जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के बीजेपी बोर्ड (BJP Board of Greater Municipal Corporation Jaipur) में भी बगावत की चिंगारी सुलग रही है. सोमवार को झोटवाड़ा जोन के पार्षदों की मीटिंग (Councilors Meeting In Jaipur) में कार्यवाहक मेयर शील धाभाई के रवैए पर सवाल उठाते हुए, बीजेपी के पार्षद मुख्यालय में ही धरने पर जा बैठे.
मेयर शील धाभाई के रवैए पर सवालः पार्षदों ने आरोप लगाया कि बीते 1 साल में उनके क्षेत्र में ना तो सीवर का काम हुआ, ना सड़क का. यहां तक की निगम का प्राथमिक कार्य सफाई भी नहीं हो पा रही है. इस संबंध में मेयर को शिकायत दर्ज कराने पर वो पार्षदों पर ही झुंझला गई. ग्रेटर नगर निगम में महापौर जोन वाइज पार्षदों को बुलाकर क्षेत्रीय समस्याओं पर मंथन कर राउंड टेबल की तर्ज पर समाधान कर रही हैं. इस क्रम में सोमवार को झोटवाड़ा जोन के पार्षदों को बुलाया गया. लेकिन ये मीटिंग हंगामे की भेंट चढ़ गई. बैठक में वार्ड 44 की पार्षद सुशीला बारी के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए पार्षदों ने मेयर के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने मुख्यालय पर ही धरना दिया.
समस्या रखने आई, चुप रहने को कहाः पार्षद सुशीला बारी ने कहा कि वो यहां क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराने के लिए आई थी. लेकिन उन्हें ही चुप रहने के लिए कह दिया गया, फिर मीटिंग में बुलाया ही क्यों था?. ग्रेटर निगम में ही होर्डिंग शाखा के चेयरमैन प्रवीण यादव ने कहा कि दूसरे जोन की तर्ज पर झोटवाड़ा जोन के सभी पार्षदों से महापौर एक साथ मिलने को तैयार नहीं. यही नहीं एक पार्षद से बातचीत करते हुए महापौर ने झुंझलाते हुए फाइल तक पटक दी.
उन्होंने कहा कि उन्हीं की पार्टी की मेयर होने के बावजूद अधिकारियों के सामने पार्टी की ही अन्य पार्षद को बेइज्जत किया जाए, ये न्याय संगत नहीं है. वहीं चेयरमैन सुखप्रीत बंसल ने कहा कि निगम में अव्यवस्थाएं चल रही हैं. नतीजन आज धरने पर बैठने की नौबत आ गई. झोटवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं किए जा रहे. वहां ना लाइट्स ठीक कराई जा रही ना कचरा उठता है. दावा किया जाता है कि वार्ड में 50 लाख के विकास कार्य कराए जा रहे हैं. लेकिन एक साल पहले जिन सड़कों को खोद दिया गया वो आज तक नहीं बन पाई हैं.
समझाइश करने पहुंची महापौर : पार्षदों के धरने के दौरान खुद महापौर शील धाभाई और चेयरमैन राखी राठौड़ भी समझाइश करने पहुंची लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ा. बाद में उपमहापौर पुनीत कर्णावट भी यहां पार्षदों से वार्ता करने के लिए पहुंचे. इससे पहले कर्णावट ने भी कहा कि उनके क्षेत्र में भी 50 लाख के विकास कार्य शुरू नहीं हुए. ऐसे कई वार्ड हैं, जहां ये काम शुरू नहीं हुआ है. हालांकि उन्होंने इसका कारण निगम के ठेकेदारों को बताया.
ये बोली महापौर : महापौर ने कहा कि अब तक 4 जोन की मीटिंग हो चुकी है. अभी भी झोटवाड़ा जोन के 13 पार्षदों से उनकी समस्याएं सुनी हैं. लेकिन चार-पांच पार्षदों के लिए वो कुछ कहना नहीं चाहती. कोरोना की गाइडलाइन के तहत पांच-पांच पार्षदों से सुनवाई की जा रही है. लेकिन ये सभी पार्षद एक साथ आना चाहते हैं, जो संभव नहीं है. वहीं पार्षद के साथ किए गए दुर्व्यवहार पर महापौर ने कहा कि पूरा स्टाफ यहीं बैठा है, किसी से भी पूछ सकते हैं. यदि पार्षदों ने ऐसा कहा तो ये झूठ की पराकाष्ठा है.
जहां तक 50 लाख के विकास कार्यों का सवाल है, तो वर्क आर्डर हो चुके हैं. अभी मौसम की वजह से काम अटका हुआ है. सड़कें डालने का काम एक प्रोसेस के जरिए होता है, इसमें ना निगम का स्टाफ कुछ कर सकता है ना मेयर. बीजेपी पार्षदों के इस धरने से पहले भी कई बार पार्षदों ने मेयर की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए मुख्यालय परिसर में ही धरना दिया है. हालांकि इस बार समझाइश के लिए संगठनात्मक स्तर के पदाधिकारियों को भी यहां पहुंचना पड़ा है. इससे स्पष्ट है कि कार्यवाहक महापौर की कार्यशैली को लेकर उठाए जाने वाले सवाल बीजेपी आलाकमान तक भी जा पहुंचे हैं.