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ड्रेस कोड है तो पहनना जरूरी...यदि नहीं है तो बालिकाओं की शिक्षा जरूरी न कि लिबास: रेहाना रियाज

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Published : Feb 12, 2022, 6:43 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 10:49 PM IST

Rehana Riyaz speaks on hizab matter
रेहाना रियाज से खास बातचीत

राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने महिला अधिकारों और बालिका शिक्षा पर विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने हाल ही में हिजाब को लेकर हो रहे विवाद पर (Rehana Riyaz speaks on hizab matter) बेबाकी से अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि यदि स्कूल-कॉलेज में ड्रेस कोड है तो फिर उसे पहनना जरूरी है. लेकिन यदि कोई ड्रेस कोड नहीं है तो बालिकाओं के लिबास पर ध्यान न देकर उनकी एजुकेशन पर ध्यान देना चाहिए. बेवजह विवादों को जन्म देकर माहौल खराब करना ठीक नहीं है.

जयपुर. देर से ही सही लेकिन 3 साल बाद आखिरकार राजस्थान को रेहाना रियाज के रूप में नई महिला आयोग अध्यक्ष मिल गई है. अब उम्मीद जताई की जा रही है कि आधी आबादी को जल्द ही न्याय मिल सकेगा. राजस्थान में महिला आयोग की अध्यक्ष बनीं रेहाना रियाज के सामने मुश्किलें भी कम नहीं हैं. चाहे प्रदेश में बढ़ते दुष्कर्म के मामले हों या फिर अन्य महिला अपराधों के 3 साल से पेंडिंग पड़े मामलों की बात हो, इन सभी को लेकर उन्हें तेजी से काम में जुटना होगा.

वहीं कर्नाटक से निकली हिजाब की बहस अब राजस्थान में पहुंच गई है. ऐसे में इस मामले में भी महिला आयोग अध्यक्ष ने अपने विचार (Rehana Riyaz speaks on hizab matter) रखे हैं. हिजाब को लेकर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि मुस्लिम समाज में एजुकेशन सबसे जरूरी है. मुस्लिम समाज में पिछड़ापन है और बच्चियों के लिए एजुकेशन को लेकर समाज में जागरूकता की कमी है. ऐसे भी अगर किसी स्कूल या कॉलेज में कोई ड्रेस कोड नहीं है तो फिर मुस्लिम बच्चों के लिए पढ़ाई करना जरूरी है, न कि उनकी ड्रेस पर ध्यान देना.

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उन्होंने कहा कि अगर स्कूल कॉलेज में ड्रेस कोड है तो उसे मानना चाहिए लेकिन अगर नहीं है तो फिर कोशिश इस बात की होनी चाहिए कि बालिकाएं स्कूल आएं न कि इस बात पर विवाद हो कि वह क्या पहनकर स्कूल में आ रही हैं. रेहाना रियाज ने कहा कि स्कूल या कॉलेज में ड्रेस कोड नहीं है तो फिर यह मामला बालिकाओं के पेरेंट्स और स्कूल और कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन के बीच का है. इसमें बाहर के लोगों को बेवजह विवाद पैदा नहीं करना चाहिए. इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि बच्चियां स्कूल-कॉलेज में पढ़ाई करने पहुंचे क्योंकि अगर वह पढ़ाई करेंगे तो हो सकता है कि कुछ दिनों बाद खुद ही हिजाब पहनना छोड़ दें और वह अपने बच्चों को भी इस प्रथा से दूर रखें लेकिन जरूरी है बच्चियों का एजुकेशन.

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जो जयपुर आकर नहीं बात करेंगी उनके लिए जिलों का दौरा करूंगी
महिला आयोग अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें पता है कि 3 साल में महिला आयोग में मामलों की पेंडिंग बहुत ज्यादा बढ़ गई है, लेकिन मेरी जिम्मेदारी उस पेंडेंसी को दूर करने के साथ ही यह भी होगी कि जल्दबाजी में कोई फैसला गलत न हो जाए. रेहाना रियाज ने कहा कि मैं केवल एक महिला आयोग अध्यक्ष की तरह नहीं बल्कि एक मां, बहन, बेटी के साथ ही सहेली के तौर पर पीड़ितों के साथ व्यवहार करूंगी ताकि राजस्थान सरकार का महिलाओं के प्रति संवेदनशील व्यवहार सभी तक पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह केवल जयपुर के ऑफिस में बैठकर महिलाओं के मामलों को नहीं देखेंगी बल्कि जिलों का दौरा कर उनसे संवाद कायम कर उनकी समस्याएं सुनेंगी और सुलझाने का प्रयास करेंगी.

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महिलाओं के लिए टोल फ्री नंबर शुरू करेंगी
राजस्थान महिला आयोग की अध्यक्ष रेहाना रियाज ने कहा कि महिला अपराध रोकने के लिए राज्य महिला आयोग का अगर पहले से कोई टोल फ्री नंबर चल रहा है तो उसे और मजबूत बनाया जाएगा और यदि कोई टोल फ्री नंबर नहीं है तो नए सिरे से शुरू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि टोल फ्री नंबर पर अगर कोई महिला अपने प्रति हो रहे किसी भी अत्याचार की जानकारी देती है तो उसका तुरंत रिस्पांस दिया जाएगा.

फिर उस टोल फ्री नंबर पर रिस्पांस का समय उसी तरीके से तय किया जाएगा. इस प्रकार फायर बिग्रेड, पुलिस या एंबुलेंस का रेस्पॉन्स समय होता है, ताकि महिलाओं को तुरंत राहत मिल सके. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश में प्रतापगढ़ जैसे बलात्कार के मामलों को सख्ती से निपटाने और ऐसी सजा दिलवाने की बात कही जिससे कि अपराधी दोबारा इस बारे में सोच भी नहीं सकें.

Last Updated :Feb 12, 2022, 10:49 PM IST
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