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दलित अत्याचार के विरोध में विधानसभा का घेराव, पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की

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Published : Mar 5, 2020, 7:06 PM IST

प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में सैकड़ों दलितों ने पूर्व भाजपा विधायक जितेंद्र गोठवाल के नेतृत्व में विधानसभा का घेराव किया. इस दौरान लोग रैली के रुप में स्टेच्यू सर्किल से विधानसभा जाने के लिए निकले. जहां सहकार सर्किल से पहले पुलिस और भीड़ के बीच में धक्का-मुक्की हो गई. रैली में प्रदर्शनकारियों ने दौसा में नाबालिग के से हुए दुष्कर्म के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

protest against Dalit atrocities, दलित अत्याचार का विरोध, राजस्थान में दिलतों पर अत्याचार
दलित अत्याचार के विरोध में विधानसभा का घेराव

जयपुर. प्रदेश में दलितों पर अत्याचार को लेकर सियासत तेज हो गई है. भाजपा ने विधानसभा से लेकर सड़क तक गहलोत सरकार को इस मुद्दे पर घेरा है. इसी कड़ी में भाजपा के पूर्व संसदीय सचिव और खंडार के पूर्व विधायक जितेंद्र गोठवाल के नेतृत्व में दलित समाज पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में गुरुवार को एक रैली निकाली गई. रैली के दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से धक्का-मुक्की भी हुई. प्रदर्शनकारियों ने दोसा में एक बालिका से दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे थे.

दलित अत्याचार के विरोध में विधानसभा का घेराव

पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल और दलित समाज के लोग स्टेच्यू सर्किल के पास जमा हुए. वहां से रैली के रूप में चोमू हाउस सर्किल, बीजेपी कार्यालय और सहकार सर्किल के पास गली से होते हुए पेट्रोल पंप के पास स्थित मैदान पर पहुंचे. सहकार सर्किल से पहले प्रदर्शनकारियों ने सीधे विधानसभा जाने की कोशिश की. इस पर पुलिस ने यहां उन्हें रोका. इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच धक्का-मुक्की भी हो गई.

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करीब 5 मिनट तक चली धक्का-मुक्की के बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों से समझाइश के बाद प्रदर्शनकारी सहकार सर्किल से पहले वाली सड़क से होते हुए सहकार भवन के पीछे स्थित मैदान पर पहुंचे. मैदान पर पहुंचकर प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठ गए. दलित समाज के लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अशोक गहलोत के खिलाफ नारे लगाए.

पूर्व संसदीय सचिव जितेंद्र गोठवाल ने कहा प्रतिदिन दलितों पर अत्याचार को लेकर हर रोज एक घटना सामने आ रही है, इसके बावजूद भी सरकार को शर्म नही आ रही है. गोठवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के गृहमंत्री है उन्हें घटना को देखते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए. पुलिस मुख्यमंत्री की सुनवाई नहीं कर रही या फिर मुख्यमंत्री पुलिस को सही तरीके से काम में नहीं ले रहे. दलितों पर अत्याचार होने के बाद भी यदि गहलोत सरकार नहीं जागी तो पूरे प्रदेश में सरकार को जगाने का काम किया जाएगा.

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जितेंद्र गोठवाल ने आरोप लगाया कि दलितों को लेकर गहलोत सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है. उन्हें लगता है कि यदि आज दलितों के हाल-चाल पूछेंगे तो अन्य लोग उनसे नाराज हो जाएंगे. उन्होंने मांग की कि दोसा का रामगढ़ पचवारा थाना सस्पेंड होना चाहिए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके. रैली निकालते समय कई जगह जाम की स्थिति भी देखने को मिली. खुद पुलिस ने आगे बढ़कर ट्रैफिक को क्लियर करवाया. ट्रैफिक जाम होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

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