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गुजरात: दलित समुदाय ने नए संसद भवन में 1000 किलो का सिक्का लगाने की तैयारी की

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Published : Jul 20, 2022, 9:30 AM IST

Updated : Jul 20, 2022, 12:48 PM IST

गुजरात में दलित समुदाय की ओर से नये संसद भवन में 10 फीट लंबा सिक्का लगाने की तैयारी की गयी है. यह सिक्का 'अस्पृश्यता' को लेकर है.

Dalit society has prepared  to place a 1000 kg coin in the new parliament building
दलित समाज ने नए संसद भवन में 1000 किलो का सिक्का लगाने की तैयारी की

साणंद : अहमदाबाद के साणंद में दलित समुदाय द्वारा पहली बार देश भर से पीतल लाकर 10 फीट लंबा सिक्का बनाया गया है. सिक्के के एक तरफ डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर और दूसरी तरफ भगवान बुद्ध की छवि है. सिक्के पर 15 अलग-अलग भाषाओं में 'अस्पृश्यता' शब्द लिखा हुआ है. इस संबंध में केंद्र सरकार को पत्र भेजा गया है, जबकि सरकार की ओर से इस बारे में किसी तरह का कोई जवाब नहीं दिया है.

देश में आजादी के अमृत के अमृत आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. सामाजिक कार्यकर्ता मार्टिन मैकवान ने ईटीवी भारत के संवाददाता से बात करते हुए कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ था. इस साल हम आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि क्या बाबा साहब के देश से अस्पृश्यता उन्मूलन का सपना 2047 में साकार होगा? यह आज देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

1000 किलो का सिक्का

आज दलित समाज के लोगों को मंदिर जाने से भी रोका जाता है. अस्पृश्यता की सामाजिक समस्या के कारण लोगों का मानना है कि इस सिक्के की सहायता से अधिक वजन आएगा. इस छुआछूत को मिटाने की अनूठी पहल के साथ दलित समुदाय की ओर से इस सिक्के को ढालकर देश को समर्पित किया जाएगा. इसके लिए कुल 15 राज्यों से पीतल आया है. जिसमें राजस्थान, बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना जैसे राज्यों के लोगों ने पीतल दिया है. इन सिक्कों से विश्वरंजन और बल्लू ने इस विशाल सिक्के को ढाला.

12वीं शताब्दी में पाटन में मेघमाया नाम के एक युवक को अछूत माना जाता था. उसने पानी के लिए खुद को बलिदान कर दिया. यह निश्चय किया गया कि राजा इस यज्ञ में कोई भेद-भाव नहीं करेगा जिससे आज नया घर या कोई भवन बन रहा है. उस समय नींव में 1 रुपये या चांदी का सिक्का रखा जाता था. इसे देखते हुए दलित समाज 1 रुपये के 20 सिक्के पूरे देश से देगा. इसका वजन करीब 12 से 14 टन होगा.

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एक अगस्त 2022 को साणंद में एक विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा और इस सिक्के को एक ट्रक में डालकर दिल्ली ले जाया जाएगा. सात दिन बाद यह सिक्का दिल्ली पहुंच जाएगा. इसके लिए विशेष रैली निकाली जाएगी. जिसे उपयुक्त रूप से 'भीम रुदन' नाम दिया गया है. रैली में 350 लोग शामिल होंगे. इसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश के दलित लोग शामिल होंगे. एक आवेदन भी दिया जाएगा.

Last Updated :Jul 20, 2022, 12:48 PM IST
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