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हादसों से भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक, अजमेर में 10 दिनों में 13 की मौत...अब पंचायतों को होगा एडवाइजरी जारी

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Published : Oct 6, 2022, 7:23 PM IST

Updated : Oct 6, 2022, 11:08 PM IST

अजमेर के ग्रामीण क्षेत्रों में बरसाती नाड़ियों में डूबने से हो रही मौतों का आंकड़ा बढ़ता (Increasing Cases of Deaths due to drowning) जा रहा है. इस साल केवल 10 दिनों में 13 की मौत हो गई. इनमें 6 बच्चे भी शामिल हैं. लेकिन प्रशासन इन हादसों के बाद भी सचेत नहीं हो रहा है.

ACcident in Ajmer
ACcident in Ajmer

अजमेर. ग्रामीण क्षेत्रों में बरसाती नाड़ियां लोगों के लिए काल बन रही है. चारागाह, वन क्षेत्र में (Increasing Cases of Deaths due to drowning) मौजूद इन बरासती नाड़ियों में 10 दिनों में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. हर साल बारिश के बाद कमोबेश तीन-चार लोगों की मौत नाड़ी में डूबने से होती है. लेकिन इस बार डूबकर मरने वालों की संख्या हर बार से काफी ज्यादा है.

अजमेर जिले में इस बार मानसून मेहरबान रही. प्राकृतिक जल स्रोतों में बरसाती पानी की आवक भी हुई है. वहीं वन और चरागाह क्षेत्रों में स्थित बरसाती पानी की नाड़ियां भी लबालब भरी हैं. चरागाह और वन क्षेत्रों में स्थित नाड़ियों में लोग गर्मी से राहत पाने के लिए नहाने उतर जाते हैं, जिससे कई बार हादसा घटित हो जाता है. कई बार एक को बचाने के चक्कर में कई लोग हादसे में अपनी जान गवां देते हैं. वहीं 27 सितंबर से 5 अक्टूबर तक नाड़ियों में डूबने से 13 की मौत हो चुकी है. इनमें 6 बच्चें भी शामिल हैं.

हादसों से भी प्रशासन ने नहीं लिया सबक.

10 दिनों में यहां हुए हादसे

पहला हादसा : 27 सितंबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के पीसांगन तहसील में नया गांव प्रतापपुरा में चार बच्चों की नाड़ी में डूबने (4 Drowned in Nasirabad) से मौत हुई थी. मवेशी चराते हुए चारों बच्चें नाड़ी के समीप पंहुचे और नहाने के लिए पानी में उतर गए. इस दौरान जो पहले नाड़ी में उतरा वह गहराई में समा गया उसे बचाने एक के बाद एक चारों बच्चें हादसे का शिकार हो गए.

पढ़ें. अजमेर: नाड़ी में नहाने उतरे चार बच्चों की डूबने से मौत

दूसरा हादसा : 29 सितंबर को सरवाड़ तहसील के गांव पीपरोली धाकडान में 3 बच्चों की (3 Children Drowned in Ajmer) नाड़ी में डूबने से मौत हुई थी. खेल-खेल में यह बच्चें भी नाड़ी में उतरे थे और हादसे का शिकार हो गए.

पढे़ं. Three drowned in Ajmer: पानी के गड्ढे में डूबने से भाई-बहन सहित 3 की मौत

तीसरा हादसा : 5 अक्टूबर को नसीराबाद उपखंड क्षेत्र के नांदला गांव में मूर्ति विसर्जन करते हुए (6 Drowned during idol immersion in Nasirabad) बड़ा हादसा हुआ था. मूर्ति विसर्जन करने के दौरान एक व्यक्ति नाड़ी में उतरा और गहराई में चला गया. उसे बचाने के लिए एक के बाद एक 5 लोग भी नाड़ी उतरे और सभी डूब गए.

पढ़ें. नसीराबाद में मूर्ति विसर्जन के दौरान हादसा, 6 लोगों की नाड़ी में डूबने से मौत

नाड़ियों की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल : तालाब की गहराई पता लगाई जा सकती है लेकिन नाड़ियों की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल होता है. नाड़ियों में जल का स्त्रोत बरसाती पानी होता है. नाड़ी में कहीं कम तो कहीं गहराई अधिक होती है. कम गहराई होने की गफलत में ही लोग नाड़ी में उतर जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते है.

हादसों से भी नहीं लिया सबक : लगातार हो रहे हादसों के बाद भी प्रशासन और पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया है. ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कोई अभियान प्रशासन और पुलिस की तरफ से नहीं चलाया जा रहा है. जबकि ग्राम पंचायत स्तर पर एलान करवा कर ग्रामीणों को बरसाती नाड़ी से बच्चों और खुद को दूर रखने के लिए आगाह करने की कवायद की जानी चाहिए. ताकि लोग बरसाती नाड़ी में नहाने के लिए नहीं उतरे.

इनका कहना है : ईटीवी भारत ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेमंत स्वरूप माथुर से इस मुद्दे पर बातचीत की. माथुर ने माना कि इससे पहले जिला परिषद से कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है. इस बार बारिश अच्छी होने से नाड़ियों में पानी की आवक हुई है. गहराई का अंदाजा नहीं होने से हादसे हुए हैं. इसलिए सभी ग्राम पंचायत को आज ही एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए जा रहे हैं. ग्राम पंचायत अपने स्तर पर लोगों को जागरूक करें और नाड़ियों के पास चेतावनी के बोर्ड भी लगाएं. ताकि हादसों पर अंकुश लग सके.

Last Updated :Oct 6, 2022, 11:08 PM IST
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