बीकानेर. देश और विदेश में बीकानेर की पहचान के रूप में बीकानेर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव यानी कैमल फेस्टिवल का नाम लिया जाता है. पिछले 27 साल से बीकानेर में पहले 3 दिन और अब पिछले कुछ सालों से लगातार दो दिन तक आयोजित होने वाले कैमल फेस्टिवल का आयोजन इस बार कोरोना की भेंट चढ़ गया. देखिये यह खास रिपोर्ट...
कैमल फेस्टीवल रद्द होने से मायूसी
बीकानेर की संस्कृति और पहचान को अंतरराष्ट्रीय फलक पर दिलाने में कैमल फेस्टिवल का बड़ा योगदान रहा है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि कैमल फेस्टिवल के बहाने सैलानी बीकानेर के पर्यटन और लोक-कलाओं से भी वाकिफ होते हैं. इस बार कोरोना के चलते कैमल फेस्टिवल का आयोजन नहीं होने से जहां देशी और विदेशी पावणे बीकानेर नहीं पहुंच पाए, तो वहीं बीकानेर में होटल और टूरिज्म इंडस्ट्रीज को भी इससे काफी नुकसान हुआ है.
जनवरी के दूसरे सप्ताह में होता है कैमल फेस्टीवल
दरअसल हर साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले कैमल फेस्टिवल को लेकर इस बार पर्यटन विभाग ने कोई घोषणा नहीं की. कोरोना के चलते किसी भी तरह की कोई आयोजन नहीं होने के चलते यह साफ हो गया था कि इस बार बीकानेर में कैमल फेस्टिवल का आयोजन नहीं होगा. बीकानेर में कैमल फेस्टिवल के दौरान देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों से विदेशी मेहमान बीकानेर आते हैं और 2 दिन के कैमल फेस्टिवल का आनंद लेते हैं. सैलानी बीकानेर में टूरिज्म के अलग-अलग पॉइंट पर घूमते हैं और इस दौरान करीब सप्ताह भर का समय बीकानेर में बिताते हैं.
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टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री को झटका
इस बार ऐसा नहीं हुआ जिसके चलते पहले से ही को कोरोना से प्रभावित हुआ बीकानेर टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री को काफी बड़ा झटका लगा है. पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक भानु प्रताप कहते हैं कि कोरोना के चलते राज्य सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक इस बार कैमल फेस्टिवल का आयोजन नहीं किया गया. हालांकि बीकानेर की टूरिज्म इंडस्ट्रीज को हुए नुकसान के आकलन को लेकर वे कहते हैं कि विभागीय स्तर पर इस तरह की कोई जानकारी जुटाई नहीं जाती.
कोरोना से पर्यटन हुआ बुरी तरह प्रभावित
बीकानेर होटल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारी गोपाल अग्रवाल कहते हैं कि पहले से ही कोरोना के चलते होटल इंडस्ट्रीज बुरी तरह से प्रभावित थी और अब बीकानेर में कैमल फेस्टिवल का आयोजन नहीं होने से बड़ा झटका लगा है. वे कहते हैं कि कैमल फेस्टिवल के दौरान शहर की हर होटल करीब-करीब पूरी तरह से बुक रहती है और विदेशी मेहमानों के साथ ही देसी मेहमान भी बीकानेर आते हैं. कैमल फेस्टिवल के बहाने बीकानेर की माउथ पब्लिसिटी पूरी देश और दुनिया में होती है जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलता है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया.
बीकानेर रेलवे सलाहकार समिति के सदस्य और होटल इंडस्ट्री से जुड़े पंकज कहते हैं कि ट्रेनों का शुरू नहीं होना और कोरोना के प्रभाव का अभी भी असर होना एक बड़ा कारण रहा है और कैमल फेस्टिवल का आयोजन नहीं होने से बीकानेर को इस बार खासा नुकसान हुआ है. कुल मिलाकर कोरोना के चलते वैश्विक स्तर पर टूरिज्म इंडस्ट्री पर बुरा प्रभाव पड़ा है. बीकानेर में भी इसका असर दिखाई दे रहा है. ऐसे में कैमल फेस्टीवल का रद्द हो जाना दोहरी मार साबित हो रहा है.