आउट ऑफ टर्म नियुक्त खिलाड़ियों को गहलोत सरकार का तोहफा, सुबह-शाम 2 घंटे ड्यूटी...टाइम में मिलेगी प्रैक्टिस की छूट

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Published : Jul 18, 2022, 9:10 PM IST

Exemption From duty hours for sports practice

प्रदेश की गहलोत सरकार ने 2016 के बाद आउट ऑफ टर्म में नौकरी पाने वाले (Out of term appointed Rajasthan Players) राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा दिया है. अब इन खिलाड़ियों को सुबह और शाम को खेल प्रैक्टिस के लिए ड्यूटी टाइम में दो 2 घंटे की छूट मिलेगी.

जयपुर. गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के सर्विस रूल्स में बदलाव करते हुए लंबे (Out of term appointed Rajasthan Players) समय से चल रही खिलाड़ियों की मांग को पूरा कर दिया है. बदले गए नियमों के बाद अब आउट ऑफ टर्म पॉलिसी के तहत नियुक्त किए गए खिलाड़ियों को अलग-अलग खेलकूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने और प्रतिदिन खेल अभ्यास के लिए सुबह और शाम को 2-2 घंटे की ऑन ड्यूटी छूट मिलेगी.

यह तय हुए नियम:

दैनिक खेल की तैयारी

  • आउट ऑफ टर्म अपॉइंटमेंट के अन्तर्गत नियुक्त कार्मिक जो मुख्यालय पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, उन्हें कार्यदिवस के दौरान सुबह 2 घण्टे और शाम को 2 घण्टे छूट होगी. यह छूट नियुक्ति के पश्चात प्रथम दो वर्ष तक के लिए देय होगी. कार्यालयाध्यक्ष की ओर से खिलाड़ी को खेल स्थल पर जाने के लिए अनुमत किया जाएगा और इस स्थिति में उसे ऑन ड्यूटी माना जाएगा. दो वर्ष के बाद खिलाड़ियों की वार्षिक परफॉर्मेंस के आधार पर छूट दी जाएगी .
  • खिलाड़ी को प्रशिक्षण स्थल, समय और जिस प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्त किया जा रहा है, उसका पूर्ण विवरण देना होगा. प्रशिक्षक की ओर से दैनिक उपस्थिति दर्शाते हुए प्रतिमाह खिलाड़ी की पश्चात प्रशिक्षण के लिए यह छूट उनकी वार्षिक खेल मूल्यांकन और प्रगति रिपोर्ट के आधार पर देय होगी. उपस्थिति प्रमाणित की जाएगी, जो खिलाड़ी को कार्यालयाध्यक्ष को प्रस्तुत करनी होगी.
  • यदि कोई खिलाड़ी प्रथम 2 वर्ष की सेवा अवधि में संबंधित खेल में बेहतर प्रदर्शन करता है तो उसके बेहतर प्रदर्शन के आधार पर, उसे प्रमुख शासन सचिव (Staff Welfare Officer) कार्मिक विभाग की सहमति से आगामी 3 वर्ष के लिए छूट बढ़ाया जा सकेगा. शासन सचिवालय में पदस्थापित कार्मिकों की ओर निर्धारित संलग्न प्रारूप में खेल मूल्यांकन और प्रगति रिपोर्ट खेल अधिकारी शासन सचिवालय को और जिलों में पदस्थापित कार्मिकों की ओर से जिला खेल अधिकारी को 15 जनवरी तक प्रस्तुत की जाएंगी. इस पर संबंधित खेल अधिकारी की ओर से खेल मूल्यांकन कर 15 फरवरी तक आगामी वित्तीय वर्ष में खेल प्रशिक्षण के लिए प्रतिदिन निर्धारित समय उपलब्ध कराने / नहीं कराने की अनुशंषा की जाएगी. इस पर नियोक्ता अधिकारी की ओर से 28 फरवरी से पूर्व निर्णय लेकर आदेश जारी किया जाएगा. यह आदेश आगामी वित्तीय वर्ष की 31 मार्च तक लागू रहेगा. खेल मूल्यांकन पर नियोक्ता अधिकारी की ओर से कोई मार्गदर्शन चाहे जाने पर प्रकरण युवा गागले और खेल विभाग को प्रेषित किया जाएगा, जिसका निर्णय अंतिम होगा.

