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पुष्कर पशु मेला: तीन नाकों पर पशु पालकों के कोविड-19 संबंधित दस्तावेज जांचे जाएंगे...8 से 21 नवम्बर तक शिक्षकों की लगाई ड्यूटी

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Published : Nov 8, 2021, 6:45 PM IST

पुष्कर मेले में शिक्षकों की ड्यूटी , Pushkar Cattle Fair
पुष्कर पशु मेले में शिक्षकों की ड्यूटी

पुष्कर पशु मेले में 8 से 21 नवंबर तक शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है. तीन नाकों पर पशु पालकों के कोविड-19 संबंधित दस्तावेज जांचने क लिए उनकी ड्य़ूटी लगाई गई है. इसका विरोध भी शुरू हो गया है.

अजमेर. जिले के पुष्कर में सोमवार से शुरू हुए पशु मेले में शिक्षकों की ड्यूटी चुंगी और नाकों पर लगाई गई है. यह शिक्षक श्री पुष्कर बहु दिवसीय हाट 2021 में 8 से 21 नवम्बर तक आने वाले पशुपालकों को आरटीपीसीआर रिपोर्ट एवं कोविड-19 टीकाकरण की प्रथम और द्वितीय डोज से संबंधित दस्तावेज की जांच करेंगे. इसके बाद ही पशुपालक मेले में प्रवेश शामिल हो सकेंगे.

श्री पुष्कर बहु दिवसीय पशु हाट 2021 के तहत पुष्कर उपखंड अधिकारी एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट ने चेक पोस्ट भट बाय गणेश मंदिर, चुंगी चौकी अजमेर रोड, आरटीडीसी चुंगी चौकी पर तीन पारियों में 9 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है. यह शिक्षक 8 से 21 नवंबर तक पशु मेले में आने वाले पशुपालकों की कोरोना संबंधी दस्तावेजों की जांच करेंगे और उसी के आधार पर पशुपालकों को मेला स्थल तक जाने की अनुमति देंगे.

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शिक्षकों की ड्यूटी प्रथम पारी में सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक, द्वितीय पारी दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक एवं तृतीय पारी रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक रहेगी. शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाए जाने का विरोध भी शुरू हो चुका है. शिक्षक नेता विजय सोनी ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को ट्वीट करके पुष्कर एसडीएम के आदेश निरस्त कराने की मांग की है.

सोनी ने बताया कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाए. बावजूद इसके पुष्कर उपखंड अधिकारी ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाया है शिक्षक चुंगी और नाकों पर नियुक्त किए गए हैं. पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा मंदिर में श्रद्धालुओं की ओर से दान पेटियों में चढ़ावे की रकम की गिनती के लिए भी पूर्व में शिक्षकों की नियुक्ति की थी. उस वक्त भी शिक्षक संगठनों ने विरोध जताया था. इस बार लंबे कोरोना काल के बाद प्रदेश में स्कूल संचालक हो रहे हैं. ऐसे में शैक्षणिक कार्य जारी है. इस बीच गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को लगाना शिक्षकों को रास नहीं आ रहा है. यही वजह है कि शिक्षकों की नाकों पर लगी ड्यूटी निरस्त करने की मांग उठने लगी है.

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