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शौक से शोहरत: बीकानेर के रिटायर्ड बैंकर के अजब कलेक्शन की है गजब कहानी

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Published : May 6, 2022, 2:39 PM IST

हर व्यक्ति के अपने जीवन में कोई ना कोई शौक रखता है. किसी को कुछ खाने का किसी को खिलाने का किसी को खेलने का और किसी को पहनने का. बीकानेर में 69 साल के रिटायर्ड बैंकर को अनूठा शौक (Hobbies Of Bikaner Retired Banker) है .जिसके चलते उनके पास इतना कुछ एकत्रित हो गया है जिसे समेटना किसी आम शख्स के बूते के नहीं. देखिये ये रिपोर्ट.

Hobbies Of Bikaner Retired Banker
बीकानेर के रिटायर्ड बैंकर के अजब कलेक्शन की है गजब कहानी

बीकानेर. बीकानेर के रिटायर्ड बैंकर के शौक (Hobbies Of Bikaner Retired Banker) ने जिलेभर में इन्हें एक खास पहचान दिलाई है. शौक ऐसा जिसके बारे में कल्पना करना हर किसी के बूते की बात नहीं है. नाम है इनका सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी भारत भूषण गुप्ता. 69 साल की उम्र में भी शौक पूरा करने में जुटे हुए हैं. दरअसल इन्हें अलग-अलग देशों की डाक टिकटों, नोट करेंसी को जमा करने का शौक है. हालांकि ऐसे कई लोग देश में मिल जाएंगे जिनको इस तरह का कलेक्शन करने का शौक है लेकिन आमतौर पर ऐसे लोग या तो सिर्फ करेंसी या फिर डाक टिकटों का कलेक्शन करते हैं लेकिन गुप्ता इन से एक कदम आगे निकलते हुए डाक टिकटों और करेंसी के साथ अब दुनिया में अलग-अलग बैंकों के चेक का भी कलेक्शन कर रहे हैं.

ऐसे हुई शुरुआत: गुप्ता बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही डाक टिकटों को एकत्र करने का शौक था (Philatelic Activity Of Bikaner Retired Banker) लेकिन वो कभी पूरा नहीं हो पाया. जब बैंक की सरकारी नौकरी में आए तो उनके इस शौक ने आकार लिया. धीरे-धीरे उनके पास टिकटों का संग्रह (stamp collection by Guptaji of Bikaner) होने लग गया. बताते हैं कि वो बैंक में अधिकारी थे. वहीं मुहर लगी डाक टिकट का कलेक्शन शुरू कर दिया. चूंकि उनके बैंक की शाखाएं विदेशों में भी थी तो विदेशी डाक टिकट भी जमा करने का सिलसिला चल पड़ा. शौक जब जुनून बना तो उन्होंने सरकारी कार्यालयों का रुख किया. वहां जाकर डाक टिकटों का संग्रह करना शुरू कर दिया. अच्छी बात ये थी कि इसमें कोई राशि भी खर्च नहीं करनी पड़ती थी.

शौक से शोहरत

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सेवानिवृत्त होने के बाद सिर चढ़ गया जुनून: गुप्ता जी 2010 में बैंक से रिटायर हुए. नौकरी से फुर्सत के बाद अपने हर पल को उन्होंने टिकट कलेक्शन में समर्पित कर दिया. यानी पूरी तरह से इस काम में लग गए और धीरे-धीरे अलग-अलग सिक्कों, डाक टिकटों और नोट का संग्रहण शुरू कर दिया. भारत भूषण गुप्ता बताते हैं कि पिछले साल कोरोना की लहर के बाद कुछ पाबंदियां हो गई और घर से बाहर निकलना भी कम हो गया .ऐसे में उन्होंने इस समय का उपयोग दुनिया में अलग-अलग बैंकों के चेक का कलेक्शन करते हुए किया और आज की तारीख में उनके पास दुनिया भर के 170 से ज्यादा बैंकों के चेक (Cheque Collection In Bikaner) हैं. Princely States के चेक को भी खास जगह मिली है गुप्ता जी के कलेक्शन में. इनके पास बीकानेर रियासत के साथ ही अन्य देसी रियासतों के समय प्रचलन में आए चेक हैं और उस समय प्रचलित रहे डाक टिकट का भी कलेक्शन है.

अलग-अलग सीरीज के नोट सिक्के और त्रुटि वाले नोट: अनूठा कलेक्शन देखने वाली भारत भूषण गुप्ता कहते हैं कि उनके पास भारतीय रिजर्व बैंक के सभी गवर्नर के हस्ताक्षर किए सभी तरह के नोट हैं. इसके अलावा भारतीय सिक्के जो विदेशी टकसाल में बनाए हैं वे भी उनके पास कलेक्शन में हैं. इनके पास भारत के वो नोट भी हैं जिनमें कुछ गलतिया हैं. दरअसल आरबीआई की ओर से प्रिंट किए जाने वाले नोट में किसी भी प्रकार की त्रुटि आम तौर पर सामान्य व्यक्ति को एक बार में नजर नहीं आती लेकिन संयोग से गुप्ताजी के पास ऐसे नोट भी हैं जिनमें छापने के दौरान गलती रह गई. गुप्ता बताते हैं कि एक सीरीज का नोट एक बार ही छपता है लेकिन जब उस नोट में गलती रह जाती है तो उसी चीज का नंबर स्टार लगा कर दोबारा छापा जाता है ऐसे नोट भी उनके पास बड़ी संख्या में है.

शुरुआत में विरोध लेकिन अब सब साथ: गुप्ता जी कहते हैं रिटायरमेंट के बाद (Hobbies Of Bikaner Retired Banker) उन्हें जो फंड मिला उसका उपयोग उन्होंने कई जगह के करेंसी चेक और सिक्कों को लेने के लिए किया. इस खर्चीले शौक की मुखालफत परिजनों ने भी की. क्योंकि इसमें पैसा भी लगते और रिटर्न कुछ नहीं था. लेकिन धीरे-धीरे सबकुछ पटरी पर आता गया. लोग गुप्ता जी को पहचानने लगे, ख्याति बढ़ी और लोग कलेक्शन को निहारने आने लगे. इसके बाद परिवार वालों को इस संग्रह की अहमियत का एहसास हुआ और सपोर्ट मिलने लगा. अब तो लोग मुंहमांगी कीमत पर इस अद्भुत कलेक्शन को खरीदने तक आते हैं. लेकिन बड़ी मेहनत से अर्जित संग्रह को धुन के पक्के गुप्ताजी बेचने को तैयार नहीं, कहते हैं ये व्यापार के लिए नहीं मेरे शौक का हिस्सा है, भला कैसे इसे बेच दूं.

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