अलवर. देश की औद्योगिक राजधानी अलवर एनसीआर का हिस्सा है. यहां प्रदूषण फैलाने वाले क्रेशर, हॉट मिक्सर प्लांट व अन्य प्रदूषणकारी मशीनों के संचालन पर रोक नहीं है. जबकि केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने सभी तरह के जनरेटर पर रोक लगा दी है. इससे व्यापारी परेशान हैं. मॉल, रेस्टोरेंट, फ्लैट, सैलून मैरिज गार्डन जगह जनरेटर काम में आता है.
अलवर सहित पूरे एनसीआर में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है. प्रदूषण रोकने की जगह केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड केवल खानापूर्ति करने में लगा है. एनसीआर में क्रेशर, हॉट मिक्सर प्लांट, उद्योगों में चलने वाली अन्य मशीनों के संचालन की अनुमति दे दी गई, लेकिन डीजी सेट (जनरेटर) पर पाबंदी अभी लागू है. जबकि डीजी सेट (Ban on DG set in Alwar) का उपयोग तभी किया जाता है, जब बिजली सप्लाई बंद हो जाए. ऐसे में साफ है कि सरकार की नीति व नियमों दिखावे तक सिमट कर रह गए हैं.
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केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने क्रेशर संचालन को छूट दी है. जबकि क्रेशर में पत्थर पिसने के दौरान बड़े क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैलता है. पत्थर की पिसाई के दौरान धूल का गुबार बन जाता है. क्रेशर पर डम्पर एवं ट्रोले की आवाजाही से कई किलोमीटर क्षेत्र में वायु प्रदूषण फैलता है. इसके बाद भी सरकार को क्रेशर संचालन और हॉट मिक्सर प्लांट संचालन में आपत्ति नहीं है. जबकि हॉट मिक्सर प्लांट से फैलने वाला प्रदूषण डीजी सेट से कई गुना ज्यादा होता है.
डीजी सेट बंद होने से उद्योगों के अलावा, होटल, रेस्त्रां, मैरिज गार्डन, मॉल्स, व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स, व्यापारिक संस्थान सहित अन्य व्यवसाय में खासा फर्क पड़ता है. इस संबंध में व्यापारी कई बार प्रदूषण विभाग के उच्च अधिकारियों से मिल चुके हैं. लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है. कुछ समय पहले केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की टीम ने जिले में चलने वाले करीब 16 जनरेटर को सील किया था.