टोमैटो फ्लू हाथ-पैर-मुंह की बीमारी HFMD का नया रूप है, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी ये सलाह

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Published : Sep 5, 2022, 5:17 PM IST

Updated : Sep 6, 2022, 1:59 PM IST

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Tomato Flu in India धीरे-धीरे बढ़ रही है. Dr Anil Agarwal IMA ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोई लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए. Asian Society of Emergency Medicine के अध्यक्ष Dr. Tamorish Kole ने कहा कि टोमैटो फ्लू हाथ, पैर और मुंह की बीमारी HFMD का एक नया रूप है, जो आमतौर पर कॉक्ससेकी वायरस के कारण होता है.

नई दिल्ली: भारत में टोमैटो फ्लू की (Tomato Flu in India) बीमारी धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन इस बीमारी को लेकर विशेषज्ञों ने कहा कि इसको लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वित्तीय सचिव डॉ अनिल अग्रवाल (Dr. Anil Agarwal, financial secretary IMA) ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि लोगों को हाथ-पैर और मुंह की इस बीमारी के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि अन्य इन्फ्लूएंजा की तरह (Tomato flu is influenza) ही टोमैटो फ्लू है. लोगों को इससे घबराना नहीं चाहिए. इसके लिए उन्हें केवल एहतियात बरतना चाहिए और कोई लक्षण पाए जाने पर डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए. हमें अन्य सभी सामान्य फ्लू की तरह टोमैटो फ्लू का इलाज करना चाहिए.

टोमैटो फ्लू क्या है : टोमैटो फ्लू एक संक्रामक (Tomato flu is contagious disease) रोग है. इसके लक्षण कुछ दिनों के बाद ठीक हो जाते हैं. यह रोग तथाकथित हैंड फुट माउथ डिजीज (Hand foot mouth disease) का एक नैदानिक ​​रूप है जो स्कूल जाने वाले बच्चों में आम है. शिशुओं और छोटे बच्चों में भी लंगोट के इस्तेमाल से, अशुद्ध सतहों को छूने के साथ-साथ चीजों को सीधे मुंह में डालने से भी यह संक्रमण फैल सकता है. आसपास की वस्तुओं और पर्यावरण की स्वच्छता के साथ-साथ संक्रमित बच्चे को अन्य गैर-संक्रमित बच्चों के साथ खिलौने, कपड़े, भोजन या अन्य वस्तुओं को साझा करने से रोकना है. यह रोग मुख्य रूप से 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है. कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि टोमैटो फ्लू का बुखार बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू बुखार के बाद का प्रभाव हो सकता है. इसके लिए केवल उपचार की आवश्यकता होती है. यह वयस्कों को भी हो सकता है.

इस संबंध में प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञ और एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन (Asian Society of Emergency Medicine) के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr. Tamorish Kole) ने कहा कि टोमैटो फ्लू हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (HFMD एचएफएमडी) का एक नया रूप है, जो आमतौर पर कॉक्ससेकी वायरस के कारण होता है. इसकी वजह से त्वचा पर छोटे-छोट 4-6 मिमी के लाल धब्बे बन जाते हैं जिनके अंदर तरल पदार्थ के साथ बुलबुले बन जाते हैं. उन्होंने कहा कि आमतौर पर हाथों, पैरों और शरीर इसके धब्बे दिखाई देते हैं और छोटे बच्चों में ये संपर्क से फैलते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टोमैटो फ्लू का इलाज अन्य वायरल संक्रमणों जैसे अलगाव, आराम, बहुत सारे तरल पदार्थ और जलन और भीड़ से राहत के लिए गर्म पानी के स्पंज के समान है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी सुझाव दिया कि गले या मल के नमूने बीमारी पैदा करने वाले वायरस को अलग करने के लिए परीक्षण के लिए एक प्रयोगशाला में भेजे जा सकते हैं, जिसमें प्रयोगशाला के परिणाम प्राप्त करने में 2-4 सप्ताह लग सकते हैं. मंत्रालय ने आगे स्पष्ट किया कि टोमैटो फ्लू का वायरस कोविड-19, मंकीपॉक्स, डेंगू या चिकनगुनिया से बिल्कुल भी संबंधित नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'वास्तव में, हाल की रिपोर्टों ने सुझाव दिया कि यह Coxsackie A 17 tHat एंटरोवायरस के समूह से संबंधित है.'

टोमैटो फ्लू के लक्षण
इस बीमारी में शरीर पर लाल रंग के छाले या फफोले हो जाते हैं जिनमें दर्द होता है, इसलिए इसे टोमैटो फ्लू कहा गया. अध्ययन के अनुसार, यूं तो यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन कोविड-19 महामारी के खतरनाक अनुभव को देखते हुए इसके प्रकोप को रोकने के लिए सतर्कता के साथ प्रबंधन जरूरी है. इस वायरस में कोविड की तरह ही बुखार, थकान, शरीर में दर्द और चकत्ते जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं. टोमैटो फ्लू में जोड़ों का दर्द होना भी लक्षण (Tomato Flu Symptoms) है. अन्य वायरल संक्रमणों की तरह इस रोग में थकान, मतली, उल्टी, दस्त, बुखार, निर्जलीकरण, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और आम इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. बुखार शुरू होने के एक या दो दिनों बाद छोटे लाल धब्बे दिखाई देते हैं, जो छाले और फिर अल्सर में बदल जाते हैं.

