विश्वासघात दिवस", UP सहित अन्य राज्यों में BJP हराओ मिशन होगा शुरू

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Published : Jan 28, 2022, 6:20 PM IST

संयुक्त किसान मोर्चा ने 31 जनवरी को किसान विश्वासघात दिवस (Vishwasghat Diwas on January 31) मनाने का ऐलान किया है. किसान पूरे देश में जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा
संयुक्त किसान मोर्चा

जयपुर. पूरे देश में 31 जनवरी को किसान विश्वासघात दिवस (Vishwasghat Diwas on January 31) मनाएंगे. जिला एवं तहसील मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह ऐलान करते हुए कहा गया कि केंद्र की भाजपा सरकार की ओर से किसानों के साथ की गई वादाखिलाफी के विरोध में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन होंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने फैसला किया है कि यदि केंद्र सरकार वादा पूरा नहीं करती है तो जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उनमें भाजपा के खिलाफ वोट किया जाएगा.

इसलिए मनाया जा रहा है विश्वासघात दिवस

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेता तारा सिंह सिद्धू ने बताया कि 1 साल से अधिक समय तक किसानों का आंदोलन चला और इस दौरान 725 किसानों ने अपनी शहादत दी. इसके बाद केंद्र सरकार किसानों के आगे झुकी और तीनों कृषि कानून वापस ले लिए. संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में केंद्र सरकार के साथ एक समझौता भी हुआ. समझौते में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी कानून बनाने को लेकर वादा किया गया. साथ ही देश भर में आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे केंद्र और राज्य सरकार की ओर से वापस लेने, किसान आंदोलन में शहीद हुए 725 किसानों के परिवारों को पंजाब सरकार की तर्ज पर मुआवजा देने, उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, प्रस्तावित बिजली बिल वापस लेने और पराली कानून जैसे मुद्दे शामिल थे, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक लिखित समझौते की पालना नहीं की है.

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लिखित समझौते के बाद ही किसानों ने अपना आंदोलन स्थगित किया था. इसी को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा 31 जनवरी को पूरे देश में विश्वासघात दिवस मना रही है. उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में हत्याकांड के बाद भी आज तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को पद से बर्खास्त करने और गिरफ्तार करने जैसे मुद्दों पर कार्रवाई नहीं की गई है. किसान मोर्चा ने इसे किसानों के साथ वादाखिलाफी और विश्वासघात माना है.

देशव्यापी हड़ताल को भी किसान का समर्थन

किसान नेता संजय माधव ने बताया कि लखीमपुर खीरी हत्याकांड के विरोध में किसान वहां पक्का मोर्चा भी लगाएगा और मुख्य दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की जाएगी. संयुक्त किसान मोर्चा ने 23 और 24 फरवरी को श्रमिक संगठनों की होने वाली देशव्यापी हड़ताल का भी समर्थन किया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने हड़ताल के समर्थन में 23 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद रखने का फैसला किया है. इस दौरान तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किए जाएंगे. संयुक्त किसान मोर्चा इस दौरान किसानों की जमीनों की कुर्की ना करने और किसानों के संपूर्ण कर्ज माफी के सवाल को भी पुरजोर तरीके से उठाएगा.

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किसान नेता संजय माधव ने कहा कि जब किसानों का आंदोलन चल रहा था उस समय भाजपा सरकार ने असहयोग पूर्ण रवैया अपनाया था. उस समय ही किसानों ने निर्णय कर लिया था कि यह सरकार वोट की भाषा ही समझेगी और उसे उसी तरह से समझाया जाएगा. उस समय भी 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों ने मिशन भाजपा हराओ चलाया था. आने वाले समय में भी यदि भाजपा सरकार हमारे साथ विश्वासघात करना जारी रखती है तो उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब में भाजपा हराओं मिशन चलाया जाएगा. किसान नेताओ ने चुनाव वाले राज्यों में जाना शुरू कर दिया है.

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