कोरोना से कमजोर हुई इम्यूनिटी, अब बच्चे इस संक्रामक बीमारी का हो रहे शिकार, जानिए क्या कहना है चिकित्सकों का

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Published : Sep 20, 2022, 7:31 PM IST

Updated : Sep 20, 2022, 7:43 PM IST

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जयपुर के जेके लोन अस्‍पताल में पिछले कुछ समय से हैंड फुट माउथ डिजीज से पीड़ित बच्‍चे आ रहे हैं. इस बीमारी में बच्‍चे के शरीर पर छोटी-छोटी फुंसी और मुंह में छाले हो जाते हैं. साथ ही बच्चे काे बुखार हो जाता है. डॉक्‍टर्स का कहना है कि यह एक संक्रामक रोग है. कोरोना से कमजोर हुई इम्‍यूनिटी के कारण भी बच्‍चे इसका शिकार हो रहे (Disease due to weak immunity in kids) हैं. चाहिए. 5 से 9 साल तक के बच्‍चों में यह रोग इन दिनों ज्‍यादा देखा जा रहा है.

जयपुर. पिछले कुछ समय से जयपुर के जेके लोन अस्पताल में हैंड फुट माउथ डिजीज से पीड़ित बच्चे पहुंच रहे (Hand Foot Mouth Disease cases in Jaipur) हैं. आमतौर पर ऐसे मामले कम ही देखने को मिलते थे, लेकिन इन दिनों इस बीमारी से ग्रस्‍त बच्‍चों की संख्‍या लगातार बढ़ रही है. इस बीमारी में बच्‍चों के पूरे शरीर पर छोटी-छोटी फुंसी और मुंह में छालों के साथ-साथ बुखार के लक्षण आते हैं. चिकित्‍सकों का कहना है कि कोरोना के चलते कमजोर हुई इम्‍यूनिटी के चलते बच्‍चे इस संक्रामक रोग का शिकार हो रहे हैं.

जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक गुप्ता का कहना है कि पिछले कुछ समय से अस्पताल में हैंड फुट एंड माउथ डिजीज से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. यहां तक की अस्पताल पहुंचने वाले हर दूसरे या तीसरे बच्चे में इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. डॉ गुप्ता का कहना है कि यह एक संक्रामक बीमारी है, लेकिन इस साल यह लगातार बच्चों को अपनी चपेट में ले रही है. खासकर 5 से 9 साल तक के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. डॉक्टर गुप्ता का यह भी कहना है कि इससे पहले इस बीमारी के लक्षण मुश्किल से ही बच्चों में देखने को मिलते थे, लेकिन इस वर्ष इस बीमारी से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिसके बाद परिजन भी काफी परेशान नजर आ रहे हैं.

कोरोना से कमजोर हुई इम्यूनिटी

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क्या हैं लक्षण: डॉ गुप्ता का कहना है कि इस बीमारी में बच्चों के पूरे शरीर पर छोटी-छोटी फुंसियां नजर आती (Symptoms of hand foot and mouth disease) हैं. इन फुंसियों से पानी निकलना शुरू हो जाता है और इसी दौरान बच्चे के मुंह में छाले भी दिखाई देते हैं और बच्चा बुखार की गिरफ्त में आ जाता है. कभी कभार बच्चे के पूरे शरीर में खुजली शुरू हो जाती है और समय पर यदि इलाज उपलब्ध नहीं कराया जाए, तो फिर बच्चे की हालत भी बिगड़ सकती है. यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है. यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो फिर बच्चे की स्थिति बिगड़ सकती है. चिकित्सकों का यह भी कहना है कि यदि बच्चे का समय पर इलाज नहीं करवाया जाए और वयस्क भी लगातार बच्चे के संपर्क में रहेंं, तो यह बीमारी वयस्क में भी फैल सकती है.

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कमजोर इम्यूनिटी कारण: डॉ अशोक गुप्ता का कहना है कि पिछले कुछ समय से कोविड-19 संक्रमण के कारण बच्चे घरों में ही कैद रहे. जिसके बाद छोटे बच्चों में इम्यूनिटी डवलप नहीं हो पाई और अब स्कूल और खेल मैदान पूरी तरीके से खुल चुके हैं, तो बच्चे आसानी से इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं. खासकर उन बच्चों को यह बीमारी अपनी चपेट में ले रही है जिनकी इम्यूनिटी काफी कमजोर है. पिछले कुछ समय से जेके लोन अस्पताल में भी हैंड फुट माउथ संक्रमण से पीड़ित बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. ऐसे में डॉक्टर गुप्ता सलाह देते हैं कि जैसे ही बच्चे के शरीर पर यह लक्षण नजर आएंं, तो चिकित्सकीय सलाह लेने की जरूरत है. सही समय पर इलाज मिलने के बाद 8 से 10 दिन में बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाता है.

Last Updated :Sep 20, 2022, 7:43 PM IST
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