भारत में टोमैटो फ्लू के मामले
टोमैटो फ्लू की पहचान सबसे पहले केरल के कोल्लम जिले में 6 मई को हुई थी और जुलाई तक, स्थानीय सरकारी अस्पतालों द्वारा पांच साल से कम उम्र के 82 से अधिक बच्चों में संक्रमण की पुष्टि की गई. इसके अलावा केरल के आंचल, आर्यनकावु, नेदुवथुर (Anchal, Aryankavu, Neduvathur) क्षेत्र भी इस बीमारी से प्रभावित हैं.भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र द्वारा ओडिशा में 26 बच्चों (1-9 वर्ष) में इस बीमारी की पुष्टि की गई है. अब तक केरल, तमिलनाडु, हरियाणा और ओडिशा के अलावा, भारत के किसी अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में इस बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है. टोमैटो फ्लू को लेकर हिमाचल में अलर्ट जारी किया गया (Tomato Flu Alert In Himachal) है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलाधीश व स्वास्थ्य अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं. हालांकि ,अभी हिमाचल में टोमैटो फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन फिर भी एहतियात के तौर पर एक एडवाइजरी जारी की गई (Himachal NHM issues advisory regarding tomato flu) है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी (Indian health ministry advisory)
इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को हाथ-पैर और मुंह की बीमारी (जिसे आमतौर पर 'टोमैटो फ्लू' के रूप में जाना जाता है) के खिलाफ सतर्क रहने को कहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 12 बिंदुओं के निवारक उपायों के साथ एडवाइजरी जारी की है . स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को जारी अपनी एडवाइजरी में संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क से बचने का सुझाव दिया है. साथ ही मंत्रालय ने बच्चों को बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए चरणों को भी बताया है.स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, 'अपने बच्चों को संकेतों और लक्षणों और इसके सहायक प्रभावों के बारे में बताएं. त्वचा को साफ करने या नहाने के दौरान हमेशा गर्म पानी का उपयोग करें.' मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि फिलहाल टोमैटो फ्लू के उपचार या रोकथाम के लिए कोई एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है.

रोकथाम के लिए करें ये उपाय
टोमैटो फ्लू की रोकथाम के लिए सबसे अच्छा उपाय उचित स्वच्छता (Tomato Flu Treatment) है. आस पास की जरूरी वस्तुओं और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के साथ संक्रमित बच्चे के खिलौने, कपड़े, भोजन व अन्य सामान को गैर-संक्रमित बच्चों से साझा करने से रोकना चाहिए. कुछ आवश्यक निवारक उपाय हैं, जिन्हें ध्यान में रखा जाना चाहिए. जैसे संक्रमित व्यक्ति के तत्काल संपर्क में आने से बचें. अपने बच्चों को इस रोग के लक्षणों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताएं, अपने बच्चे से कहें कि बुखार या दाने के लक्षण वाले बच्चों को गले न लगाएं और न ही उन्हें छुएं.

बच्चों को बताएं ये बातें
इसके अतिरिक्त बच्चों को स्वच्छता बनाए रखने और अंगूठा या उंगली चूसने की आदत रोकने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. नाक बहने या खांसने की स्थिति में बच्चे को रूमाल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना (Tomato Flu in India) चाहिए. छाले को खरोंचें या रगड़ें नहीं और हर बार जब आप इन छालों को छूते हैं तो हाथों को साबुन से धो लें. बच्चों को खूब पानी, दूध या रस, जो कुछ भी वे पसंद करते हैं पीने के लिए प्रेरित करके उन्हें हाइड्रेटेड रखने की कोशिश करनी चाहिए. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर, संतुलित आहार लें, उपचार को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त आराम और नींद लेना आवश्यक है.

घबराएं नहीं, अफवाहों से बचें
एनएचएम के एमडी हेमराज बैरवा (Hemraj Bairwa, NHM, MD) ने बताया कि लोग भयभीत न हो और भ्रामक अफवाहों से बचें. उन्होंने सभी से सतर्क व सजग और जागरूक रहने के लिए कहा (Tomato Flu In Himachal) है. उन्होंने कहा कि इस रोग के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करें. ताकि समय रहते ही इसका उपचार किया जाए, ताकि यह किसी अन्य को ना (tomato flu health ministry advisory) फैले.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, टोमैटो फ्लू से घबराने की जरुरत नहीं

Last Updated :Sep 6, 2022, 1:59 PM IST
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