भरतपुर. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में रविवार को 39वीं सारस गणना शुरू की गई. इस अवसर पर उद्यान के सालिम अली व्याख्यान केंद्र पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी में पहुंचे तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ सुभाष गर्ग ने उद्यान प्रशासन और वन्य जीव विशेषज्ञों से पानी की समस्या को लेकर चर्चा की. डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान कैनाल को पहले 400 करोड़ और हाल ही में 9600 करोड़ स्वीकृत किए हैं.
PM की कही दिलाई याद: डॉ गर्ग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2018 में अजमेर में पूर्वी राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल कराने का वादा किया था (Subhash Garg Ask PM To Declare ERCP as national Project) लेकिन अभी तक उनके कान पर जूं नहीं रेंग रही। या तो केंद्र सरकार पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा दिलाए अन्यथा 13 जिलों की जनता वर्ष 2023 में इसका जवाब देगी.
13 जिलों को लाभ: डॉ सुभाष गर्ग ने कहा कि यदि राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना (Subhash Garg Ask PM To Declare ERCP as national Project) का दर्जा मिल जाता है तो पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों की जनता किसान लाभान्वित होंगे. इसलिए प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्वी राजस्थान कैनाल परियोजना के लिए पहले चार सौ करोड़ और अब 9600 करोड रुपए स्वीकृत किए हैं.
शेखावत लें संन्यास: डॉ सुभाष गर्ग ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को उनके बयान पर घेरते हुए कहा कि मंत्री शेखावत ने कहा था कि यदि प्रधानमंत्री ने पूर्वी राजस्थान कैनाल को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने की बात कही हो तो राजनीति से संन्यास ले लूंगा. अब मंत्री शेखावत अपने वचन के अनुसार राजनीति से संन्यास लें. संगोष्ठी में पूर्व सांसद पंडित राम किशन,काका रघुराज, उद्यान निदेशक मोहित गुप्ता, नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के अध्यक्ष कृष्ण कुमार सहित अन्य वक्ताओं ने केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पानी की समस्या को लेकर चिंता व्यक्त की. इस दौरान उद्यान के कर्मचारी, गाइड ,रिक्शा चालक और स्कूली बच्चों की अलग अलग टीम बनाकर केवलादेव उद्यान के जलीय क्षेत्रों में सारसों की गणना करने के लिए भेजा गया.