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यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे, Health for All - Protect Everyone थीम पर मन रहा है

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Published : Dec 12, 2022, 12:01 AM IST

दुनिया भर में लोगों को बिना किसी भेदभाव स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने, इसके लिए ना सिर्फ वित्तीय बल्कि हर संभव तरह से उनकी मदद के लिए प्रयास करने तथा इस दिशा में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दुनियाभर में हर साल 12 दिसंबर को “यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे” (Universal Health Coverage Day) मनाया जाता है. Universal health coverage day 12 december 2022 theme health for all . UHC Day 12 December .

Universal health coverage day 12 december 2022 theme health for all . UHC Day 12 December .
यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे

दुनिया भर में लाखों लोग हैं जो आज भी पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं. हालांकि समय के साथ वैश्विक स्तर पर चिकित्सा पद्दती तथा उससे जुड़ी अन्य विधाओं के क्षेत्र में तथा उनसे जुड़ी सुविधायों को लेकर भी काफी विकास हुआ है, लेकिन अभी भी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर आर्थिक , सामाजिक तथा कई अन्य कारणों से बड़ी संख्या में लोग सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज का लाभ नहीं उठा पाते हैं. हर व्यक्ति को, हर जगह, बिना वित्तीय या आर्थिक तथा अन्य कठिनाइयों का सामना किए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके, इसी उद्देश्य से हर साल विश्व भर में 12 दिसंबर को “यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे” या ‘अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक हेल्थ कवरेज दिवस मनाया जाता है. Universal Health Coverage Day. Universal health coverage day 12 december 2022 theme health for all . UHC Day 12 December .

इस वर्ष यह दिवस “सभी के लिए स्वास्थ्य: सभी को सुरक्षित रखें- Health for All: Protect Everyone थीम पर मनाया जा रहा है. इस थीम के पीछे का उद्देश्य कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी के संकट को समाप्त करने, एक सुरक्षित और स्वस्थ भविष्य का निर्माण करने के लिए प्रयास करने तथा स्वास्थ्य प्रणालियों में निवेश करने के लिए लोगों व संस्थाओं को प्रोत्साहित करना हैं.

इतिहास व उद्देश्य
Universal Health Coverage Day (UHC) दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ना सिर्फ health care system को बेहतर तथा हर आम जन की पहुंच में लाना है बल्कि हर किसी को वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ न्यायसंगत और अच्छी स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करना भी है. विशेषकर वर्तमान परिस्थितियों में, जब कोविड-19 महामारी के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया एक जटिल चुनौती के रूप में लोगों को प्रभावित कर रही है.

दरअसल 12 December 2012 को United Nations द्वारा सर्वसम्मति से एक ऐतिहासिक प्रस्ताव का समर्थन किया था, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए सभी देशों से एक आवश्यक प्राथमिकता के रूप में Universal Health Coverage की दिशा में प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया गया था. जिसके उपरांत वर्ष 2014 में यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज गठबंधन द्वारा 12 दिसंबर को UHC Day के रूप में मनाना शुरू किया था. इस अवसर पर #हेल्थ फॉर ऑल , #HealthForAll के तहत इस दिशा में सतत विकास के लक्ष्य को संयुक्त राष्ट्र 2030 एजेंडा के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में शामिल किया गया था. जिसके उपरांत वर्ष 2017 में संयुक्त राष्ट्र ने आधिकारिक तौर पर 12 दिसंबर को International Universal Health Coverage Day (अंतर्राष्ट्रीय सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस ) के रूप में नामित किया था.

क्या है सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज
सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज से तात्पर्य है कि लोगों की आय के स्तर, सामाजिक स्थिति, लिंग, जाति या धर्म को किनारे करते हुए सभी नागरिकों को समान व न्यायसंगत सुविधाएं उपलब्ध हो. इसमें चिकित्सा सुविधाएं, उपचार, पुनर्वास, देखभाल तथा रोकथाम शामिल हैं. गौरतलब हैं कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि कई सामाजिक लाभ भी हो सकते हैं जैसे जनसंख्या के स्वास्थ्य में सुधार, गरीबी में कमी तथा नौकरियों में बढ़ोत्तरी तथा वित्तीय सुरक्षा आदि .

भारत में प्रयास
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत में स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत, न्यायसंगत और लचीला बनाने के लिए कई सालों से प्रयास किया जा रहा है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अलावा कई अन्य अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा भी देश विदेश में इस दिशा में प्रयास किया जा रहें है. भारत सरकार द्वारा भी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जननी सुरक्षा योजना, मिशन इंद्रधनुष, राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति -2017, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, कर्मचारी राज्य बीमा योजना, केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस), आयुष्मान भारत-राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन तथा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (National Rural Health Mission, National Health Mission, Janani Suraksha Yojana, Mission Indradhanush, National Health Policy-2017, National Health Insurance Scheme, Employees State Insurance Scheme, Central Government Health Scheme (CGHS), Ayushman Bharat-National Health Efforts are being made to provide financial security and necessary health facilities to the citizens through Security Mission and Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana) तथा कई अन्य योजनाओं के माध्यम से नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा तथा जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है.

गौरतलब है कि इस वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में 10 और 11 दिसंबर को यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे 2022” पर सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवच विषयक दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है. जिसका लक्ष्य, “सभी के लिए आवश्यक उन प्रोत्साहन युक्त, रोकथाम युक्त, उपचारयुक्त और पुनर्वासयुक्त स्वास्थ्य सेवाओं तक आम लोगों की पहुंच बनाना है. जो पर्याप्त गुणवत्तायुक्त प्रभावकारिता रखती हों.

स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
विभिन्न रिपोर्टों तथा आंकड़ों की माने तो पिछले कुछ सालों में अधिकांश निम्न और मध्यम आय देशों में हृदय रोगियों व मधुमेह जैसी कोमोरडीबीटीयों, सांस की बीमारी तथा कैंसर व अन्य जटिल बीमारियों के चलते औसतन 30 वर्ष से ज्यादा तथा 70 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्तियों के मरने का जोखिम पहले के मुकाबले बढ़ गया है. यह अनुपात पुरुषों के लिए 22 प्रतिशत और महिलाओं के लिए 15 प्रतिशत माना गया है. लेकिन फिर भी दुनिया की कम से कम आधी आबादी के पास अभी भी आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं की पूरी कवरेज नहीं है. वहीं स्वास्थ्य देखभाल के लिए भुगतान करने के लिए लगभग 930 मिलियन से अधिक लोग जो कि दुनिया की आबादी का लगभग 12% हैं, अपने घरेलू बजट का कम से कम 10% स्वास्थ्य पर खर्च करते हैं.

देश में फिलहाल चिकित्सकों की संख्या भी जरूरत अनुसार नहीं है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंड के अनुसार हर 1,000 लोगों पर एक डॉक्टर होना चाहिए, लेकिन भारत में प्रत्येक 1,445 लोगों पर केवल एक डॉक्टर उपलब्ध है. इसके अलावा 60 प्रतिशत ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में केवल एक-एक चिकित्सक उपलब्ध है जबकि लगभग 5% प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक भी चिकित्सक नहीं है. वहीं देश में नर्सों की भी काफी ज्यादा कमी है. ऐसे में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज ना सिर्फ हमारे देश बल्कि दुनिया भर में जन तथा समाज दोनों के विकास के लिए बहुत जरूरी है.

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