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सीएम अशोक गहलोत पर नामांकन में तथ्य छुपाने का आरोप, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी शिकायत

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 8, 2023, 8:18 PM IST

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के तहत प्रदेश के सीएम अशोक गहलोत ने अपना नामांकन पत्र भरा. अब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निर्वाचन विभाग को शिकायत देकर आरोप लगाया है कि गहलोत ने अपने नामांकन में दो गंभीर मामलों की जानकारी छुपाई है.

Gajendra Singh Shekhawat complaints against Gehlot
गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत के खिलाफ दी शिकायत

सीएम अशोक गहलोत पर तथ्य छुपाने का आरोप, गजेंद्र सिंह ने दी शिकायत

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भाजपा ने नामांकन में तथ्य छुपाने का आरोप लगाया है. बुधवार देर शाम केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने निर्वाचन विभाग में तथ्य छुपाने की शिकायत दी है. गजेंद्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानबूझकर अपने नामांकन में दो गंभीर मामलों की जानकारी छुपाई है. इसमें एक जमीन घोटाले का मामला है और दूसरा अन्य क्राइम का मामला है. गजेंद्र सिंह शेखावत ने निर्वाचन विभाग से अपील की है कि इन्हें संज्ञान में लेकर कार्रवाई करें.

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव 2023 के लिए जो नामांकन पत्र दाखिल किया है. उसमें दो गंभीर मामलों को की जानकारी छुपाई है. नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ-पत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विरुद्ध चल रहे दो आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी है. एक जमीन घोटाले से जुड़ा मामला है. दूसरा लूट और यौन हिंसा जैसे संगीन अपराध का मामला है.

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उन्होंने दोनों मामलों की जानकारी को अपने शपथ पत्र में छुपाया है. लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 ए के तहत संघीय अपराध है. हमने इलेक्शन कमीशन को शिकायत की है कि इस पर संज्ञान लेकर समुचित कार्रवाई करें. गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से शिकायत दर्ज करवाई गई है कि नामांकन पत्र में गलत सूचना देने और अधूरा भरने की स्थिति में चुनाव आयोग की ओर से नामांकन तत्काल रद्द करके उम्मीदवारी निरस्त करने का प्रावधान है. अशोक गहलोत की ओर से अपने नामांकन पत्र को पेश किया गया. जिसमें सभी लंबित आपराधिक प्रकरणों का विस्तृत ब्यौरा देना आवश्यक था, लेकिन जानबूझकर अधूरा विवरण प्रस्तुत किया गया है. दो आपराधिक प्रकरणों की जानकारी नामांकन पत्र में नहीं दी गई है.

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अशोक गहलोत के खिलाफ पहले आपराधिक मामला 8 सितंबर, 2015 को जयपुर के गांधीनगर थाने में फिर संख्या 409/ 2015 धारा 166, 409, 420, 467, 468, 471 और 120बी भारतीय दंड संहिता के तहत दर्ज हुआ था. यह प्रकरण वर्तमान में न्यायालय अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर के समक्ष विचार अधीन है. जिसमें आगामी तारीख 24 नवंबर, 2023 है. एक अन्य प्रकरण भी अशोक गहलोत के विरुद्ध विचाराधीन है. जिसका विवरण भी नामांकन पत्र में नहीं दिया गया है.

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गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दी गई शिकायत में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पहले भी विधानसभा चुनाव 2013 और विधानसभा चुनाव 2018 में मिथ्या शपथ पत्र पेश करके तथ्यों को छुपाया गया था. जिसकी शिकायत करने के पश्चात भी राज्य चुनाव आयोग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता है. अशोक गहलोत ने जानबूझकर अपराधिक प्रकरण और तथ्य छुपा कर नामांकन पत्र पेश करके उच्चतम न्यायालय के न्याय दृष्टांतों का उल्लंघन किया है.

शेखावत के मुताबिक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 ए के तहत शपथ पत्र में तथ्य छुपा कर झूठी जानकारी देने का अपराध किया है. इससे पहले भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, शासन सचिवालय जयपुर और जिला निर्वाचन अधिकारी जोधपुर को भी सूचना दी गई थी. लेकिन अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई, ना ही नामांकन पत्र खारिज किया गया. शेखावत ने अपील की है कि गहलोत का नामांकन पत्र तत्काल प्रभाव से खारिज कर निरस्त करावें. मिथ्या शपथ पत्र शपथ पत्र पेश करने के कारण अपराधिक प्रकरण दर्ज करके कार्रवाई करें.

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