सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली बीएड अभ्यर्थियों को राहत, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लेवल वन में न शामिल करने का मामला

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Published : Feb 4, 2022, 5:56 PM IST

BEd candidates did not get relief from Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली बीएड अभ्यर्थियों को राहत ()

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लेवल वन में शामिल नहीं किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी बीएड अभ्यर्थियों को कोई राहत (BEd candidates did not get relief from Supreme Court) नहीं मिली है. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि आठ फरवरी है.

जयपुर. तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लेवल वन में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल नहीं करने से जुड़े मामले में अभ्यर्थियों को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत (BEd candidates did not get relief from Supreme Court) नहीं मिली है. हालांकि अदालत ने मामले में एनसीटीई को नोटिस जारी कर 22 फरवरी तक जवाब तलब किया है. जस्टिस विनीत सरन और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की खंडपीठ ने यह आदेश देवेश शर्मा और अन्य की एसएलपी पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन की अंतिम तिथि आठ फरवरी होने के चलते बीएड अभ्यर्थी लेवल वन के पदों पर आवेदन नहीं कर पाएंगे. एसएलपी में कहा गया कि बीएड डिग्री रखने वाले अपीलार्थियों को गलत तरीके से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लेवल वन से बाहर किया गया है. उच्च योग्यता होने के चलते उन्हें भर्ती में शामिल किया जाए. भर्ती की अंतिम तिथि आठ फरवरी होने के चलते उन्हें अंतरिम रूप से आवेदन की अनुमति दी जाए.

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इसका विरोध करते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों की ओर से अधिवक्ता विज्ञान शाह ने कहा कि लेवल वन यानि कक्षा एक से पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का तरीका अलग होता है जिसे बीएड पाठ्यक्रम में नहीं बताया जाता. ऐसे में लेवल वन के लिए सिर्फ बीएसटीसी की योग्यता रखने वाले ही पात्र हैं. हाईकोर्ट ने भी इस संबंध में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को अव्यवहारिक मानते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था.

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यह है विवाद
एनसीटीई ने वर्ष 2018 में एक अधिसूचना जारी कर बीएड डिग्री धारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य माना था. एनसीटीई ने कहा था कि यदि बीएड डिग्री धारक लेवल वन में पास होते हैं तो उन्हें नियुक्ति के साथ ही छह माह का ब्रिज कोर्स करना होगा. एनसीटीई की इस अधिसूचना को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट ने बीएड डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को अंतरिम रूप से राहत देते हुए रीट परीक्षा में शामिल होने के आदेश दिए थे. वहीं सीजे अकील कुरैशी की खंडपीठ ने एनसीटीई की अधिसूचना को अव्यवहारिक बताते हुए बीएसटीसी अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला दिया था. इस आदेश को बीएड अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

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