अजमेर/चित्तौड़गढ़. पिछले दो साल तक कोरोना के डर से होली के मौके पर सूनी रही गलियों से लेकर मंदिर तक इस पर श्रद्धा और स्नेह के रंगों से सराबोर नजर आए. दो साल के बाद इस बार होली का त्यौहार उल्लास और उमंग लेकर लोगों के जीवन में आया. प्रदेश में होली के मौके पर एक तरफ जहां देशी-विदेशी पर्यटक होली के मौके पर जमकर थिरके. वहीं सांवलिया के दर पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ ने अपने अराध्य के सामने जमकर होली खेली. मंदिर में उमड़े श्रद्धालुओं ने भजनों के साथ सांवलिया सेठ को रिझाया और गुलाल उड़ाए.
राजधानी जयपुर से लेकर प्रदेश के हर हिस्से में होली महोत्सव की सतरंगी छटा नजर आई. होली के मौके पर हर कोई मस्ती के रंग में सराबोर नजर आया. जयपुर में आमजन से लेकर राजनेताओं तक के बीच होली की खुमारी दिखाई दी. हर कोई दो साल बाद उत्साह के साथ मनाए जा रहे होली के त्यौहार पर अपनी भागीदारी निभाता नजर आया.
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होली पर लौटी पुष्कर की रौनक
अजमेर का पुष्कर होली (Pushkar holi festival) के मौके पर लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता आया है. दो साल के बाद पुष्कर की प्रसिद्ध होली की रौनक फिर से लौट आई. होली पर आलम यह रहा कि हर कोई सतरंगी रंगों में रंगा हुआ नजर आया. 3 वर्ष पहले तक पुष्कर में कपड़ा फाड़ होली का आयोजन रखा जाता था. इस कपड़ा फाड़ होली में देशी विदेशी पर्यटक (foreign tourists enjoy holi festival) शिरकत किया करते थे. लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने कपड़ा फाड़ होली को तीर्थ की गरिमा के विपरीत बताया. लिहाजा प्रशासन ने कपड़ा फाड़ होली पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद कोरोना की वजह से होली का आयोजन नहीं हो पाया.
लेकिन इस बार पुष्कर में उड़ते गुलाल और थिरकते लोगों के बीच होली का त्यौहार पूरे चरम पर नजर आया. इस बार वराह घाट चौक पर सामूहिक होली का आयोजन रखा गया. पुष्कर की होली मैं शामिल होने के लिए देशी और विदेशी पर्यटकों का हुजूम उमड़ पड़ा. हर तरफ रंगों से रंगे हुए चेहरे थे और मस्ती आलम था. तेज आवाज में बजता संगीत देशी विदेशी पर्यटकों को झूमने पर विवश कर रहा था. सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक पुष्कर में होली का आयोजन रहा. पुष्कर की होली फिर से लौट आने से स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल दिखाई दिया. बाजारों में भीड़ नजर आ रही थी. वहीं स्थानीय दुकानदारों और होटल रेस्टोरेंट व्यापारियों की भी चेहरे खिले हुए थे.
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गैर नृत्य के साथ कलाकारों ने दी प्रस्तुति
पुष्कर में स्थानीय और अन्य जिलों से आए कलाकारों की प्रस्तुतियां भी हुई. कई प्रकार के आयोजनों से देशी विदेशी पर्यटकों में आकर्षण भी बढ़ा है. पुष्कर कस्बे के ला बेला होली मंडल के तत्वाधान में आयोजित किए जा रहे होली महोत्सव के समापन कार्यक्रम में डीजे की धुन पर देश भर से आए हजारों पर्यटको ने रंग गुलाल से होली खेली. वराह घाट चौक स्थित आयोजन स्थल सहित कस्बे भर में 25 हजार से अधिक देशी विदेशी पर्यटको का जमावड़ा बीते 1 सप्ताह से लगा हुआ है.
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चित्तौड़गढ़ के सांवलिया के दर श्रद्धा का सैलाब
जिले में पिछले दो साल से कोरोना संक्रमण के चलते होली का आयोजन नहीं हो पाया था. लेकिन इस बार बंदिशें खत्म हुईं तो चित्तौड़गढ़ जिले के प्रख्यात कृष्णधाम श्री सांवलियाजी मंदिर में श्रद्धालुओं का सैलाब (Devotees played Holi in Shri Sanwaliyaji Temple) उमड़ पड़ा. हजारों की संख्या में श्रद्धालु फाग महोत्सव में भाग लेने के लिए आए. सुबह से ही श्रद्धालुओं के आने और होली खेलने का क्रम शुरू हो गया. समय के साथ श्रद्धालु भी बढ़ते गए.
सांवलिया सेठ मंदिर में फूलडोल महोत्सव के दौरान भारी भीड़ उमड़ पड़ी. वैसे तो श्रद्धालु बीती रात को ही आना शुरू हो गए थे. लेकिन शुक्रवार सुबह से ही कृष्णधाम सांवलियाजी में श्रद्धालुओं का रैला आना शुरू हो गया. मंदिर में 11.12 बजे राजभोग आरती समाप्त हुई जिसके बाद भगवान को भोग लगाया गया. फाग महोत्सव में श्रद्धालुओं ने भगवान के साथ जम कर फाग खेला. यहां भजनों और होली गीत पर श्रद्धालु जम कर नाचे.