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छत्तीसगढ़ कोयला खनन विवाद के बीच अधिकारियों का दिल्ली दौरा, ऊर्जा मंत्री ने ट्वीट कर लिखी ये बड़ी बात...

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Published : Jun 17, 2022, 10:31 PM IST

Updated : Jun 18, 2022, 8:56 AM IST

Bhanwar Singh Bhati tweet on Chhattisgarh coal mining dispute
ऊर्जा मंत्री ने किया ट्वीट

छत्तीसगढ़ कोयला खनन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी ट्वीट (Energy Minister Bhanwar Singh Bhati tweet) के जरिए छत्तीसगढ़ में कोयले खनन के खिलाफ चल रहे आंदोलन और विरोध को समाप्त करने की अपील की.

जयपुर. छत्तीसगढ़ कोयला खनन विवाद के बीच राजस्थान में फिर से कोयले का संकट गहराने लगा है. इस बीच प्रदेश को मिलने वाली कोयले की रैक की संख्या बढ़ाने के लिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम सीएमडी आरके शर्मा शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर रहे. वहीं ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भी ट्वीट (Energy Minister Bhanwar Singh Bhati tweet) के जरिए छत्तीसगढ़ में कोयले खनन के खिलाफ चल रहे आंदोलन और विरोध को समाप्त करने की अपील की ताकि राजस्थान को अंधकार की स्थिति में पहुंचने से बचाया जा सके.

प्रदेश के उर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने शुक्रवार शाम ट्वीट कर प्रदेश में मौजूदा कोयले के संकट की स्थिति को साझा किया और छत्तीसगढ़ में हंसदेव अरण्य वन क्षेत्र में जारी आंदोलन को रोककर पीईकेबी और परसा कोयला खदानों से कोयला खनन जल्द प्रारंभ करने की जरूरत बताई. भाटी ने राजस्थान को अंधकार से बचाने के लिए मैं छत्तीसगढ़ के हंसदेव अरण्य वन क्षेत्र की जनता और छत्तीसगढ़ प्रशासन से आंदोलन और विरोध को समाप्त कर शीघ्र खनन कार्य प्रारंभ करने में सहयोग देने की अपील की.

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भाटी ने लिखा कि पीकेबी कॉल ब्लॉक से प्रथम चरण में खनन कार्य साल 2013 में शुरू हुआ और खनन के बाद समतल की गई भूमि पर 8 लाख वृक्षों का रोपण भी किया गया. उन्होंने लिखा कि यह कोई नया कार्य नहीं है जिसका इतना पुरजोर विरोध किया जा रहा है. भाटी के अनुसार राजस्थान राज्य की 4340 मेगावाट क्षमता की तापीय इकाइयों से विद्युत की सुचारू आपूर्ति के लिए इन कॉल ब्लॉक से कोयले का खनन जल्द शुरू होना बेहद जरूरी है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में अरण्य वन क्षेत्र मैं जारी आंदोलन के चलते पीईकेबी और परसा कोयला खदानों से कोयला खनन शुरू नहीं किया जा रहा है जबकि इसके लिए केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार से भी आवश्यक अनुमति राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम को मिल चुकी है. यदि लंबे समय तक यह आंदोलन चला तो फिर प्रदेश में कोयला संकट और बिजली संकट की स्थिति विकराल रूप ले सकती है. यही कारण है कि खुद राजस्थान के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को भी अब ट्विटर पर इस आंदोलन को थामने के लिए अपील करनी पड़ रही है.

Last Updated :Jun 18, 2022, 8:56 AM IST
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