ETV Bharat / city

Shardiya Navratri 2022 : शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन, मां सिद्धिदात्री पूजा करने से होगा यह लाभ

author img

By

Published : Oct 4, 2022, 7:41 AM IST

Ninth day of Shardiya Navratri
मां सिद्धिदात्री

शारदीय नवरात्रि का आज नौवां दिन (Shardiya Navratri 2022) है. आज मां सिद्धिदात्रि (Maa Siddhidatri) की पूजा अर्चना की जा रही है. आज के दिन एकाग्र मन से मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से विवेक की प्रप्ति होती है और परिवार में खुशहाली आती है.

बीकानेर. देवी की आराधना का शारदीय नवरात्रि के महापर्व के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. मां सिद्धिदात्री (Maa Siddhidatri ) को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है. निश्चल भाव से एकाग्र चित्त होकर मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से प्रसन्न होकर मां सिद्धिदात्री सिद्धियां प्रदान करती है और सिद्धियों के रास्ते मोक्ष के लिए खुलते हैं. ऐसे में मां सिद्धिदात्री को मोक्षदायिनी भी कहा जाता है. पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया मां सिद्धिदात्री मोक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं.

महानवमी तिथि और शुभ मुहूर्त- महानवमी का शुभ मुहूर्त 3 ​​अक्टूबर को शाम 04:37 बजे शुरू होगा और 4 अक्टूबर को दोपहर 02:20 बजे समाप्त होगा. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:38 बजे से शुरू होकर 05:27 बजे समाप्त होगा. अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:46 से दोपहर 12:33 तक जबकि विजय मुहूर्त दोपहर 02:08 से दोपहर 02:55 तक रहेगा.

पंडित राजेंद्र किराडू

भगवान शिव ने की थी तपस्या: पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया शास्त्रों में इस बात का उल्लेख है कि भगवान शिव ने भी देवी सिद्धिदात्री की आराधना और तपस्या की थी. उन्होंंने कहा कि भगवान शिव की तपस्या से देवी सिद्धिदात्री प्रसन्न हुई थी और शिव पार्वती का अर्धनारीश्वर तभी से प्रचलन में आया है. उन्होंने बताया कि 9 दिन पर्यंत भगवती देवी के नौ स्वरूपों की आराधना पूजा अनुष्ठान के बाद नौवें दिन 10 वर्ष से कम आयु की कन्याओं को भोजन कराना चाहिए. साथ में ही एक नन्हें बालक को बटुक भैरव स्वरूप में मानते हुए भोजन कराना चाहिए.

पढ़ें: Shardiya Navratri 2022 : यहां माता करतीं हैं अग्नि स्नान, रोग-दोष से मिलती है मुक्ति...

सफेद और लाल कमल प्रिय: पंडित किराडू ने बताया कि देवी सिद्धिदात्री को सफेद कमल के पुष्प और लाल कमल के पुष्प अति प्रिय है. मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना में इनका प्रयोग करना श्रेयस्कर (Maha Navami Puja Muhurat) है. इसके अलावा नैवेद्य में खीर मालपुआ हलवे का भोग लगाना चाहिए इससे परिवार में खुशहाली आएगी.

कमलासन पर विराजित हैं देवी: उन्होंने बताया कि मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं के साथ कमल पर विराजमान हैं. जिसमें वह गदा, कमल, शंक और शुदर्शन चक्र विद्यमान है. उन्होंने बताया कि मां मान्यता के अनुसार दुर्गा की नौंवी शक्ति मां सिद्धिदात्री की पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करने पर अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेकक की प्राप्ति होती है. उन्होंने बताया कि गंधर्व किन्नर, नाग, यक्ष और मनुष्य सभी को मां सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.