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पुष्कर पुश मेले पर असमंजस बरकरार, स्थानीय लोगों ने शासन और प्रशासन से उठाई मांग

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Published : Oct 7, 2022, 5:43 PM IST

Suspense over Pushkar cattle fair 2022, locals raised demand to clear the status
पुष्कर पुश मेले पर असमंजस बरकरार, स्थानीय लोगों ने शासन और प्रशासन से उठाई मांग

अजमेर के पुष्कर में होने वाले पशु मेले को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई (Suspense over Pushkar cattle fair 2022) है. जिला प्रशासन को इस संबंध में कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है. अब स्थानीय लोगों से सुझाव मांगे गए हैं. सुझाव देने के साथ ही लोगों ने मेला आयोजन की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है.

अजमेर. अंतरराष्ट्रीय पुष्कर पशु मेले को लेकर असमंजस जारी (Suspense over Pushkar cattle fair 2022) है. अजमेर जिला प्रशासन की ओर से आगामी दिनों में पुष्कर में पशु मेले के आयोजन को लेकर राज्य सरकार से मांगे गए मार्गदर्शन पर कोई जवाब नहीं आया है. जबकि पुष्कर धार्मिक मेले की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पशु मेले को लेकर पशुपालन विभाग, कारोबारी और पशुपालक भी असमंजस में हैं. पुष्कर पशु मेले को लेकर स्पष्ट आदेश की मांग उठने लगी है. बता दें कि पुष्कर पशु मेला पर्यटन उद्योग की रीढ की हड्डी है।

जगतपिता ब्रह्मा की नगरी पुष्कर में 26 अक्टूबर से पुष्कर मेले का आगाज होगा. जबकि दिवाली के दूसरे दिन से ही पुष्कर में पशुपालकों का आना शुरू हो जाता है. पुष्कर में धार्मिक मेला और पशु मेला का आयोजन सदियों से होता आ रहा है. यही वजह है कि समय के साथ पुष्कर में पर्यटन उद्योग भी पनप चुका है. वर्तमान में पुष्कर की अर्थव्यवस्था तीर्थयात्रियों और पर्यटकों पर निर्भर है. 15 दिन के पुष्कर मेले के दौरान ही पुष्कर पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए व्यवसाय को 300 करोड़ रुपए की आय होती है.

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इस बार भी पर्यटन उद्योग से जुड़े हुए कारोबारियों ने मेला आयोजन से पूर्व देसी और विदेशी पावणों के आने की उम्मीद में अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. इन सबके बीच पुष्कर पशु मेले को लेकर संशय के बादल छठ नहीं रहे. हाल ही में जिला प्रशासन ने पुष्कर सलाहकार समिति की बैठक आयोजित कर लोगों से मेला आयोजन को लेकर सुझाव मांगे हैं. हालांकि प्रशासन भी पुष्कर पशु मेले के आयोजन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पाया है.

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पुष्कर पशु मेले के आयोजन की उठी मांग: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेले के आयोजन को लेकर अब दिन कम ही रह गए हैं. पुष्कर पशु मेला पर्यटन उद्योग के लिए काफी महत्वपूर्ण है. दरअसल देशी-विदेशी पर्यटक पुष्कर पशु मेले में आने वाले पशुओं और लोक संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों को देखने के लिए पशु मेले में आते हैं. पुष्कर के सामाजिक कार्यकर्ता और कारोबारी अरुण पाराशर ने प्रशासन से पुष्कर पशु मेले को लेकर बन रही असमंजस की स्थिति को स्पष्ट करने की मांग की है.

पराशर ने कहा कि पुष्कर के स्थानीय लोग पर्यटन उद्योग पर निर्भर हैं. उनकी आजीविका तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के पुष्कर आने पर ही निर्भर है. उन्होंने बताया कि सलाहकार समिति की बैठक में प्रशासन स्थानीय प्रबुद्धजनों से मेला आयोजन को लेकर सुझाव दिए हैं, लेकिन पुष्कर पशु मेले के आयोजन की स्थिति को स्पष्ट नहीं किया है. मेले के आयोजन को लेकर पुष्कर के घाटों पर शास्त्रीय गायन, धार्मिक भजन गायन के कार्यक्रम का आयोजन करने का भी सुझाव दिया गया है. वहीं पुष्कर स्टेडियम में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्तर भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप ही करने का सुझाव दिया गया है.

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पुष्कर होटल एसोसिएशन के सचिव गोविंद पाराशर ने बताया कि पुष्कर मेले में हर वर्ष होने वाली सांस्कृतिक गतिविधियों में राजस्थान पुलिस और भारतीय सेना की भी सहभागिता सुनिश्चित की जाए. सरोवर के घाटों पर 5 दिन अलग-अलग कलाकारों की ओर से भजन संध्या का आयोजन रखा जाए. एकादशी के दिन राजस्थान सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर घाट पर महाआरती का आयोजन हो. पाराशर ने कहा मेले में होने वाले कार्यक्रमों की एक बुकलेट 10 दिन पहले प्रसारित किए जाने की मांग की है.

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