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खेल मूल्यांकन

  • कर्मचारी / अधिकारी खिलाड़ियों को 5 वर्ष में कम से कम 3 वर्ष की अवधि में राष्ट्रीय / अन्तरराष्ट्रीय स्तर की उक्त मान्यता प्राप्त खेल-कूद प्रतियोगिताओं में भाग लेना अनिवार्य होगा. इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने पर प्राप्त प्रमाण पत्रों को उत्कृष्ट प्रदर्शन (टीम रेंकिंग / एकल रैंकिंग) का आधार मानते हुए संबंधित खेल प्रमाण पत्रों का इन्द्राज सेवा पुस्तिका में करवाया जाना अनिवार्य होगा.
  • नियुक्ति के 2 वर्ष पश्चात प्रतिवर्ष प्रशिक्षण की प्रगति और प्रशिक्षण जारी रखने की आवश्यकता का आंकलन के लिए शासन सचिवालय में पदस्थापित खिलाड़ी कार्मिकों के लिए खेल अधिकारी, कार्मिक (क. 5). विभाग, शासन सचिवालय को एवं जिला स्तर पर जिला खेल अधिकारी राजस्थान खेलको नोडल अधिकारी बनाया जाता है. प्रगति और प्रशिक्षण जारी रखने की आवश्यकता का आंकलन कर संबंधित खेल अधिकारी कीओर से नियोक्ता अधिकारी को टिप्पणी / अनुशंषा की जायेगी . यदि खिलाड़ी की ओर से उपर्युक्तानुसार सुविधाएं उपलब्ध करवाने के पश्चात भी लगातार तीन वर्षों तक किसी भी प्रकार की उपलब्धि अर्जित नहीं की जाती है या वह कम से कम उसी स्तर की प्रतियोगिता में भाग नहीं लेता है जिसमें उसे पदक जीतने या भाग लेने के आधार पर चुना गया है, तो उसे सुबह 2 घंटे और शाम 2 घंटे खेलने की छूट नहीं दी जाएगी.

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खेल पोशाक

  • खिलाड़ियों को राष्ट्रीय / अन्तरराष्ट्रीय खेल-कूद प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए खेल पोशाक (फुल ट्रेक सूट एवं नेकर टी-शर्ट) कार्मिक (क-5 / खेल विंग) विभाग से वर्ष में एक बार उपलब्ध करवाई जाएगी.

खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन : प्रदेश की गहलोत सरकार ने सत्ता में आने के बाद 182 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेलों के विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ़ टर्म नौकरी दी है. सभी खिलाड़ियों ने नियुक्ति भी ले ली, लेकिन नियुक्ति के साथ ही इन खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस डाउन (performance down of Rajasthan Players) होने लगी है. खिलाड़ियों को नई नौकरी जॉइन करने के बाद से दो साल के प्रोबेशन टाइम में छुट्टियां नहीं मिल पा रही हैं. इसके चलते वो अपना नियमित अभ्यास नहीं कर पा रहे हैं. हालात ये हैं कि जो खिलाड़ी एशियन गेम्स में मेडल जीत चुके हैं, वो अब डाउन परफॉर्मेंस की वजह से सिलेक्ट तक नहीं हुए.

182 खिलाड़ियों को मिली राजस्थान में नौकरी : गहलोत सरकार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी है. ग्रेड-ए में 13, ग्रेड-बी में 23 और ग्रेड-सी में 146 खिलाड़ियों को नियुक्ति दी गई है. राजस्थान में गहलोत सरकार ने आउट ऑफ टर्म -2016 की पॉलिसी में संशोधन करते हुए मेडल के आधार पर खिलाड़ियों को नौकरी देने का निर्णय लिया था. इसको लेकर कैटेगरी भी तय की गई थी, जिसके बाद 446 खिलाड़ियों में से 182 खिलाड़ियों को अलग-अलग कैटेगरी में नौकरी दी गई है.

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