जयपुर. आगामी मार्च-2022 तक प्रदेश के सहकारी बैंकों से जुडे़ किसानों (Crop loan to framers linked with Co Operative Bank ) को 18,500 करोड़ रुपए का फसली ऋण वितरित कर दिया जाएगा. अभी तक 16,181 करोड़ रुपए का फसली ऋण वितरित हो चुका है. जबकि आने वाले समय में किसानों के फसली ऋण की राशि को बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे. यह जानकारी सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने दी.
आंजना बुधवार को शासन सचिवालय में विभागीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि किसान बीमा से वंचित नहीं हों. ऐसा प्रावधान भी किया जाए कि किसान के साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने पर पीड़ित परिवार को बीमित ऋण राशि एवं दुर्घटना बीमा की राशि बिना किसी परेशानी के समय पर मिल सके. उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन की प्रक्रिया को तेज किया जाए ताकि व्यवस्था को पारदर्शी बनाया जा सके.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में चुनाव प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा किया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि प्रक्रिया में 5 वर्ष के उपरान्त चुनाव कराने की बाध्यता को रखा जाए. उन्होंने कहा कि डेयरी संस्थाओं के शेष चुनाव को भी चरणबद्ध रूप से पूरा करे. आंजना ने कहा कि नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन के संबंध में हिस्सा राशि को 5 लाख से घटाकर 3 लाख एवं मिनीमम सदस्य संख्या को 500 से घटाकर 300 किया जाए.
प्रमुख शासन सचिव सहकारिता दिनेश कुमार ने कहा कि कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए 75 समितियों को राशि ट्रांसफर कर दी गई है तथा अगले कुछ महीनों में 10 करोड़ की राशि और समितियों को भी ट्रांसफर की जाएगी. कस्टम हायरिंग सेन्टर से किसानों को फायदा मिलने लगा है. उन्होंने कहा कि पैक्स कम्प्यूटराईजेशन के सॉफ्टवेयर से संबंधित आईटी विभाग से बात हो गई है और शीघ्र ही पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि व्यवस्थापकों के भर्ती से संबंधित मामलों के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा. इसके लिए ये कमेटी संबंधित मुद्दों के बारे में रिपोर्ट देगी. रजिस्ट्रार सहकारिता मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि निरीक्षकों से संबंधित पदोन्नति को फरवरी माह में संपन्न करा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नई ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन से संबंधित प्रावधानों के लिए बायलॉज में परिवर्तन की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा.