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Crime Uncontrolled in Rajasthan : राजस्थान में नहीं थम रहा अपराधों का सिलसिला, CBI के दहलीज तक पहुंचे प्रकरण...जांच फिर भी लंबित

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Published : Jan 17, 2022, 7:49 PM IST

सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद प्रदेश में अपराध (Crime Uncontrolled in Rajasthan) थमने का नाम नहीं ले रहा है. विमंदित बालिका प्रकरण ने तो राजस्थान से लेकर दिल्ली तक की राजनीति को हिला कर रख दिया है. वैसे भी राजस्थान का अलवर अपराधों को लेकर पूरे देश में बदनाम है. गहलोत सरकार बनने के बाद यहां दो एसपी और दो मंत्री लगाए गए, लेकिन अपराधिक गतिविधियों नें कोई कमी नहीं आई. कुछ मामले राजस्थान के ऐसे रहे जो सीबीआई को सौंपे गए, लेकिन प्रकरणों में जांच अब भी लंबित है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

Crime Uncontrolled in Rajasthan
राजस्थान में नहीं थम रहा अपराधों का सिलसिला

जयपुर. राजस्थान में भाजपा विपक्ष की भूमिका में है. लिहाजा अपराध से जुड़ा कोई बड़ा मामला होता है तो उसकी निष्पक्ष जांच सीबीआई से ही कराने की मांग भाजपा करती है, क्योंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है. पूर्व में ऐसे कई प्रकरण थे, जिनमें भाजपा ने सड़कों पर उतर कर सीबीआई जांच की मांग की और प्रदेश की गहलोत सरकार ने उनमें से कुछ प्रकरण जांच के लिए सीबीआई को सौंप भी दिए. लेकिन कई साल बीतने के बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ पाई या फिर कहें सीबीआई उन प्रकरणों में जांच के लिए (CBI Investigation in Alwar Atrocity Case) कोई तत्परता नहीं दिखाई. फिलहाल, इन प्रकरणों में अभी भी न्याय का इंतजार है.

गहलोत सरकार में सीबीआई को गए ये मामले, लेकिन न्याय का है इंतजार : प्रदेश की गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल में 3 बड़े प्रकरण जांच के लिए सीबीआई को सौंपे जाने का निर्णय हुआ और अब अलवर मूक-बधिर बालिका से दरिंदगी का ये प्रकरण चौथा है. पूर्व के तीनों ही प्रकरण भाजपा की मांग पर ही सीबीआई को जांच के लिए सौंपने का निर्णय हुआ, लेकिन सीबीआई के स्तर पर अब तक इन प्रकरणों की जांच लंबित पड़ी है. इनमें...

सीआई विष्णुदत्त विश्नोई आत्महत्या प्रकरण : चूरू के राजगढ़ पुलिस थाने के सीआई विष्णु दत्त विश्नोई ने 23 मई 2020 को आत्महत्या कर ली थी. जिसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में रहा. मामले में राजनीति भी हुई और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ सहित भाजपा के कई नेताओं ने इस प्रकरण में कांग्रेस विधायक कृष्णा पूनिया पर कुछ गंभीर आरोप तक लगाए. इसके बाद प्रदेश सरकार ने जून 2020 में इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने का निर्णय लिया था.

पढ़ें : Justice Expected From CBI : सीबीआई जांच के नाम पर सिर्फ सियासत, अब तक गए प्रकरणों में जांच लंबित...कैसे करें न्याय की उम्मीद ?

कमलेश प्रजापत एनकाउंटर मामला : 22 अप्रैल 2021 की रात बाड़मेर पुलिस ने कमलेश प्रजापति का एनकाउंटर किया था. यह एनकाउंटर सियासी विवादों में रहा और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठे. एनकाउंटर के बाद से ही लगातार कमलेश प्रजापति का परिवार और समाज के लोग इसे फर्जी एनकाउंटर बता रहे थे. वहीं, स्थानीय नेता भी सरकार पर सीबीआई की जांच के लिए दबाव बना रहे थे. राजनीतिक दबाव के बाद प्रदेश की सरकार ने जुलाई 2021 को केंद्र सरकार को इस मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की, जिसे केंद्र ने मंजूर किया. लेकिन जांच परिणाम अब तक नहीं आ पाया.

लवली कंडारा एनकाउंटर मामला : 13 अक्टूबर 2021 को रातानाडा थाना पुलिस ने अपराधी लवली का एनकाउंटर किया था. इसके बाद वाल्मीकि समाज सड़कों पर उतरा और एनकाउंटर पर सवाल भी उठाए गए. हालांकि, तब सरकार ने एनकाउंटर करने वाले रातानाडा थाना अधिकारी लीलाराम को हटा दिया था, लेकिन स्थानीय जांच के बाद फिर उसे बहाल कर दिया गया. विरोध तेज होने के बाद प्रदेश सरकार नवंबर 2021 में इस प्रकरण की जांच सीबीआई को भेजने को तैयार हुई.

इन तीनों प्रकरण के बाद अब चौथा प्रकरण अलवर में भी विमंदित बालिका के साथ हुई दरिंदगी से जुड़ा है, जिसके लिए भी भाजपा ने प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बनाया. इसके चलते सरकार ने इसे सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया. लेकिन सीबीआई के पास जाने के बाद जल्दी ही इस प्रकरण में भी न्याय मिले, इसकी उम्मीद कम ही है.

दो एसपी...दो मंत्री, फिर भी नहीं थमा अपराध का सिलसिला...

अलवर प्रदेश का ऐसा जिला है जहां दो एसपी तैनात हैं. इसके साथ ही जिले के दो मंत्री प्रदेश सरकार में काबिज हैं, उसके बाद भी यहां क्राइम का ग्राफ (Crime Graph In Alwar) लगातार बढ़ता जा रहा है. आए दिन जिले में रेप, लूट और हत्या जैसी वारदातें हो रही हैं. पुलिस के लाख प्रयासों के बाद भी अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है जबकि सरकार लगातार क्राइम को कम करने के दावे कर रही है.

अलवर के चर्चित कांड...

थानागाजी गैंगरेप :

8 मई 2019 को अलवर के थानागाजी के पास एक गांव में अराजक तत्वों ने एक युवक के सामने ही उसकी पत्नी के साथ गैंगरैप किया. इस घटना ने अलवर में पुलिस प्रशासन और व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए. आरोपियों ने घटना के बाद पीड़िता का वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस मामले में कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तात्कालीन डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित तमाम नेता और मंत्री अलवर पहुंचे. इसके अलावा अन्य पार्टियों के लिए भी अलवर केंद्र बन गया है.

पढ़ें : बड़ी खबर : अलवर विमंदित नाबालिग प्रकरण में गहलोत सरकार ने केंद्र को भेजी CBI जांच की अनुशंसा...

पपला जेल ब्रेक कांड :

6 सितंबर 2019 को पुलिस ने पपला गुर्जर को 32 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया. अगले ही दिन पपला गुर्जर के साथियों ने बहरोड़ थाने पर एके-47 से फायरिंग की और लॉकअप में बंद पपला गुर्जर को छुड़ाकर ले गए. इस घटना ने राजस्थान पुलिस को पूरे देश में शर्मशार किया। प्रदेश में पहली बार इस तरह की घटना हुई.

खेड़ली थाने में दुष्कर्म :

अलवर के खेड़ली थाने में शिकायत लेकर पहुंची पीड़िता के साथ थाना इंचार्ज ने 10 मई 2021 को थाने में ही दुष्कर्म किया. यह अपने आप में इस तरह के अपराधकी पहली घटना थी. लंबे समय तक यह घटना चर्चा का विषय बनी रही. पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे जिससे प्रदेश का पुलिस प्रशासन को शर्मसार होना पड़ा.

भिवाड़ी रंगदारी में फायरिंग :

7 अक्टूबर 2021 को भिवाड़ी में बदमाशों ने फायरिंग की. 13 सितंबर 2021 को हरीश बेकरी पर ताबड़तोड़ के साथ कई राउंड फायरिंग की गई. 25 अगस्त 2021 को मुन्ना कबाड़ी के बदमाशों ने फायरिंग कर रंगदारी के लिए पर्ची सौंपी.इसके अलावा अलवर में डिप्टी एसपी सपात खान को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया. अलवर के मालाखेड़ा में जांगिड़ युवक की पीट-पीटकर हत्या की गई. रामगढ़ और जिले के अन्य हिस्सों में दर्जनों अपराध की घटनाएं हुईं हैं. इन घटनाओं ने पूरे देश में अलवर को बदनाम किया है. अलवर में कानून व्यवस्था चौपट है. प्रदेश में सबसे ज्यादा आपराधिक मामले अलवर में दर्ज होते हैं.

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